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Friday, January 13, 2023

लोहड़ी स्पेशल मक्के की रोटी और सरसों का साग [ Lohri Special Punjab's Classical Makke ki roti aur Sarson ka saag recipe ]

 नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम लोहड़ी के खास अवसर पर पंजाब की क्लासिकल डिश मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाएँगे। दोस्तों, आप सभी को लोहड़ी , बिहू, मकर - संक्रांति , उत्तरायन  एवं  पोंगल आदि पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएँ । लोहड़ी का त्योहार मकर - संक्रांति से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। यह पंजाब और हरियाणा का एक प्रमुख त्योहार है। इसके अलावा लोहड़ी  दिल्ली , जम्मू - कश्मीर और हिमांचल प्रदेशों के साथ - साथ देश के हर उस हिस्से में जहां पंजाबी समुदाय के लोग रहते हैं, वहाँ धूम - धाम से मनाया जाता है।  इसके साथ ही असम में बिहू, मध्य भारत में मकर - संक्रांति  और दक्षिण भारत में पोंगल मनाने की भी परंपरा है। ये सभी पर्व नयी फसल के होने की खुशी में मनाए जाते हैं। इसलिए इन्हें अँग्रेजी भाषा में  ''क्रॉप फेस्टिवल ऑफ इंडिया '' भी कहा जाता है। इन त्योहारों के साथ ही ऐसा माना जाता है कि सर्दियाँ कम होने लगती हैं और वातावरण काफी खुशनुमा हो जाता है। 

             लोहड़ी की शाम को लोग लकड़ी जलाकर अग्नि के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, आग में रेवड़ी , मूँगफली , खील और  मक्की के दानों आदि की आहुति दी जाती है। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि जो भी नयी फसल हुई है उसे पहले भगवान को अर्पण करके तब उसका सेवन किया जाता है। बाजे - गाजे , ढ़ोल - नगाड़े आदि के साथ लोग लोहड़ी के गीत गाते हैं, झूमते - नाचते हैं और पूरे हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।  यह त्योहार नयी बहू और घर में अगर कोई बच्चा हुआ है , उसके लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन नव- विवाहित जोड़े और नवजात बच्चों  को बड़े - बुजुर्गों और भगवान से आशीर्वाद दिलाया जाता है। लोग गज़क , रेवड़ी , खील , मूँगफली आदि का लुत्फ उठाते हैं और एक - दूसरे को लख - लख बधाइयाँ देते हैं। 

       लोहड़ी का त्योहार मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कथा है। ऐसा कहा जाता है कि जब भारत में अकबर का शासन था , उन दिनों दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब प्रांत का सरदार हुआ करता था। उसे ''पंजाब का नायक'' भी कहा जाता था। उन दिनों पंजाब में एक संदलबार नाम की एक जगह हुआ करती थी ,[ जो अब विभाजन के बाद पाकिस्तान में स्थित है ] , वहाँ लड़कियों की खरीद - फ़रोक्त होती थी और उनका पूरा जीवन नरकतुल्य कष्टों में बीतता था। तब दुल्ला भट्टी ने इसका विरोध किया और इस कुप्रथा को समाप्त कर अनेकों लड़कियों को उनका खोया हुआ सम्मान दिलवाया और उनका विवाह करवाकर उन्हें एक सम्मानित जीवन प्रदान किया। इसी कारण उन्हें ''पंजाब का नायक'' भी कहा जाने लगा। लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कथा सुनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि दुल्ला भट्टी की कथा के बगैर लोहड़ी अधूरी है। 

          इस दिन सभी पंजाबी घरों में गज़क , रेवड़ी और खील आदि के साथ जो एक व्यंजन विशेष रूप से बनता है, वह है ;-'' मक्के की रोटी और सरसों का साग''। जैसे दुल्ला भट्टी की कहानी के बगैर लोहड़ी अधूरी है वैसे ही मक्के की रोटी और सरसों के साग के बगैर भी लोहड़ी अधूरी है। यह पंजाब की एक क्लासिकल और पारंपरिक डिश है। यह पोषक तत्वों से भरपूर और स्वाद में बेमिसाल होती है। सरसों का साग केवल एक अकेले सरसों के साग से ही नहीं बनता है, बल्कि उसमें पालक और बथुआ आदि सागों का सम्मिश्रण भी होता है। तीनों साग एक साथ मिलकर इस डिश के स्वाद में चार चाँद लगा देते हैं और गरमागरम मक्के की रोटी के ऊपर तैरता हुआ सफ़ेद मक्खन किसी को भी ललचाने की क्षमता रखता है। लेकिन तीनों सागों की मात्रा में सटीक अनुपात का होना बहुत आवश्यक है,नहीं तो इससे साग के स्वाद में बहुत अंतर पड़ जाता है। जितना सरसों का साग है, उसका 1/4 ही बथुआ और पालक का साग होना चाहिए, इस बात का विशेष ध्यान रखें।  मक्के की रोटी और सरसों के साग को प्याज़ , हरी मिर्च , सफ़ेद मक्खन और गुड के साथ सर्व किया जाता है। पंजाब में पारंपरिक रूप से सरसों के साग को मिट्टी के बर्तन में घंटों घोटकर पकाया जाता है, लेकिन उसमें थोड़ा वक़्त ज्यादा लगता है। इसलिए आज इस रेसिपी में मक्के की रोटी और सरसों के साग को जल्दी और आसान तरीके से बनाने की विधि स्टेप बाई स्टेप बताई गयी है साथ ही साथ सारे टिप्स और ट्रिक्स भी शेयर किए गए हैं। तो चलिये फिर देर किस बात की , स्वाद और सेहत से भरपूर पंजाब की क्लासिकल डिश मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाना शुरू करते हैं। 



सरसों का साग 


सामग्री 


  1. सरसों का साग ;- 1 किलो 
  2. बथुए का साग ;- 250 ग्राम 
  3. पालक का साग ;- 250 ग्राम 
  4. पानी ;- 2 कप 
  5. बटर ;- 1 टेबल - स्पून 
  6. घी ;- 2 टेबल - स्पून 
  7. बारीक कटा लहसून ;- 1 टेबल - स्पून 
  8. बारीक कटी अदरक ;- 1 टी- स्पून 
  9. बारीक कटी हरी मिर्च ;- 2 
  10. बारीक कटी प्याज़ ;- 1/4 कप या 1 बड़ा प्याज़ 
  11. मक्के का आटा ;- 1 टेबल - स्पून 
  12. नमक;- स्वादानुसार 

तड़के के लिए सामग्री 

  1. घी;- 2 टेबल - स्पून 
  2. कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर ;- 1/2 टी- स्पून 
  3. कसूरी मेथी ;- 1 टेबल- स्पून 


विधि 


  1. सबसे पहले पालक , बथुआ और सरसों को अच्छे से साफ करके धो लें। फिर सभी सागों को काट लें । ज्यादा बारीक -  बारीक काटने की आवश्यकता नहीं है, क्यूंकि वैसे भी हमें साग को उबालकर पीसना ही है। 
  2. अब एक पैन या कड़ाही में 2 कप पानी डालकर गैस पर उबलने के लिए रख दें। 
  3. जब पानी में एक उबाल आ जाए तब उसमें सरसों, बथुआ और पालक के साग को डाल दें। 
  4. उलटते - पलटते हुए मीडियम आंच पर सभी सागों को पका लें। साग को पकने में 10- 15 मिनट का समय लग जाता है। 
  5. पहले तो साग मात्रा में ज्यादा लगते हैं, लेकिन जैसे -जैसे ये पकते हैं , वैसे - वैसे इनकी मात्रा कम होती जाती है। अतः इतना सारा साग देखकर घबराएँ नहीं। 
  6. साग उबालने के लिए एक बात का विशेष ध्यान रखें कि साग को उबालने के लिए प्रेशर कूकर का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें, क्यूंकि उससे साग के स्वाद में अंतर आ जाता है। अतः साग को किसी पैन या कड़ाही में ही खोलकर पकाएँ। 
  7. जब साग पक जाएँ , तब गैस बंद कर दें और एक अलग बर्तन में साग को छान लें। साग के पानी को फेंकें नहीं। इसमें बहुत सारा मिनरल और विटामिन्स होता है। उसमें थोड़ा काला नमक , थोड़ी सी कुटी हुई काली मिर्च और थोड़ा सा नींबू का रस डालकर पी जाएँ। इससे बहुत ताकत मिलती है और साग का पानी भी बर्बाद नहीं होता है। 
  8. साग को एक बार ठंडे पानी से धो लें। ठंडे पानी से धोने से एक तो साग का कूकिंग प्रोसेस रूक जाएगा और साग ओवर - कुक नहीं होगा और दूसरा उसका हरा रंग बरकरार रहेगा। 
  9. जब साग अच्छे से ठंडा हो जाए तब मिक्सर में डालकर बिना पानी डाले, दरदरा पीस लें। सरसों का साग थोड़ा दरदरा ही पीसा जाता है। बाद में उसे पकाते वक़्त कलछी से थोड़ा घोंटा जाता है। 
  10. अब एक मिट्टी के बर्तन में या किसी पैन या कड़ाही में 2 टेबल - स्पून घी और 1 टेबल- स्पून बटर डालकर धीमी आंच पर गरम कर लें। 
  11. जब घी और बटर अच्छे से गरम हो जाए तब बारीक कटा लहसून डाल दें और धीमी आंच पर लहसून को चलाते हुए गोल्डेन ब्राऊन होने और अच्छी सी खुशबू आने तक पका लें। ध्यान रखें कि हमें लहसून को जलाना नहीं है, बस लाल करना है , नहीं तो साग का टेस्ट खराब हो जाएगा । 
  12. जब लहसून पक जाए तब कड़ाही में बारीक कटा अदरक और हरी मिर्च डाल दें और उसे भी धीमी आंच पर पका लें। 
  13. इसके बाद कड़ाही में बारीक कटी प्याज़ डाल दें और उसे भी धीमी आंच पर गोल्डेन ब्राऊन होने तक पका लें। 
  14. बहुत से लोग सरसों का साग बनाते वक़्त टमाटर का इस्तेमाल भी करते हैं। मैं सरसों के साग में टमाटर का इस्तेमाल नहीं करती , क्यूंकि उससे एक तो साग का रंग थोड़ा लाल हो ज्यादा है , दूसरे इसके स्वाद में भी थोड़ा परिवर्तन हो जाता है। अगर आप भी टमाटर डालना चाहें तो प्याज़ पकने के बाद एक टमाटर को धोकर , बारीक - बारीक काट लें और उसे भी कड़ाही में डालकर पका लें। 
  15. जब प्याज़ पक जाए तब उसमें पिसा हुआ सारा साग उठाकर डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। धीमी आंच पर साग को 5 मिनट तक पकने दें। 
  16. इसके बाद साग में 1 टेबल - स्पून मक्के का आटा भी डाल दें और उसे भी अच्छे से साग में मिक्स कर दें। मक्के के आटे को डालने से साग में गाढ़ापन आता है। 
  17. धीमी आंच पर घोंटते और चलाते हुए साग को ढँककर 10- 15 मिनट के लिये  पकने दें। 
  18. 10 मिनट बाद कड़ाही का ढक्कन हटाकर सरसों के साग में स्वादानुसार नमक डाल दें। मैं यहाँ आपको एक सुझाव देना चहुंगी कि नमक थोड़ा हल्का ही रखें , क्यूंकि एक तो साग में सोडियम की भी थोड़ी मात्रा पायी जाती है, दूसरा हमने साग में बटर का इस्तेमाल भी किया है, उसमें भी नमक होता है। इसलिए एक बार थोड़ा नमक डाल , मिक्स करके टेस्ट कर लें अगर नमक कम लग रहा है तो ही नमक की मात्रा बढ़ाएँ  ,अन्यथा नहीं। 
  19. 5 मिनट तक पकाकर गैस बंद कर दें। स्वादिष्ट सरसों का साग बनकर तैयार है। इसे सर्व करने से पूर्व इसमें एक फाइनल तड़का लगाकर तब सर्व करें। 
  20. इसके लिए एक तड़का पैन में 2 टेबल- स्पून घी डालकर गरम कर लें। अब उसमें 1/2 टी- स्पून कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर और 1 टेबल- स्पून कसूरी मेथी डालकर तड़का लें और उसे सरसों के साग के ऊपर डाल दें और मिक्स कर दें। 
  21. स्वादिष्ट सरसों का साग मक्के की रोटी , प्याज़, गुड़ और हरी मिर्च के साथ सर्व करें। 




मक्के की रोटी 




सामग्री 


  1. मक्के का आटा ;- 2 कप 
  2. नमक ;- 1/2 टी- स्पून 
  3. गरम पानी ;- आवश्यकतानुसार [ आटा गूँथने के लिए ] 
  4. सफ़ेद मक्खन या घी ;- रोटी पर लगाने के लिए 



विधि 



  1. सबसे पहले 2 कप मक्के के आटे को एक परात में निकाल लें और नमक डालकर मिक्स कर दें। 
  2. अब उसके बाद थोड़ा - थोड़ा हल्का गरम पानी डालते हुए आटा गूँथकर तैयार कर लें। आटा न तो ज्यादा कड़ा गूँथें और न ही ज्यादा नरम । आटे को कम से कम 5- 7 मिनट तक मसलते हुए गूँथें, क्यूंकि जितना ज्यादा आटे की मड़ाई होती है, आटा उतना ज्यादा नरम व चिकना होता है और उसकी रोटियाँ भी नरम नरम व फूली - फूली बनती हैं। 
  3. आटा गूँथते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पानी हल्का गरम हो तभी मक्के के आटे में बाइंडिंग आएगी। अगर आप ठंडे पानी से आटा गूंथेंगे तो आटे में लचीलापन नही आएगा और आपकी रोटियाँ बार - बार टूटेंगी और फटेंगी। 
  4. बहुत से लोग मक्के के आटे में गेंहू का आटा मिलाते हैं। लेकिन गरम पानी से गूँथकर केवल मक्के के आटे की रोटियाँ भी आराम से बिना किसी परेशानी के बनाई जा सकती हैं। 
  5. आटे को ढँककर 5 मिनट के लिए सेट होने के लिए रख दें। 
  6. 5 मिनट बाद एक बार फिर से मसलकर आटे को चिकना कर लें और आटे में से एक बड़े नींबू के बराबर लोई लेकर थोड़ा सूखे मक्के के आटे में लगाकर चकले व बेलन से बेलकर रोटी तैयार कर लें। 
  7. पहले से ही गैस पर तवा गरम होने के लिए रख दें। जब रोटी बेलकर तैयार हो जाए तब गरम तवे पर डाल दें और दोनों तरफ से पलट - पलटकर और गैस पर फुलाकर रोटी बनाकर तैयार कर लें। रोटी  सेंकते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तवा बहुत ज्यादा गरम न हो , नहीं तो रोटी तवे पर चिपक जाएगी और पलटते वक़्त टूट जाएगी। तवा हल्का गरम ही रखें। 
  8. अगर आपके पास गैस तंदूर हो तो उस पर मक्के के आटे की  रोटियाँ बनाएँ, तंदूर में पकी रोटी का स्वाद ही अलग होता है। न हो तो भी गैस पर भी फूली - फूली रोटियाँ आराम से बन जाती हैं। 
  9. रोटी में ऊपर से घी या सफ़ेद मक्खन  लगाकर तब सर्व करें। ऐसे ही सारी रोटियाँ बनाकर तैयार कर लें। 
  10. स्वादिष्ट , नरम - नरम व फूली - फूली मक्के की  रोटी बनकर तैयार है । इसे सरसों के साग , गुड़ , प्याज़ और हरी मिर्च के साथ सर्व करें। 


दोस्तों, आशा करती हूँ कि लोहड़ी स्पेशल पंजाब की  क्लासिकल डिश मक्के की रोटी और सरसों के साग की मेरी ये रेसिपी आपको पसंद आई होगी। हमने इस रेसिपी में सारे जरूरी टिप्स और ट्रिक्स भी  शेयर किए हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप आराम से मक्के की रोटी और सरसों का साग घर पर बना सकते हैं  और इस स्वादिष्ट व्यंजन का लुत्फ उठा सकते है। तो इस लोहड़ी या सर्दियों में जब कभी भी  आपका मक्के की रोटी और सरसों का साग खाने का मन करे , तब इस रेसिपी का इस्तेमाल करके फटाफट  बनाएँ , खाएं और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 



धन्यवाद ॥ 






Wednesday, January 11, 2023

होटल स्टाइल टमाटर का सूप रेसिपी [ Restaurant Style thick and creamy Tomato soup recipe ]

 


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम रेस्टुरेंट स्टाइल टमाटर का सूप बनाएँगे। या यूँ कहिए कि रेस्टुरेंट से भी अच्छा टमाटर का सूप घर पर बनाएँगे। दोस्तों, सर्दियाँ अपने चरम पर हैं और इस कडकड़ाती ठंड में अगर गरमागरम सूप पीने को मिल जाए तो मजा ही आ जाता है। जब सूप की बात चलती है तो हम सबके मन में सबसे पहले टोमॅटो सूप का ही विचार आता है। टमाटर का सूप बच्चे हों या बड़े सबको बहुत पसंद आता है और घर के बने टमाटर के सूप की तो बात ही निराली होती है। लाल - लाल रसीले टमाटरों और कुछ विशेष प्रकार के मसालों के साथ तैयार किया हुआ टमाटर का सूप सभी का पसंदीदा होता है। जब भी हम कभी होटल में टोमॅटो का सूप पीते हैं, तब यही सोचते हैं कि घर पर बने सूप में ऐसा गाढ़ापन और स्वाद क्यूँ नहीं आता है। तो आज इस रेसिपी में हमने होटल के सूप के सारे सीक्रेट इंग्रिडिएंट्स  का इस्तेमाल किया है, जिससे सूप में वही गाढ़ापन और स्वाद आएगा और घर में फ्रेश सब्जियों और मसालों के साथ तैयार होने के कारण पोषण भी भरपूर होगा। 

        टमाटर का सूप वस्तुतः टमाटर आधारित एक गाढ़ा व गरम पेय होता है , जिसे संभवतः सर्दियों अथवा बरसात के मौसम में भोजन से पूर्व स्टार्टर अथवा एपेटाइज़र के तौर पर पिया जाता है। यह भारत में सर्दियों की एक बहुत ही लोकप्रिय डिश है। कहीं - कहीं इसे टमाटर का शोरबा भी कहा जाता है, लेकिन शोरबा और सूप में थोड़ा फ़र्क होता है। शोरबा थोड़ा पतला जबकि सूप थोड़ा गाढ़ा होता है। वहीं शोरबा दाल , सब्ज़ी आदि किसी का भी हो सकता है, जबकि सूप मुख्य रूप से  केवल सब्जियों का ही बनता है। 

       भारत में सर्दियों में आम तौर पर शादी हो या पार्टी हर जगह खाने के मेन्यू में टमाटर का सूप तो होता ही है। इससे न सिर्फ हमें गर्मी मिलती है बल्कि टमाटर का सूप पीने से हमारे शरीर को अनगिनत फ़ायदे भी मिलते हैं। टमाटर में विटामिन A C, E, K  और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जिससे हमारे शरीर की रोग - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है , शरीर अंदर से गरम रहता है, हड्डियाँ मज़बूत होती हैं , सर्दी - जुखाम नहीं होने पाता है और  खाना अच्छे से हज़म होता है। इसके साथ ही इसे  एक मोस्ट कम्फ़र्टेबल डिश भी कहा जाता है, क्यूंकि इसे पीने से तन और मन दोनों को सुकून मिलता है। 

       इसके अलावा टमाटर में प्रचुर मात्रा में कॉपर भी पाया जाता है , जिससे नर्वस - सिस्टम दुरुस्त रहता है। इसके साथ ही इसमें पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे दिमाग तेज़ होता है। डाईबिटीज़ के मरीजों को तो टमाटर का सूप अवश्य पीना चाहिए , क्यूंकि इसमें क्रोमियम होता है , जो ब्लड - शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। सूप पीने से हमें भूख कम लगती है और हम ओवर - इटिंग से बच जाते हैं, जिससे वेट - लॉस करने में भी काफी मदद मिलती है। टमाटर के सूप में मौजूद सेलेनियम रक्त - प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे एनीमिया में बचाव होता है। 

      इसके साथ ही साथ टमाटर के सूप में लाइकोपिन और कैरोटोनोयड जैसे तत्व भी पाये जाते हैं, जिससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारी की आशंका भी काफी हद तक कम हो जाती है। 1 कप टमाटर के सूप में लगभग 13.3 मिलीग्राम लाइकोपिन पाया जाता है , जो हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए पर्याप्त होता है। एक शोध के अनुसार यदि सप्ताह में 3 बार टमाटर का सूप पिया जाए , तो ब्रेस्ट कैंसर , प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

       टमाटर के सूप के अनगिनत फ़ायदे हैं, लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आप मार्केट में मिलने वाला पैकेट बंद रेडीमेड सूप का मिक्सचर खरीदकर लाएँ और उसका सूप बनाकर पीएँ। क्यूंकि उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में सोडियम पाया जाता है और पोषण बिल्कुल न के बराबर होता है, जिसके सेवन से अनेकों स्वास्थ्य जटिलताएँ हो सकती हैं। आजकल तो टमाटरों का सीज़न चल रहा है। मार्केट में वैसे भी फ्रेश , लाल - लाल व रसीले टमाटरों की  भरमार है, उन्हें खरीदकर लाएँ। अपनी मनपसंद सब्जियों व मसालों को मिलाकर स्वास्थ्यवर्धक और बिना मिलावट वाला टमाटर का सूप घर पर तैयार करें, क्यूंकि इसे बनाना काफ़ी आसान होता है। इसलिए आज हम रेस्टुरेंट स्टाइल टोमॅटो सूप की  रेसिपी लाये हैं, जिसका इस्तेमाल करके आप होटल से भी अच्छा टोमॅटो सूप घर पर तैयार कर पाएंगे। तो चलिये स्वाद और सेहत से भरपूर रेस्टुरेंट स्टाइल टोमॅटो सूप बनाना शुरू करते हैं। 



सामग्री  


  1. लाल - लाल रसीले टमाटर - 7- 8 [ छोटे टुकड़ों में कटे ]
  2. गाजर - 1/4 कप  [ छीलकर , धोकर छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लें ]
  3. चुकंदर - 1/4 कप  [ छीलकर , धोकर छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लें ] 
  4. प्याज़ - 1 बड़ी साइज़ की  [ बारीक कटी ] 
  5. लहसून - 3-4 कलियाँ [ बारीक कटी ]
  6. अदरक - 1 इंच टुकड़ा  [ छीलकर , धोकर बारीक - बारीक काट लें ] 
  7. हरी धनिया की कुछ स्टेम [ डंडी ] - 1 टेबल- स्पून [ बारीक कटे ] 
  8. तेल - 1 टेबल - स्पून 
  9. बटर - 2 टेबल - स्पून 
  10. तेज़पत्ता - 1 
  11. दालचीनी - 1 इंच टुकड़ा 
  12. काली मिर्च - 8 - 9 दाने 
  13. बड़ी ईलाईची - 1/2 [ केवल दानों का इस्तेमाल करें, छिलका हटा दें ]
  14. हल्दी पाउडर - 1/4 टी- स्पून  
  15. कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  16. नमक - स्वादानुसार 
  17. चीनी - 2 टेबल - स्पून 
  18. जीरा पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  19. पानी - 4 कप / आवश्यकतानुसार 
  20. टोमॅटो केचप - 1 टी- स्पून 
  21. नींबू का रस - कुछ बूँदें 
  22. कॉर्न - फ़्लौर - 1 टेबल - स्पून 
  23. पानी - 1 टेबल - स्पून [ कॉर्न फ़्लौर घोलने के लिए ]


सामग्री - ब्रेड क्रुटौंस बनाने के लिए 



  1. ब्रेड - 5-6 [ सफ़ेद ] 
  2. मक्खन - 1 टेबल - स्पून 
  3. तेल - 1 टेबल - स्पून 


सजाने के लिए


  1. फ्रेश क्रीम 
  2. ब्रेड क्रूटोंस 
  3. 1 - 2 बेसिल लीव्स 







विधि 



  1. सबसे पहले एक कूकर या पैन में 2 टेबल - स्पून बटर और 1 टेबल - स्पून तेल डालकर गरम होने के लिए गैस पर रख दें। आंच धीमी रखें। 
  2. जब बटर और तेल अच्छे से गरम हो जाए तब उसमें 1 तेज़पत्ता , 8-9 काली मिर्च के दाने , 1 दालचीनी का टुकड़ा  और  1/2 बड़ी ईलाईची के केवल दाने डालकर हल्का सा भून  लें। 
  3. अब इसके बाद कूकर में लहसून और अदरक डालकर  धीमी आंच पर 1-2 मिनट तक भून लें। 
  4. जब अदरक - लहसून अच्छे से भुन जाए तब कूकर में प्याज़ डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। प्याज़ को भी बाकी चीजों के साथ 2 मिनट तक धीमी आंच पर पका लें। प्याज़ भूनते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हमें प्याज़ को गुलाबी ही रखना है, ज्यादा लाल न करें, अन्यथा सूप का स्वाद बिगड़ जाएगा। 
  5. इसके बाद कूकर में चुकंदर और गाजर  के टुकड़े और हरी धनिया की कुछ डंडियों को भी काटकर डाल दें। हरी धनिया की डंडी डालने से सूप में एक नैचुरल फ्रेशनेस आ जाती है और स्वाद भी कई गुना बढ़ जाता है। चुकंदर, गाजर और हरी धनिया की डंडी डालकर 1-2 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें। 
  6. अब कूकर में टमाटर , चुटकी भर नमक , चीनी , हल्दी पाउडर , कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर और जीरा पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें और ढँककर 2-3 मिनट तक पकने दें। 
  7. इसके बाद कूकर में 1 कप पानी डालकर कूकर का ढक्कन बंद कर दें और 3 सीटी आने तक मीडियम फ्लेम पर पका लें। 
  8. जब तक टमाटर व बाकी चीजें पक रही हैं , तब तक ब्रेड क्रूटोंस तैयार कर लें। इसके लिए गैस की दूसरी तरफ एक पैन में 1 टेबल - स्पून तेल और 1 टेबल - स्पून मक्खन डालकर धीमी आंच पर गरम कर लें। आंच तेज़ बिलकुल भी न करें नहीं तो मक्खन जल जाएगा। 
  9. तब तक सभी ब्रेड को एक के ऊपर एक रखें, किनारे काट दें और सभी ब्रेड के 4 टुकड़े कर दें। 
  10. जब तेल और मक्खन अच्छे से गरम हो जाए तब उसमें 1-1 करके सारे ब्रेड के टुकड़ों को पैन में डाल दें और धीमी आंच पर उलटते - पलटते हुए दोनों तरफ से क्रिस्प और गोल्डेन ब्राऊन होने तक पका लें। ऐसे ही सारे ब्रेड क्रूटोंस बनाकर तैयार कर लें और एक प्लेट में निकालकर अलग रख दें और  गैस बंद कर दें। 
  11. जब कूकर में 3 सीटी आ जाए तब कूकर का गैस भी बंद कर दें और कूकर का प्रेशर अपने से निकलने दें। 
  12. जब कूकर का प्रेशर निकल जाए तब सूप को छान लें और उसमें से दालचीनी व तेजपत्ता को निकाल दें। पानी को फेंके नहीं, इसका इस्तेमाल सूप बनाने में हो जाएगा, क्यूंकि इस पानी में बहुत सारे पोषक तत्व भी  हैं और ढेर सारा फ्लेवर भी है। 
  13. जब टमाटर व बाकी चीजें थोड़ी ठंडी हो जाएँ तब मिक्सर में डालकर चिकना  पीस लें। 
  14. इसके बाद फिर से एक पैन में छना हुआ टमाटर का पेस्ट डाल दें और जो पानी हमने टमाटर को छानकर निकाला था वो भी डालकर मिक्स कर दें। 
  15. इसके बाद पैन में बाकी बचा हुआ 3 कप पानी , स्वादानुसार नमक , टोमॅटो केचप और कुछ बूंदें नींबू के रस की डाल दें और अच्छे से मिक्स करके सूप को लो - मीडियम फ्लेम 5-7 मिनट तक पकने दें। बीच - बीच में चलाते रहें। 
  16. सूप में गाढ़ापन लाने के लिए 1 टेबल - स्पून कॉर्न - फ़्लौर को 1 टेबल - स्पून पानी में अच्छे से घोल लें, ध्यान रखें कि घोल में गुठलियाँ न पड़ने पाएँ और धीरे - धीरे चलाते हुए सारा घोल सूप में मिक्स कर दें। सूप में गाढ़ापन लाने के लिए कॉर्न- फ्लोर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह पूर्णतया वैकल्पिक है। आप इसके बिना भी बढ़िया सूप बना सकते हैं। 
  17. जब सूप गाढ़ा होने लगे तब गैस बंद कर दें और सर्विंग बाउल में निकालकर ऊपर से फ्रेश क्रीम , बेसिल की पत्ती और ब्रेड क्रूटोंस से सजाकर गरमागरम सर्व करें। 






Tips; - 

  1. टमाटर का सूप बनाते समय टमाटरों का चयन बहुत सावधानी से करें। टमाटर बिल्कुल फ्रेश , लाल - लाल व रसीले होने चाहिए । 
  2. अगर आप लहसून , प्याज़ नहीं खाते हैं तो न डालें । इनके बिना भी बढ़िया टमाटर का सूप तैयार हो जाता है। 
  3. अगर आपके पास कॉर्न - फ़्लौर नहीं है तो कोई बात नहीं , बस सूप में पानी थोड़ा सा कम डालें । उससे भी सूप गाढ़ा बनता है। 
  4. अगर आपके पास बेसिल लीफ़ नहीं है तो भी घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप इसके स्थान पर तुलसी की 1-2 पत्तियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। या फिर बिना कुछ डाले केवल ब्रेड क्रूटोंस डालकर भी सूप सर्व कर सकते हैं। 
  5. टमाटर का सूप बनाते वक़्त उसमें थोड़ी सी हरी धनिया की डंडियों का इस्तेमाल जरूर करें। इससे सूप का स्वाद काफी बढ़ जाता है। 
  6. सूप को बढ़िया लाल रंग देने के लिए कभी भी फूड कलर का इस्तेमाल न करें, सूप बनाते वक़्त चुकंदर का इस्तेमाल करें । इससे स्वाद और रंग तो बढ़िया आता ही है। सूप ज्यादा पौष्टिक भी हो जाता है। 



दोस्तों, आशा करती हूँ कि स्वाद और सेहत से भरपूर  रेस्टुरेंट स्टाइल टोमॅटो सूप की मेरी ये रेसिपी आपको पसंद आई होगी। इन सर्दियों में आप भी अपने घर पर इस रेसिपी की मदद से टोमॅटो सूप बनाएँ , पिएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 



धन्यवाद॥

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