नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम आम का अचार बनाएँगे, जिसे कच्ची कैरी का अचार भी कहा जाता है। आम का अचार कई तरीकों से बनाया जाता है, लेकिन आज हम आम का बिल्कुल पारंपरिक अचार बनाएँगे, जो हम सबके घरों में बचपन में दादी - नानी द्वारा बनाया जाता था। आम का अचार सभी को बहुत पसंद होता है। अचार एक ऐसा व्यंजन होता है, जो किसी भी खाने के जायके को बढ़ा देता है। अगर सब्जी न भी हो तो भी अचार के साथ आराम से रोटी / परांठा आदि खाया जा सकता है। हमारे भारतीय खान - पान में तो अचार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। भारत में अलग - अलग भाषाओं में अचार को अलग - अलग नामों से जाना जाता है। जैसे;- हिन्दी और पंजाबी में अचार, कन्नड़ में उपिन्न्काई, मराठी में लोडचा , तमिल में ओरुकई, तेलुगू में ओरगया आदि। वैसे तो भारत में अनेकों प्रकार के अचार बनाए जाते हैं, जैसे;- कटहल का अचार, नींबू का अचार, आँवले का अचार, लाल मिर्च का भरवां अचार, मिक्स वेज अचार , अमड़ा का अचार आदि। लेकिन सभी अचारों का राजा तो आम के अचार को ही कहा जाता है। ऐसा शायद ही कोई भारतीय घर हो, जहां आम का अचार न पाया जाये। आम का अचार केवल गर्मी के मौसम में ही बनाया जाता है और एक बार बनाकर साल भर के लिए स्टोर करके रख लिया जाता है। लेकिन कभी - कभी थोड़ी सी भी असावधानी से यह चटाकेदार व्यंजन खराब भी हो जाता है और हमारी सारी मेहनत बेकार हो जाती है। इस रेसिपी में न सिर्फ आम का अचार बनाने की विधि बताई गयी है, अपितु यह भी बताया गया है कि अचार को लंबे समय तक कैसे सुरक्षित करके रखा जाए। तो चलिये सभी के पसंदीदा आम के अचार बनाना शुरू करते हैं।
सामग्री
- कच्चे आम - 2 किलोग्राम
- सरसों का तेल - 1/2 लीटर
- हींग- 1 टी - स्पून
- नमक- 150 ग्राम
- हल्दी पाउडर - 50 ग्राम
- सौंफ - 100 ग्राम
- मेथीदाना - 50 ग्राम
- सरसों - 50 ग्राम
- सूखी लाल मिर्च - 100 ग्राम
- अजवाइन - 50 ग्राम
- कलौंजी / मंगरेल - 50 ग्राम
- खड़ी धनिया - 100 ग्राम
- जीरा - 50 ग्राम
विधि
- सबसे पहले आम को अच्छे से धोकर रात भर के लिए पानी में भिंगाकर छोड़ दें।
- दूसरे दिन आम को पानी से निकालकर अच्छे से पोंछ लें और आम को पेपर पर पंखा चालू करके 1 घंटे के लिए रख दें या 1 घंटे के लिए धूप में रख दें , जिससे आम का पानी पूरी तरह से सूख जाए। क्यूंकि अगर आम में पानी रहेगा तो अचार खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी।
- जब आम सूख जाएँ तो आम की डंठल हटा दें लेकिन छिलका न उतारें।
- आम को छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लें। बीज हटा दें।
- आम को काटने के बाद एक बार फिर कड़ी धूप में आम को 3-4 घंटे के लिए सूखा लें। जिससे आम के अंदर की नमी भी सूख जाए।
- जब आम अच्छे से सूख जाए , तब आम में आधी हल्दी और आधा नमक डालकर मिक्स कर दें और आम को एक साफ , सूखे डिब्बे में भरकर पूरे 1 दिन के लिए बंद करके रख दें।
- आम में हल्दी व नमक लगाने के बाद आम पानी छोड़ेगा, जो बिलकुल नॉर्मल है।
- दूसरे दिन सबसे पहले मसाला तैयार कर लें।
- इसके लिए गैस पर एक पैन गरम होने के लिए रखें और आंच धीमी कर दें।
- जब पैन गरम हो जाये तब उसमें सबसे पहले लाल मिर्च भूनकर निकाल लें। आंच धीमी ही रखें।
- इसके बाद पैन में खड़ी धनिया डालकर भून लें और अलग प्लेट में निकाल लें।
- इसके बाद पैन में सौंफ , मेथीदाना , सरसों , अजवाइन , कलोंजी और जीरा डालकर धीमी आंच पर भून लें। याद रखें कि हमें मसालों को ज्यादा नही भूनना है। हमे मसाले सिर्फ इतने गरम करने हैं जितना हम हाथ से छू सकें।
- जब मसाले भुन जाएँ , तब एक प्लेट में सारे मसाले निकाल लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
- जब मसाले अच्छे से ठंडे हो जाएँ , तब उनमें से धनिया और लाल मिर्च को छोड़कर 3-4 टेबल - स्पून खड़े मसाले निकाल लें क्यूंकि आम के अचार में कुछ खड़े मसाले भी डाले जाते है।
- अब खड़ी धनिया व बाकी बचे मसालों को दरदरा पीस लें और सूखी लाल मिर्च को भी पीसकर पाउडर बना लें।
- सूखी लाल मिर्च और धनिया पूरा पीस दें। उसमे से कुछ न बचाएं।
- उसके बाद आम को डिब्बे से निकालकर छान लें और उसे एक जाली पर रख दें , जिससे उसका पूरा पानी निकल जाये। क्यूंकि अगर आम में पानी रहेगा तो अचार खराब हो जाएगा।
- तब तक गैस पर एक कड़ाही रखें और उसमें सरसों का तेल डालकर गरम कर लें। सरसों के तेल को धुआँ निकलने तक गरम करना है। बहुत से लोग तेल बिना गरम किए भी इस्तेमाल करते हैं। दोनों ही तरीके सही हैं।
- जब तेल गरम हो जाये तब उसमें हींग डाल दें और मिक्स कर दें। गैस बंद करके तेल को ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
- जब तेल ठंडा हो जाएगा तब हम उसमें मसाले और बाकी चीजें मिलाएंगे। गरम तेल में कभी भी मसाले वगैरह न मिलाएँ।
- जब तेल ठंडा हो जाये , तब उसमें दरदरे पिसे मसाले, खड़े मसाले, बचा हुआ हल्दी पाउडर, बचा हुआ नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर एक बार चम्मच से अच्छे से मिक्स कर दें।
- उसके बाद उसमें आम डाल दें और आम को भी तेल व मसालों के साथ अच्छे से मिक्स कर दें।
- आम का अचार बनकर तैयार है। लेकिन अभी यह अचार खाने योग्य नही है। जब आम थोड़े नरम हो जाएंगे तब अचार खाने योग्य होगा।
- अचार को पहले से साफ व सूखाई हुई बरनी/ काँच के जार में डाल दें और ढक्कन बंद कर दें।
- अचार को रोज 1 हफ्ते तक धूप दिखाएँ। धूप की गर्मी और नमक से अचार धीरे - धीरे गलने लगेगा और अचार की शेल्फ लाइफ भी बढ़ जाएगी।
- रोज धूप में रखने से पूर्व अचार को हिलाकर ऊपर - नीचे कर दें।
- 1 हफ्ते बाद अचार खाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। इसे लंबे समय तक रखने के लिए अचार की बरनी / जार में इतना सरसों का तेल डाल दें, जितने में आम अच्छे से डूबे रहें। तेल अचार में प्रिजरवेटिव का काम करता है। अचार में 1 इंच ऊपर तक तेल होना चाहिए।
- बाद में डाला जानेवाला तेल गरम नही किया जाता है।
- स्वादिष्ट आम का अचार बनकर तैयार है। यह अचार लंबे समय तक भी खराब नही होगा।
Tips
हम इतनी मेहनत करके अचार बनाते हैं , लेकिन थोड़ी सी गलती या असावधानी की वजह से अचार खराब हो जाता है। इसलिए अचार को लंबे समय तक परिरक्षित [ preserve] करके रखने के लिए कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं , जिनको ध्यान में रखकर आप अपने अचार को फंगस लगने से बचा सकते हैं।
- अचार बनाने के लिए आमों का चयन बहुत सावधानी से करें। आम बिल्कुल हरे - हरे व टाइट लें। साथ ही ध्यान रखें कि आम कहीं से कटे , फटे , दबे या दाग लगे हुए न हों।
- अचार बनाने के लिए ऐसे आमों का चयन करें, जिनमें रेशे न हों। अचार बनाने के लिए रामकेड़ा या तोतापरी आम अच्छे माने जाते हैं।
- अचार बनाने व रखने के लिए जो भी बर्तन इस्तेमाल करें , वो पहले से ही साफ व सूखे हों। क्यूंकि अगर बर्तन में भी नमी रहेगी या बर्तन गंदे रहेंगे तो भी अचार खराब हो सकते हैं।
- अचार निकालने के लिए साफ व सूखे चम्मच का ही उपयोग करें।
- अचार को रखने के लिए हमेशा काँच का जार या चीनीमिट्टी वाली बरनी का ही इस्तेमाल करें। अचार को कभी भी प्लास्टिक या स्टील के बर्तन में न रखें।
- अचार निकालते वक़्त आपके हाथ भी साफ व सूखे होने चाहिए। गीले हाथों से अचार को न छूएँ।
- अचार रखने से पूर्व बरनी / जार को हल्के गुनगुने पानी व साबुन से अच्छे से धो लें और पोंछकर 1-2 दिन तक धूप में रख दें । जिससे बर्तन अच्छे से सूख भी जाये और स्टेरीलाइज भी हो जाये।
- अचार को 3-4 महीने में एक बार हिलाकर ऊपर - नीचे कर दें और धूप दिखा दें।
- बारिश के बाद अचार को धूप दिखाना जरूरी होता है।
- धूप दिखाने के लिए जार का ढक्कन हटा दें और उसके मूंह पर एक साफ , सूखा कपड़ा बांध दें। जिससे जार या बरनी में धूप तो जाए परंतु धूल - मिट्टी न जाये।
- अचार को सुरक्षित करने के लिए जार / बरनी में हींग का धूँआं भी किया जा सकता है। इसके लिए जलते हुए कोयले या रुई पर हींग डालें और जब धूँआं उठने लगे तब बरनी को उल्टा करके उस पर रख दें, जिससे धूँआं पूरे बरनी में अच्छे से लग जाये। इससे न सिर्फ अचार सुरक्षित होता है , बल्कि उसका स्वाद भी बढ़ जाता है।
- अचार में नमक व तेल की मात्रा भी सही रखें, क्यूंकि अचार खराब होने का एक कारण नमक व तेल की कमी भी होती है।
- अचार रखने के लिए हमेशा एयर - टाइट बरनी / जार का इस्तेमाल करें, क्यूंकि हवा लगकर भी अचार में नमी आ जाती है और अचार खराब हो जाते हैं।
- अचार बनाते समय अपने बालों को भी बांधकर रखें और जिस जगह पर अचार बना रहे हैं , वह जगह भी साफ - सुथरी और सूखी होनी चाहिए।
- रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए अचार को एक छोटी बोतल में निकालकर रख लें। बार - बार बड़ी बरनी न खोलें।
दोस्तों , आशा करती हूँ कि आपको आम के पारंपरिक अचार की मेरी ये रेसिपी पसंद आई होगी। उपर्युक्त बातों का ध्यान रखकर आप न सिर्फ आम का स्वादिष्ट अचार बना पाएंगे बल्कि इसे लंबे समय तक परिरक्षित करके रख भी सकते हैं। तो इन गर्मियों में आप भी आम का अचार बनाएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें।
धन्यवाद ॥
Chtpte jaykedar lajij aachar
ReplyDeleteVery nice recipe. Will definitely try.
ReplyDeleteCtpta jakedar Aachar
ReplyDeleteVah, nice recipy
ReplyDeleteNice 😋🤩😍 Nisha Pandey
ReplyDeleteअद्भुत, Reena Dikshit😍😍😋😋😋
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