वैसे तो महाशिवरात्री पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जाती है, लेकिन वाराणसी में महाशिवरात्री की छटा देखते ही बनती है, क्यूंकि काशी को शिव की नगरी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को कैलाश के बाद काशी ही सबसे ज्यादा प्रिय है और सृष्टि की रचना करते वक़्त शिव और शक्ति ने सबसे पहले काशी नगरी की ही रचना की थी। काशी को विश्व का सबसे प्राचीन जीवित नगर भी कहा जाता है। काशी विश्वनाथ धाम वैसे भी द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है, अतः यहाँ महाशिवरात्री का महा महोत्सव होता है। इस दिन वाराणसी में शिव भक्त नाचते- गाते , ढ़ोल और नगाड़ों के साथ पूरे हर्षोल्लास से शिव बारात भी निकालते हैं। सभी प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहता है। लोग एक रात्रि पूर्व ही बाबा विश्वनाथ के पावन दर्शन के लिए लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं।
घरों में भी इस दिन शैव श्रद्धालुओं द्वारा रुद्रभिषेक करने की परंपरा है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त शिवलिंग पर गंगाजल , दूध, बेलपत्र , भांग - धतूरा आदि चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उनको भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है, उनका जीवन सुखमय होता है और उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस व्रत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि किसी भी हालत में इस व्रत का फल निरर्थक नहीं जाता है।
इस दिन भगवान शिव को भांग के साथ- साथ ठंडाई भी भोग स्वरूप अर्पित की जाती है। ठंडाई दूध , कुछ खड़े मसालों , ड्राई - फ्रूट्स , शक्कर और गुलकंद के संयोजन से बना एक ठंडा पेय होता है। गर्मियों में इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ठंडाई मुख्य रूप से उत्तर भारत में बहुत पसंद की जाती है। ठंडाई शिवरात्री के साथ - साथ होली पर भी पी जाती है। आम तौर पर लोग बाजार से ठंडाई पाउडर या बॉटल में मिलने वाला ठंडाई का कोङ्कोक्शन खरीदकर लाते हैं और उसे ठंडे दूध में मिक्स करके पीते हैं, लेकिन उसमें वो स्वाद कभी नहीं आ पाता है, जो ताजी बनी ठंडाई में होता है। आज हमने इस लेख में न सिर्फ ठंडाई बनाना बताया है बल्कि ठंडाई पाउडर बनाने की विधि भी बताई है। ठंडाई पाउडर को आप एक बार बनाकर एक साफ, सूखे और एयर - टाइट ग्लास जार में भरकर फ्रिज में रख दें और जब भी कभी होली पर या गर्मी में आपको ठंडाई पीने का मन करे तो ठंडे दूध में मिलाकर इसका लुत्फ उठा सकते है। घर पर बनी ठंडाई न सिर्फ स्वादिष्ट और ताजगी देने वाली होती है, बल्कि आसानी से बनकर तैयार भी हो जाती है और इस रेसिपी की सबसे अच्छी बात यह है कि सारी चीजें हमें हमारी घर की रसोई में ही मिल जाती हैं। अगर आपके पास कोई चीज उपलब्ध न हो तो भी घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, किसी भी किराना स्टोर में आपको सारी चीजें आसानी से मिल जाएंगी। तो चलिये भगवान विश्वनाथ का प्रिय नैवेद्य ठंडाई बनाना शुरू करते हैं।
सामग्री - ठंडाई बनाने के लिए
- बादाम - 1/2 कप
- काजू - 1/2 कप
- पिस्ता - 1/4 कप
- मगज़ / खरबूजे के बीज़ - 2 टेबल - स्पून
- बड़ी सौंफ - 1/4 कप
- काली मिर्च- 2 टेबल- स्पून
- खसखस - 1/4 कप
- दालचीनी - 1 इंच टुकड़ा
- ईलाईची पाउडर - 1 टी- स्पून
- केसर - 5 ग्राम
- गुलकंद / सूखे गुलाब की पंखुड़ियाँ/ गुलाबजल - 2 टेबल - स्पून
- फुल फैट दूध - 4 कप
- शक्कर - 1/2 कप
- सबसे पहले एक पैन में दूध डालकर उबलने के लिए रख दें। आंच मीडियम रखें और दूध को बीच- बीच में दो - तीन बार चला दें, ताकि दूध पैन की तली में लगे नहीं।
- जब दूध में एक उबाल आ जाए तब एक चम्मच दूध एक छोटी कटोरी में निकाल लें और उसमें केसर भिंगा दें।
- इसके बाद दूध में चीनी डाल दें और चला दें। जब दूध में चीनी अच्छे से घुल जाए तब गैस बंद कर दें और दूध को रूम टेम्परेचर पर आने के बाद फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।
- इसके बाद एक पैन / कड़ाही को गैस पर रखें और आंच धीमी कर दें। अब इसमें एक - एक करके सारे ड्राई - फ्रूट्स जैसे;- काजू , बादाम , पिस्ता ,खबूजे के बीज़ , खसखस और गुलाब की पंखुड़ियाँ डालकर 1-2 मिनट के लिए ड्राई- रोस्ट कर लें और एक बड़े बाउल में निकाल लें।
- इसके बाद गैस बंद कर दें और उसी गरम पैन में ही सभी खड़े मसाले जैसे;- बड़ी सौंफ , काली मिर्च और दालचीनी भी डालकर 2 मिनट तक चलाते हुए हल्का सा भून लें। इसे भी ड्राई फ्रूट्स वाले बाउल में निकाल लें। अगर गुलकंद का इस्तेमाल कर रहे हों तो उसे भूनने की आवश्यकता नहीं है। उसे वैसे ही बाउल में डाल दें। अगर आपके पास गुलाब की सूखी पंखुड़ियाँ या गुलकंद न हो तो उसके स्थान पर गुलाबजल का उपयोग भी किया जा सकता है।
- इसके बाद बाउल में पर्याप्त मात्रा में पानी डालकर सारी चीजों को कम से कम 1 घंटे के लिए भिंगाकर और ढँककर छोड़ दें, ताकि सारी चीजें अच्छे से फूल जाएँ और पीसते वक़्त कोई परेशानी न आए।
- 1 घंटे बाद सभी चीजों को एक छन्नी की सहायता से छान लें। पानी को फेंकें नहीं। यह पानी हमें ड्राई फ्रूट्स और मसालों को पीसते वक़्त काम आएगा।
- अब मिक्सर के जार में सभी चीजों को डाल दें और 2-3 टेबल - स्पून छना हुआ पानी डालकर बिलकुल बारीक व चिकना पीस लें।
- ठंडाई बनाने के लिए मिश्रण बनकर तैयार है। अब इसे एक बाउल में निकाल लें इसमें ठंडा किया हुआ दूध, केसर वाला दूध और ईलाईची पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। आप चाहें तो एक बार फिर से ठंडाई को छान सकते हैं।
- हमने इस ठंडाई में भांग नहीं मिलाया है। आप चाहें तो डाल सकते हैं।
- शानदार ठंडाई बनकर तैयार है।
- इसे 6 बराबर ग्लास में डालकर ऊपर से कटे हुए बादाम , पिस्ते की कतरनों और केसर के धागों से सजाकर सर्व करें।
- सबसे पहले सभी ड्राई - फ्रूट्स , सूखे गुलाब की पंखुड़ियों और सभी खड़े मसालों को धीमी आंच पर एक पैन में डालकर 2 मिनट के लिए बारी- बारी से ड्राई रोस्ट कर लें और एक प्लेट में निकाल लें।
- केसर को भिंगाने की आवश्यकता नहीं है। इसे ऐसे ही बाकी चीजों के साथ मिक्स कर दें।
- जब मिश्रण अच्छे से ठंडा हो जाए तब मिश्रण को 2 बराबर भागों में बाँट दें और चीनी को भी 2 बराबर भागों में बाँट दें।
- अब एक भाग मिश्रण और एक भाग चीनी मिक्सर के जार में डाल दें और रुक - रुककर पल्स मोड पर मिक्सर को चलाते हुए बारीक पाउडर पीसकर तैयार कर लें।
- दूसरे भाग चीनी और मिश्रण को भी ऐसे ही पीसकर तैयार कर लें।
- ध्यान रखें कि मिक्सर को एक साथ लंबे टाइम तक न चलाएं, नहीं तो ड्राई फ्रूट्स में से तेल निकलने लगेगा और ठंडाई पाउडर खराब हो जाएगा।
- हमने मिश्रण को पीसते समय चीनी भी मिक्स की है। ऐसा करने से ड्राई फ्रूट्स और मसाले अच्छे से पिस जाते हैं।
- जब सारी चीजें अच्छे से पिस जाएँ तब एक छन्नी में डालकर छान लें , ताकि अगर ठंडाई पाउडर में कोई बड़ा टुकड़ा रह गया है, तो निकल जाए।
- इस पाउडर में ईलाईची पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें।
- स्वादिष्ट ठंडाई पाउडर बनकर तैयार है। इसे एक साफ, सूखे , एयर- टाइट ग्लास जार में भरकर फ्रिज में रख दें।
Very informative recipe
ReplyDeleteशिव जी का प्रिय पेय शिव जी को समर पित ऊ नमह शिव वाय
ReplyDeleteVary greatly appreciate🙏😊 racip e वा ह नमन करते है
ReplyDeleteVary💕👍 good👍
ReplyDeleteबहुत ही aacha hai
ReplyDeleteSuperb 👍
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteVery easy and tasty drinks i will definitely try it
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