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Friday, December 31, 2021

मुंबई की प्रसिद्ध स्ट्रीट स्टाइल पानीपूरी - Mumbai ' s famous street style panipuri


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम मुंबई की प्रसिद्ध स्ट्रीट स्टाइल पानीपूरी बनाएँगे। पानीपूरी पूरे भारत में पसंद की जाती है। यह भारत का ऑल टाईम फेवरेट स्नैक्स है। लोग इसे शाम के समय खाना पसंद करते हैं।  पानीपूरी का शाब्दिक अर्थ होता है - पानी की रोटी। यह भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रसिद्ध खाद्य है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसे पानीपूरी पसंद नहीं आती होगी। क्या आप जानते हैं कि पूरे भारतवर्ष के विभिन्न प्रान्तों  में पानीपूरी को 10 अलग- अलग  नामों से जाना जाता है और हर जगह पर इसे बनाने की विधि में भी थोड़ा - बहुत अंतर है, लेकिन स्वाद हर जगह का लाजवाब है। आइये जानते हैं कि भारत के विभिन्न राज्यों में पानीपूरी को किन - किन नामों से जाना जाता है और उन्हें किस प्रकार तैयार किया जाता है।  

1- पानीपूरी - महाराष्ट्र , गुजरात , मध्य - प्रदेश , तमिलनाडु और कर्नाटक में इसे पानीपूरी के नाम से जाना जाता है। यहाँ गोल - गोल पूरियों में इमली की मीठी चटनी , उबले आलू , छोले , बूँदी आदि डाला जाता है और पुदीने व विभिन्न प्रकार के मसालों के साथ ठंडा- ठंडा और  मजेदार पानी तैयार करके पूरियों में भरकर सर्व किया जाता है। 

2- पुचका - कोलकाता में पानीपूरी को पुचका / फुचका कहा जाता है। पुचका को उबले हुए चनों और मसले हुए आलू के मिश्रण से बनाया जाता है। इसकी चटनी खट्टी और पानी मसालेदार होता है। पुचका सामान्य पूरियों की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है।  

3- पानी के बताशे - पश्चिमी उत्तर - प्रदेश और हरियाणा में पानीपूरी को पानी के बताशों के नाम से जाना जाता है। 

4- गोलगप्पे - पूर्वी उत्तर - प्रदेश , बिहार , नई दिल्ली  , पंजाब , जम्मू - कश्मीर और हिमांचल प्रदेश में पानीपूरी को गोलगप्पे के नाम से जाना जाता है। गोलगप्पों को भी आलू व सफ़ेद मटर के छोलों के साथ बनाया जाता है और पानी को तीखा और खट्टा रखा जाता है। गोलगप्पों में चटनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता  है।  

5- गुपचुप - ओडिशा , झारखंड , छत्तीसगढ़ , हैदराबाद व तेलंगाना में पानीपूरी गुपचुप के नाम से मशहूर है। यहाँ भी पानीपूरी को गोलगप्पे की तरह मटर के छोलों के साथ तैयार किया जाता है। 

6- पताशी- राजस्थान में पानीपूरी पताशी के नाम से प्रसिद्ध है। 

7- टिक्की- टिक्की नाम सुनकर सभी को चाट वाली टिक्की याद आती है, लेकिन मध्य - प्रदेश के होशंगाबाद में पानीपूरी को टिक्की कहा जाता है। 

8- पकौड़ी गुजरात और मध्य - प्रदेश के कुछ स्थानों पर पानीपूरी को पकौड़ी के नाम से जाना जाता है। यहाँ पानीपूरी के पानी में ढेर सारी हरी मिर्च और पुदीना डाला जाता है और ऊपर से नमकीन सेव डालकर सर्व किया जाता है। 

9- फुल्की - मध्य भारत के कुछ स्थानों पर इसे फुल्की कहा जाता है। 

10- पड़ाका - उत्तर - प्रदेश के अलीगढ़ में पानीपूरी को पड़ाका कहा जाता है। 

देश के अलग - अलग स्थानों पर अलग- अलग नामों  से मशहूर पानीपूरी अपने अनूठे व चटपटे स्वाद से सभी का दिल जीत लेती है। इसका नाम सुनकर ही मुँह में पानी आने लगता है। बच्चे, बूढ़े, नौजवान कोई भी हों, सभी पानीपूरी के दीवाने होते हैं। महिलाओं का तो यह सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड है। लेकिन क्या  आप जानते हैं कि जो पानी पूरी सभी के दिलों पर राज करती है , उसका आविर्भाव कैसे हुआ या सबसे पहले पानीपूरी किसने बनाई। इसके पीछे 3 कहानियाँ प्रचलित हैं;- 

पहली कहानी के अनुसार - पानीपूरी की  उत्पत्ति महाभारत काल में हुई मानी जाती है। कहा जाता है कि एक बार माता कुंती ने द्रौपदी की पाक - कला और बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेने के उद्देश्य से उन्हें बचे हुए सामान से कोई ऐसी चीज बनाने को कहा, जिसमें खट्टा , मीठा और तीखा तीनों फ्लेवर एक साथ मौजूद हों और जिसे खाकर पांडव भी प्रसन्न हो जाएँ। तब द्रौपदी ने ही सबसे पहले पानीपूरी बनाई थी , जिसमें सारे जायके एक साथ मौजूद थे और जिसे खाकर पांडव अत्यंत प्रसन्न व संतुष्ट हो गए थे। इस बात से प्रसन्न होकर माता कुंती ने इस डिश को अमरता का वरदान दिया था। 

दूसरी कथा के अनुसार - ग्रीक इतिहासकार मेगस्थनीज [ Megasthenes ] और चीनी बौद्ध यात्री फैक़शीयन [ Faxian ] और जुनजंग [Xuanzang ] की किताबों से उल्लेख मिलता है कि पानीपूरी गंगा के किनारे बसे मगध साम्राज्य में सबसे पहले बनाई गयी थी। आज इसे दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता है। कहीं- कहीं उल्लेख मिलता है कि पानीपूरी भोलेनाथ की  प्राचीन व पवित्र नगरी काशी  में सबसे पहले बनाई गयी थी। 

तीसरी कथा के अनुसार - तीसरी कथा मुगलकाल से जुड़ी है। कहा जाता है कि जब बादशाह शाहजहाँ दिल्ली के तख्त पर आसीन थे तब उन्होने कई स्थानों पर नहरें बनवाई थीं , जो पूरे शाहजहानाबाद [ आज की दिल्ली ] के लोगों की  प्यास बुझाने के काम आती थी, लेकिन एक बार किसी नहर का जल दूषित हो गया और उसे पीकर नगरवासियों को ऊल्टी और दस्त होने लगा। तब शाहजहाँ की  बेटी रोशनारा ने शाही हकीम को बुलाकर बीमार लोगों के लिए औषधि बनाने को कहा। शाही हकीम ने पानी से हुई बीमारी को दूर करने के लिए पानी का ही सहारा लिया और पानीपूरी का पानी तैयार किया, जिसे पीकर लोगों की  तबीयत में सुधार होने लगा और उनकी बीमारी दूर हो गयी, लेकिन कुछ लोगों को इसका स्वाद इतना पसंद आया कि उन्होने इसे छोटी - छोटी पूरियों में भरकर खाना शुरू कर दिया और इस तरह जन्म हुआ एक ऐसी शानदार डिश का जो आज भी सबके दिलों पर राज कर रही है। 

अब इन कहानियों में कितनी सच्चाई है, ये तो नहीं मालूम , लेकिन इतना जरूर पता है कि किसी का भी मन ललचाने के लिए इसका सिर्फ नाम ही काफी है। वैसे तो पानीपूरी के ठेले  हर गली- नुक्कड़ पर आपको मिल ही  जाएंगे, लेकिन इसे घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है और घर पर बनी पानीपूरी बाहर की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट और साफ - सफाई से बनती है। तो चलिये सभी की ऑल टाईम फेवरेट मुंबई [ महाराष्ट्र ] की फेमस स्ट्रीट स्टाइल पानीपूरी बनाना शुरू करते हैं। 


सामग्री - पानीपूरी की पूरी तैयार करने के लिए 

  1. सूजी - 1 कप 
  2. मैदा - 2 टेबल- स्पून 
  3. नमक - 1/2 टी- स्पून 
  4. गुनगुना पानी - आटा गूँथने के लिए [ आवश्यकतानुसार ] 
  5. बेकिंग सोडा - 1/4 टी- स्पून 
  6. तेल - 2 टेबल - स्पून [ मोयन देने के लिए ] 
  7. तेल - पूरियाँ तलने के लिए 


विधि 
  1. सबसे पहले एक परात में सूजी , मैदा , नमक और बेकिंग सोडा ले लें और चम्मच से एक बार सूखा ही मिक्स कर दें। 
  2. अब आटे में 2 टेबल - स्पून तेल डाल दें और हाथों की मदद से अच्छे से मसलते हुए आटे के कण - कण में मोयन लगा दें। 
  3. इसके बाद हल्का - गुनगुना पानी डालते हुए पूरी जैसा सख्त आटा गूँथकर तैयार कर लें। 
  4. आटे को एक गीले कपड़े से ढँककर 25 - 30  मिनट के लिए रेस्ट करने के लिए छोड़ दें। तब तक आप पानीपूरी का पानी , उसकी स्टफिंग और चटनी  आदि तैयार कर लें।  
  5. 25 - 30 मिनट  बाद कपड़ा हटाकर एक बार फिर से आटे को मसलकर चिकना कर लें और आटे से छोटे नींबू के आकार की लोइयाँ तोड़ लें। इतने आटे से 50- 60 पूरियाँ बन जाएंगी। 
  6. अब एक - एक लोई उठाते जाएँ और बेलते जाएँ। बाकी लोइयों को गीले कपड़े से ढँककर रखें, नहीं तो उनके ऊपर की परत सूख जाएगी। 
  7.  तब तक मीडियम आंच पर तेल गरम होने के लिए रख दें। 
  8. आंच मीडियम रखें और पूरियाँ तलने के लिए तेल भी मीडियम गरम होना चाहिए। 
  9. एक - एक करके कड़ाही में  एक बार में 7-8 पूरियाँ डाल दें और उन्हें सुनहरा तथा क्रिस्प होने तक तलकर निकाल लें। 
  10. ऐसे ही सारी पूरियाँ बनाकर तैयार कर लें। फूली - फूली करारी पूरियाँ बनकर तैयार हैं। 


सामग्री - पानीपूरी का तीखा पानी बनाने के लिए 
  1. पानी- 3 कप 
  2. ताजे पुदीने की पत्तियाँ - 1/2 कप 
  3. हरी धनिया - 1 कप 
  4. हरी मिर्च - 2 
  5. अदरक - 1 इंच टुकड़ा 
  6. सफ़ेद नमक - स्वादानुसार 
  7. काला नमक - 1 टी- स्पून 
  8. चाट मसाला - 2 टी  - स्पून 
  9. हींग पाउडर - चुटकी भर 
  10. भुना जीरा पाउडर - 1 टेबल- स्पून 
  11. नींबू का रस - 2 टी- स्पून  
  12. खारा बूंदी - 1/2 कप 

विधि 
  1.  सबसे पहले मिक्सर के जार में धनिया , पुदीना , अदरक , हरी मिर्च और थोड़ा सा पानी डालकर चटनी पीस लें। 
  2. इसके बाद चटनी को एक बड़े बाउल में निकाल लें और उसमें 3 कप पानी , सफ़ेद नमक , काला नमक, चाट मसाला, हींग पाउडर , भुना जीरा पाउडर और नींबू का रस डालकर मिक्स कर दें। 
  3. 1/2 घंटे के लिए ढँककर फ्रिज में रख दें। ठंडा - ठंडा चटपटा , मसालेदार पानी बनकर तैयार है। 
  4. अगर आपको पानीपूरी तुरंत सर्व करनी हो तो जब चटनी पीस रहे थे तभी 3-4 टुकड़े बर्फ के भी डालकर साथ में ही पीस लें और पानी में भी 4-5 टुकड़े बर्फ के डाल दें। 
  5. खारा बूंदी सर्व करने के टाइम पर ही डालें और तुरंत सर्व करें। 

सामग्री - इमली की खट्टी - मीठी चटनी बनाने के लिए  
  1. इमली का पल्प - 1 कप 
  2. कुटा हुआ गुड - 2 कप 
  3. काला नमक - 1/2 टी- स्पून 
  4. काली मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  5. हींग पाउडर - चुटकी भर 
  6. भुना जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  7. चाट मसाला - 1/2 टी - स्पून 
  8. सौंफ पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  9. सोंठ पाउडर- 1/2 टी- स्पून 
  10. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  11. तेल- 1 टी- स्पून 

विधि 

  1. सबसे पहले कड़ाही में 1 टी- स्पून तेल डालकर धीमी आंच पर गरम होने के लिए रख दें। 
  2. जब तेल अच्छे से गरम हो जाए तब उसमें इमली का पल्प और गुड़ डाल दें और धीमी आंच पर चलाते हुए तब तक पकाएँ जब तक गुड़ अच्छे से पिघल न जाए। 
  3. जब गुड़ पिघल जाए तब चटनी में बाकी की सारी सामग्रियाँ जैसे;- काला नमक, काली मिर्च पाउडर, हींग पाउडर, भुना जीरा पाउडर , चाट मसाला , सौंफ पाउडर, सोंठ पाउडर और  लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें और धीमी आंच पर ढंककर 5-7 मिनट तक पका लें। 
  4. चटनी को ज्यादा गाढ़ा न करें, क्यूंकि जैसे जैसे चटनी ठंडी होगी वैसे - वैसे अपने आप गाढ़ी होती जाएगी। 
  5. जब सारी चीजें अच्छे से पक जाएँ ,चटनी में उबाल आ जाए और चटनी हल्की गाढ़ी हो जाए, तब गैस बंद कर दें। 
  6. स्वादिष्ट चटनी बनकर तैयार है। ठंडा हो जाने पर इस्तेमाल करें। 
  7.  इस चटनी को एक एयर- टाइट ग्लास जार में डालकर फ्रिज में रख दें। फ्रिज में रखकर यह चटनी 6-7 महीने तक भी इस्तेमाल की जा सकती है, क्यूंकि चटनी बनाते वक़्त पानी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया है। इस चटनी को न केवल पानीपूरी बल्कि समोसे ,चाट ,पकौड़े, दही - भल्ले आदि  किसी के साथ भी सर्व किया जा सकता है। 

सामग्री - आलू की स्टफिंग बनाने के लिए 

  1. उबले व मैश किए  हुए बड़े साइज़ के आलू  - 4
  2. बारीक कटी मीडियम साइज़ की प्याज़ - 2 
  3. बारीक कटी धनिया पत्ती - 1 टेबल- स्पून 
  4. बारीक कटी हरी मिर्च - 2 
  5. नमक - स्वादानुसार 
  6. लाल मिर्च पाउडर- 1/4 टी- स्पून 
  7. भुना जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  8. चाट मसाला - 1/2 टी- स्पून 

विधि 
  1. सबसे पहले 4 बड़े साइज़ के आलुओं को उबालकर , छीलकर मैश कर लें। 
  2. अब उसमें बारीक कटी प्याज़ , बारीक कटी धनिया पत्ती , बारीक कटी हरी मिर्च , स्वादानुसार नमक , लाल मिर्च पाउडर , भुना जीरा पाउडर और चाट मसाला डालकर अच्छे से हाथों से मिक्स कर दें। 
  3. स्वादिष्ट आलू की स्टफिंग बनकर तैयार है। आप चाहें तो इस स्टफिंग में 2 टेबल- स्पून उबली हुई हरी मूंग भी डाल सकते हैं। 
पानीपूरी बनाने के लिए सभी चीजें बनकर तैयार है। इन्हें पूरियों में डालकर सर्व करें। 

दोस्तों, आशा करती हूँ कि मुंबई की प्रसिद्ध स्ट्रीट स्टाइल  पानीपूरी की मेरी रेसिपी आपको पसंद आई होगी। अब जब भी कभी आपको पानीपूरी खाने का मन हो तो इस रेसिपी का इस्तेमाल करके घर पर ही मजेदार पानीपूरी बनाएँ, खाएं  और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 

अन्य स्वादिष्ट रेसिपीस जानने के लिए क्लिक करें:  https://www.swaadbhisehatbhi.com/

धन्यवाद॥ 


Thursday, December 23, 2021

क्रिसमस स्पेशल एगलेस ड्राइ- फ्रूट्स और नट्स प्लम केक - [ Christmas Special Eggless Dry Fruits & Nuts Plum Cake without Alcohols & without Microwave / Oven ]


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम क्रिसमस के उपलक्ष्य में प्लम केक  बनाएँगे। दोस्तों, क्रिसमस का त्यौहार आने वाला है। आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएँ। क्रिसमस ईसाई भाई - बहनों का प्रमुख त्यौहार है। इसे ईसा मसीह / यीशु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण विश्व  में 25 दिसम्बर के दिन मनाया जाता है। हमारे भारत देश में इसे बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे'' सेंट स्टीफेंस डे'' या ''फीस्ट ऑफ सेंट स्टीफेंस'' के नाम से भी जाना जाता है।  इस दिन लगभग सम्पूर्ण विश्व में सार्वजनिक अवकाश होता है। क्रिसमस के दिन लोग चर्च में जाकर प्रेयर करते हैं, एक- दूसरे को गिफ्ट्स और शुभकामनाएँ देते हैं और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं। क्रिसमस के दिन जो एक चीज सभी कैथोलिक घरों में विशेष रूप से बनाई जाती है , वह है - प्लम केक। आम तौर पर क्रिसमस केक बनाने की तैयारी क्रिसमस से 15 दिन से लेकर 1 महीने पूर्व से ही होने लगती है। पारंपरिक रूप से प्लम केक बनाने के लिए ड्राइ - फ्रूट्स और नट्स को ब्रांडी , वाइन , रम आदि किसी भी अल्कोहलिक सोल्यूशन में भिंगाकर 1 महीने पूर्व ही रख दिया जाता है और केक को एक क्रीमी टेक्स्चर देने के लिए अंडों का इस्तेमाल भी किया जाता है। लेकिन यदि आप अंडा नहीं खाते और साथ ही न ही किसी प्रकार के अल्कोहल का सेवन करते हैं , तो इस रेसिपी का इस्तेमाल करके आप आसानी से बिना अंडे , बिना अल्कोहल के स्वादिष्ट प्लम केक घर पर ही तैयार कर सकते है और इसके लिए 1 महीने पूर्व से तैयारी करने की  कोई आवश्यकता  भी नहीं है। साथ ही इस रेसिपी में केक को कड़ाही में बेक किया गया है, जिससे जिन लोगों के पास माइक्रोवेव / ओवन आदि की सुविधा नहीं है, उन्हें भी केक बनाने में कोई परेशानी न हो।  प्लम केक में कुछ मसाले भी डाले जाते हैं। क्रिसमस केक में अल्कोहल और मसाले आदि डालने के पीछे यह उद्देश्य होता है कि ठंड के मौसम में यह चीजें शरीर को गरम रखती हैं। इस रेसिपी में हमने मसालों का उपयोग तो किया है, लेकिन अल्कोहल और अंडा को पूरी तरह से नजरंदाज किया है। साथ  ही इस रेसिपी में  एक बढ़िया केक बनाने के लिए कुछ टिप्स भी बताए गए हैं। तो चलिये बिना अंडा , बिना अल्कोहल के स्वादिष्ट और आसान ड्राइ - फ्रूट्स और नट्स प्लम केक बनाना शुरू करते है। 


सामग्री - ड्राइ- फ्रूट्स और नट्स को सोक करने के लिए [ for soaking ]

  1. क्रश्ड काजू [ crushed cashew nut ]  - 1/4 कप 
  2. क्रश्ड बादाम crushed almonds ] - 1/4 कप 
  3. क्रश्ड पिस्ता [ crushed pistachio ] - 1/4 कप 
  4. क्रश्ड अखरोट [ crushed walnut ] - 1 टेबल - स्पून 
  5. किशमिश  [ raisins ]- 1/4 कप 
  6. खजूर [ dates] - 100 ग्राम [ छोटे टुकड़ों में काटा हुआ ] 
  7. लाल रंग की टूटी फ्रूटी - 50 ग्राम 
  8. हरे रंग की टूटी फ्रूटी - 50 ग्राम 
  9. अंजीर [ fig ] - 50 ग्राम [ छोटे टुकड़ों में काटा हुआ ] 
  10. खूबानी [ apricot ] - 50 ग्राम [ छोटे टुकड़ों में काटा हुआ ]  
  11. फ्रेश ऑरेंज / पाइनऐप्पल / ग्रेप जूस - 1 कप 
सामग्री - बैटर बनाने के लिए [ for cake batter] 
  1. मैदा [ all purpose flour] - 1 कप 
  2. कोको पाउडर [ cocoa powder ] - 3 टेबल - स्पून 
  3. लौंग पाउडर [ clove powder ] - 1/4 टी- स्पून 
  4. दालचीनी पाउडर [ cinnamon powder] - 1/2 टी- स्पून 
  5. जायफल पाउडर [ nutmeg powder ] - 1/4 टी- स्पून 
  6. सोंठ पाउडर [ dry ginger powder]- 1/2 टी- स्पून 
  7. पीसी चीनी[ powder sugar ] - 3/4 कप 
  8. बटर - 1 टेबल - स्पून [ salted & melted ]
  9. वनीला एसेंस - 1 टी- स्पून 
  10. बेकिंग पाउडर - 1 टी- स्पून 
  11. बेकिंग सोडा - 1/2 टी- स्पून 
  12. चॉको चिप - 1 टेबल- स्पून 
  13. दूध - 1 कप [ room temperature] 
  14. नमक - 1/4 टी- स्पून 
विधि - ड्राइ फ्रूट्स और नट्स को सोक करने के लिए 
  1. क्रिसमस स्पेशल ड्राइ फ्रूट्स और नट्स प्लम केक बनाने के लिए हमें सारी सामग्रियों को पहले सोक करके रखना होगा। 
  2. इसके लिए एक बड़े बाउल में क्रम से सारी चीजें डाल दें और फ्रेश ऑरेंज जूस डालकर सोक करके , ढँककर डेढ़ से 2 घंटे के लिए रख दें। आप चाहें तो ऑरेंज जूस के स्थान पर पाइनऐप्पल या ग्रेप जूस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं और फ्रेश जूस के स्थान पर मार्केट में मिलने वाले टेट्रा पैक वाले जूस भी इस्तेमाल में लाये जा सकते हैं, लेकिन फ्रेश जूस डालने से केक का फ्लेवर उभरकर आता है। 
  3. केक में ड्राइ फ्रूट्स और नट्स की मात्रा अपने हिसाब से कम / ज्यादा की जा सकती है , या अगर कोई चीज उपलब्ध न हो तो उसे हटाया भी जा सकता है।    
विधि - केक बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले एक बड़े बाउल में सारी सूखी सामग्रियाँ जैसे;- मैदा , कोको पाउडर , लौंग पाउडर , दालचीनी पाउडर , जायफल पाउडर , सोंठ पाउडर , पीसी चीनी , बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा और नमक सब एक छन्नी में डालकर छान लें।
  2. अगर आपके पास बेकिंग सोडा नहीं है तो बेकिंग पाउडर को 1 टी- स्पून से बढ़ाकर डेढ़ टी- स्पून कर दें।  
  3. सारी चीजें छान लेने से अगर किसी भी चीज में कोई गुठली या कोई कण रह गया होगा तो निकल जाएगा और केक को एक स्मूद टेक्सचर भी मिलेगा। साथ ही केक अच्छे से फूल भी जाएगा। 
  4. सारी सामग्रियों को छान लेने के बाद बाउल में पिघलाया हुआ बटर , चॉकलेट चिप्स, वनीला एसेंस  और दूध डाल दें और कट एंड फ़ोल्ड मेथड का इस्तेमाल करके सारी चीजों को मिक्स कर लें। 
  5. ध्यान रखें कि बैटर को एक तरफ ही घुमाएँ। 
  6. इसके बाद केक बैटर में सोक किया हुआ सारा सामान [ जूस सहित ] डाल दें और फिर से कट एंड फ़ोल्ड मेथड का इस्तेमाल करके सारी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें। 
  7. इसके बाद एक टिन जिसकी लंबाई 9 इंच , चौड़ाई 4 इंच और गहराई ढाई इंच हो ले लें और उसके बेस में एक बटर पेपर लगा दें। साथ ही केक टिन के चारों तरफ भी बटर पेपर लगा दें, जिससे केक को फूलने के लिए पर्याप्त जगह भी मिल जाए और केक कहीं से टिन में चिपके भी नहीं। 
  8. केक टिन में बैटर डाल दें और समतल कर दें। एक - दो बार थोड़ा हल्का सा पटक भी दें , जिससे अगर घोल में कोई एयर - बबल हो तो निकल जाए। 
  9. इसके बाद एक गहरी मोटी तली की कड़ाही  गैस पर रख दें और उसमें 1 किलो नमक डाल दें। गैस का फ्लेम तेज रखें। इस्तेमाल हुए नमक को पूरी तरह से ठंडा हो जाने पर एक डिब्बे में भरकर रख लें और जब भी कभी कूकर या कड़ाही में कुछ भी बेक करना हो , वही नमक बार- बार इस्तेमाल करें। 
  10. नमक के ऊपर एक कटोरी / गरम बर्तन रखने का स्टैंड रख दें और उस स्टैंड पर केक टिन रख दें। ध्यान रखें कि केक टिन नमक से ऊपर रहे, नहीं तो ज्यादा हीट की वजह से केक नीचे से जल जाएगा। 
  11. कड़ाही को अच्छे से ढँककर पहले 10 मिनट तेज आंच पर फिर 45 मिनट मीडियम आंच पर पका लें। 
  12. कड़ाही में केक को पकने में कुल 45- 50 मिनट का समय लगता है। एक बार 45 मिनट हो जाने पर कड़ाही का ढक्कन हटाकर केक के बिल्कुल बीच में टूथ पिक या चाकू  डालकर देख लें। यदि चाकू बिल्कुल साफ निकल रहा हो , तो गैस बंद कर दें और यदि चाकू में बैटर लगा हो, तो 5- 10 मिनट और पकने दें। 
  13. केक को चेक करने का एक तरीका यह भी होता है कि जब केक अच्छे से पक जाता है, तो ऊपर से फटने लगता है। यह इस बात का संकेत होता है कि केक अच्छे से पक गया है।  
  14. केक पक जाने के बाद गैस बंद कर दें और सावधानी से केक टिन को कड़ाही से बाहर निकाल लें। 
  15. अगर आप कड़ाही की  जगह माइक्रोवेव या ओवन का इस्तेमाल कर रहे हों तो केक को प्री - हिटेड ओवन में रखकर 180 डिग्री से 200 डिग्री सेल्सियस पर 35 - 40 मिनट के लिए बेक कर लें। बाकी प्रक्रिया समान  ही रखें। 
  16. केक को ऐसे ही पहले 10 मिनट के लिए छोड़ दें। 
  17. 10 मिनट के बाद केक को एक प्लेट में निकाल लें। जब केक पूरी तरह से ठंडा हो जाए, तभी काटें। अगर आप केक को पूरी तरह से ठंडा हो जाने के बाद 10 मिनट के लिए फ्रीज़ में रखने के बाद काटेंगे, तो भी केक अच्छे से कट जाता है। 
  18. डीप फ्रीजर में रखकर यह केक 1 महीने तक भी खाया जा सकता है। 
  19. स्वादिष्ट प्लम केक तैयार है। सर्व करें।  
दोस्तों, आशा करती हूँ कि क्रिसमस स्पेशल प्लम केक की मेरी ये रेसिपी आपको पसंद आई होगी। इस क्रिसमस आप भी एगलेस और बिना अल्कोहल के  प्लम केक बनाएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 

धन्यवाद॥ 
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लोहड़ी स्पेशल मक्के की रोटी और सरसों का साग [ Lohri Special Punjab's Classical Makke ki roti aur Sarson ka saag recipe ]

 नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम लोहड़ी के खास अवसर पर पंजाब की क्लासिकल डिश मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाएँ...