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Saturday, May 29, 2021

देसी स्टाइल वेज रोटी टैकोस- Mexican Vegetables Tacos Recipe


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम देसी स्टाइल रोटी टैकोस बनाएँगे। टैकोस एक मेक्सिकन डिश होती है, जिसे छोटे - छोटे टौर्टिलाज में स्टफिंग भरकर बनाया जाता है।टैकोज मेक्सिको के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है।  मेक्सिको में आम तौर पर टौर्टिलाज मक्के के आटे से बनाए जाते हैं और इसके अंदर मटन / चिकन / बीफ / बीन्स / वेजीटेबल्स , चीज, सालसा आदि की स्टफिंग भरी जाती है, लेकिन आज हम बिल्कुल देसी स्टाइल टैकोज बनाएँगे, जिसे गेहूं के आटे की रोटी , ढेर सारी सब्जियों और चीज [ cheese ]  के साथ तैयार किया जाएगा और इसका स्वाद और ज्यादा बढ़ाने के लिए कुछ भारतीय मसालों का इस्तेमाल भी किया जाएगा, जो हम सभी के किचन में आसानी से उपलब्ध होते हैं। रोटी टैकोज खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं,  इन्हें बनाना उतना ही आसान होता है। वैसे तो टैकोज का टौरटिला [ tortilla] मार्केट में मिल जाता है, लेकिन यह हर जगह उपलब्ध हो, ऐसा जरूरी नहीं है। इसलिए आज हम टौरटिला की जगह घर की बनी हुई रोटी का इस्तेमाल करेंगे।  अगर आपके पास रात की रोटी बच गयी है तो उसे फेंके नहीं , उससे सुबह नाश्ते में टैकोज बना लें। इसे आप सुबह या शाम को नाश्ते में बनाकर खा सकते हैं, यात्रा के दौरान लेकर जा सकते हैं, बच्चों को स्कूल में टिफिन में दे सकते हैं , छोटे बच्चों को फिंगर फूड की तरह दे सकते हैं या जब भी आप रोटी सब्जी या भरवां परांठा न खाना चाहें तब रोटी टैकोज बनाकर खा सकते हैं। तो चलिये देसी स्टाइल रोटी टैकोज बनाना  शुरू  करते  हैं। 

सामग्री

  1. रोटी / चपाती - 4 
  2. उबले व कद्दूकस किए हुए आलू - 2 [ बड़े साइज़ के]
  3. बारीक कटी शिमला मिर्च - 1/4 कप 
  4. कद्दूकस किया हुआ गाजर - 1/4 कप 
  5. कद्दूकस किया हुआ अदरक - 1 टी- स्पून 
  6. बारीक कटी प्याज़- 1 
  7. बारीक कटा लहसून- 2-3 
  8. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  9. बारीक कटी धनिया पत्ती- 2 टेबल - स्पून 
  10. उबले  हुए कॉर्न के दाने - 2 टेबल- स्पून 
  11. नमक - स्वादानुसार 
  12. तेल- 2 टेबल- स्पून 
  13. सौंफ - 1/2 टी- स्पून 
  14. जीरा - 1/2 टी- स्पून 
  15. हींग- चुटकी भर 
  16. लाल मिर्च पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  17. अमचूर पाउडर - 1/2  टी- स्पून 
  18. जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  19. गरम मसाला पाउडर - 1 टी- स्पून 
  20. चाट मसाला - 1 टी- स्पून 
  21. ओरिगैनो [oregano] - 1 टी- स्पून 
  22. हरी चटनी - आवश्यकतानुसार [ रोटी पर लगाने के लिए]
  23. टोमॅटो सॉस - सर्व करने के लिए 
  24. मक्खन / तेल / घी - टैकोज सेंकने के लिए 
  25. चीज स्लाइस - 4 
विधि 
  1. सबसे पहले गैस पर एक पैन रखें और पैन में 2 टेबल - स्पून तेल डालकर गरम कर लें। आंच मीडियम कर दें। 
  2. जब तेल गरम हो जाए , तब आंच धीमी कर दें और तेल में सौंफ , जीरा और हींग डाल दें और हल्का सा भून लें। 
  3. इसके बाद पैन में प्याज़ डाल दें और प्याज़ को भी 2 मिनट तक पकने दें। 
  4. जब प्याज़ हल्की पक जाए , तब उसमें बारीक कटा लहसून, बारीक कटी हरी मिर्च और कद्दूकस किया हुआ अदरक डाल दें और सारी चीजों को मिक्स करके धीमी आंच पर 1 मिनट के लिए पका लें। 
  5. इसके बाद पैन में कद्दूकस किया हुआ गाजर , उबली हुई कॉर्न  और बारीक कटी शिमला मिर्च डाल दें और चला दें।
  6. ढँककर 2-3 मिनट तक पकने दें। 
  7. अगर आपने ताजी कॉर्न का इस्तेमाल किया है , तो ही उसे पहले से उबालें और अगर आपने फ़्रोजेन कॉर्न का इस्तेमाल किया है तो उसे पहले से उबालने की जरूरत नहीं है। बस फ्रीजर से निकालकर थोड़ी देर के लिए सादे पानी में डाल दें और फिर शिमला मिर्च और गाजर के साथ पका लें। 
  8. 2-3 मिनट बाद पैन का ढक्कन हटा दें और पैन में लाल मिर्च पाउडर, अमचूर पाउडर, जीरा पाउडर, गरम मसाला पाउडर, चाट मसाला और ओरिगैनो डाल दें और सारी चीजों को मिक्स करके 1-2 मिनट तक धीमी आंच पर बिना ढक्कन लगाए  पकने दें। 
  9. इसके बाद पैन में कद्दूकस किए हुए आलू , स्वादानुसार नमक और बारीक कटी धनिया पत्ती डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। 
  10. धीमी आंच पर 4-5 मिनट तक स्टफिंग को पकने दें , जिससे मसालों का फ्लेवर आलू के साथ मिक्स हो जाए।  
  11. रोटी टैकोस बनाने के लिए स्टफिंग तैयार है। 
  12. गैस बंद कर दें और स्टफिंग को एक प्लेट में निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें। 
  13. जब स्टफिंग थोड़ी ठंडी हो जाए , तब टैकोज तैयार करें। 
  14. इसके लिए एक रोटी लें और उस पर हरी चटनी लगाकर सब तरफ अच्छे से फैला दें। 
  15. इसके बाद रोटी के आधे भाग में स्टफिंग रखें और स्टफिंग के ऊपर एक चीज स्लाइस रख दें। 
  16. रोटी को मोड़कर उसके आधे भाग से रोटी को ढँक दें। 
  17. ऐसे ही सारे टैकोज बनाकर तैयार कर लें। 
  18. जब तक टैकोज तैयार कर रहे हों , तब तक एक तवा या पैन गैस पर गरम होने के लिए रख दें और तवे पर 1 टेबल - स्पून  तेल / घी / मक्खन डाल दें । 
  19. आंच धीमी रखें । 
  20. अब तवे पर एक बार में जितने टैकोज आ सकें , रख दें और टैकोज के ऊपर और चारों तरफ तेल / घी थोड़ा सा डाल दें। 
  21. धीमी आंच पर एक साइड से क्रिस्पी और गोल्डेन ब्राउन होने तक पकने दें। उसके बाद पलट दें। 
  22. दूसरी साइड से भी टैकोज को उसी प्रकार सेंक लें। 
  23. टैकोज को थोड़ा खड़ा करके नीचे के साइड से भी सेंक लें। 
  24. ऐसे ही सारे टैकोज बनाकर तैयार कर लें। 
  25. स्वादिष्ट रोटी टैकोज बनकर तैयार हैं। इन्हें टोमॅटो सॉस के साथ गरमागरम सर्व करें। 
  26. बच्चों को अगर दे रहे हैं , तो टैकोज को बीच से काट दें। जिससे वे थोड़े छोटे हो जाएँ और बच्चों को पकड़ने में आसानी हो जाए। 
Tips
  1. रोटी टैकोज बनाने के लिए गेहूं के आटे की रोटी के स्थान पर मक्के की रोटी / मैदे की रोटी या फिर आधा आटा आधा मैदा मिलाकर बनाई हुई रोटी का इस्तेमाल  किया जा सकता है। 
  2. उबली हुई कॉर्न की जगह मूँगफली या हरी मटर का इस्तेमाल  किया जा सकता है। 
  3. आलू की स्टफिंग के स्थान पर राजमा की स्टफिंग भरी जा सकती है। 
  4. चीज स्लाइस के स्थान पर  प्रोसेस्ड चीज को कद्दूकस करके  डाला जा सकता है। 
  5. सब्जियों के साथ पनीर भी तोड़कर मिलाया जा सकता है। 
  6. इसके साथ साथ स्टफिंग में ऐवोकैडो / पत्तागोभी या फिर ब्रोकोली का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
दोस्तों, आशा करती हूँ कि आपको मेरी देसी स्टाइल रोटी टैकोज की ये रेसिपी पसंद आई होगी। आप भी अपने घर पर ये मजेदार रोटी टैकोज बनाएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 
धन्यवाद॥ 

Tuesday, May 25, 2021

7 Days 7 Breakfast Recipes [ Veg ]

 नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम 7 अलग - अलग प्रकार के नाश्ते बनाएँगे। ये नाश्ते  न सिर्फ पौष्टिक हैं बल्कि जल्दी से बनकर तैयार  हो जाते हैं और इनका  स्वाद भी लाजवाब होता है। दोस्तों, सुबह का नाश्ता हम सभी के लिए बहुत आवश्यक होता है। सुबह हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट करने से हमारे शरीर को दिन भर कार्य करने के लिए ऊर्जा व स्फूर्ति मिलती है। लेकिन कभी -  कभी बहुत से लोग समय के अभाव के कारण या वजन कम करने के लिए डायटिंग आदि के चक्कर में पड़कर सुबह का नाश्ता स्किप कर देते हैं या भूख लगने पर कुछ भी ऊल्टा -  सीधा  खा लेते हैं, जिसका  उनकी सेहत  बहुत  ही  खराब प्रभाव पड़ता है। प्रसिद्ध सेलिब्रिटी  डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर भी फिट और हेल्दी रहने के लिए घर का बना फ्रेश और पौष्टिक नाश्ता करने पर ज़ोर देती हैं। हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट से न सिर्फ हमारा पेट भरता है , बल्कि हमारे शरीर का पोषण भी  होता है, हमें दिन भर कार्य करने की ऊर्जा मिलती है, वजन कम करने में मदद मिलती है, एसिडिटी और सिरदर्द जैसी परेशानियों से राहत मिलती है, याददाश्त और एकाग्रता के स्तर में  सुधार होता है , शरीर में गुड बैक्टीरिया की संख्या में इजाफा होता है और एक रिसर्च के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा भी 30% तक कम हो जाता है। इसलिए सुबह उठने के आधे घंटे के अंदर नाश्ता जरूर कर लेना चाहिए और इस बात का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए की नाश्ता घर का बना हो, फ्रेशली कूक्ड हो और पौष्टिक हो जिससे हमारे शरीर को सारे जरूरी न्यूट्रीएंट्स मिलते रहें। लेकिन जब भी हम नाश्ता बनाने के लिए किचन में जाते हैं तो सुबह - सुबह हम सभी को यही टेंशन रहती है कि आज नाश्ते में क्या बनाया जाए। इसलिए इस लेख  के  माध्यम से आपकी इस  समस्या  का  समाधान करने की एक छोटी सी  कोशिश  की  गयी है। ये सभी रेसिपीज़ ऐसी हैं जो स्वाद और सेहत दोनों के लिहाज से बहुत उपयोगी हैं। तो चलिये 7 अलग - अलग प्रकार के नाश्ते बनाना शुरू करते हैं। 

 

Menu 

  1. मूँगदाल पनीर चीला 
  2. ओट्स इडली 
  3. दलिया के कटलेट्स
  4. सूजी  ढोकला 
  5. वेज मेयोनेज सैंडविच 
  6. मुगलई पराँठा 
  7. स्प्राउट्स चाट 


1 -  मूँगदाल पनीर चीला

सामग्री- चीला बनाने के लिए 
  1. साबुत हरी मूंगदाल - 1 कप [ रात भर पानी में भिंगाई हुई] 
  2. बारीक कटी प्याज़ - 1 
  3. हरी मिर्च - 1 
  4. अदरक - 1 इंच टुकड़ा 
  5. बारीक कटा हरा धनिया - 1 टेबल- स्पून 
  6. पानी - 4-5 टेबल- स्पून [ घोल बनाने के लिए ]
  7. नमक - 3/4 टी- स्पून या स्वादानुसार 
  8. तेल / बटर - चीले में लगाने के लिए  
  9. जीरा - 1/2 टी - स्पून 
सामग्री- स्टफिंग बनाने के लिए 
  1. पनीर - 100 ग्राम 
  2. बारीक कटी शिमला मिर्च - 1/2 कप 
  3. कद्दूकस किया हुआ गाजर - 1/2 कप 
  4. चाट मसाला - 1 टी- स्पून 
  5. नमक - 1/2 टी - स्पून 
  6. तेल - 1 टेबल- स्पून 
  7. बारीक कटा हरा धनिया - 1 टेबल- स्पून 
  8. जीरा - 1/2 टी - स्पून 
  9. हींग - 1 पींच 
विधि - चीले का घोल बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले साबुत मूंगदाल को धोकर रात भर के लिए पानी डालकर भिंगा दें और ढँककर रख दें। साबुत मूंगदाल की जगह पीली वाली मूंगदाल का उपयोग भी किया जा सकता है। बस पीली वाली मूंगदाल को 3-4 घंटे ही भिंगाएँ। 
  2. सुबह दाल को पानी से छानकर निकाल लें और ब्लेंडर के जार में डाल दें।
  3.  जार  में दाल के साथ अदरक , जीरा और हरी मिर्च को भी 3-4 टुकड़ों में काटकर डाल दें। 
  4. इसके बाद ब्लेंडर में 2 टेबल - स्पून पानी डाल दें और दाल को  पीस लें। 
  5. दाल को एक बाउल में निकाल लें और उसमें बारीक कटी प्याज़ , बारीक कटा हरा धनिया , नमक और बाकी बचा 2-3 टेबल - स्पून पानी भी डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें।
  6.  चीले का घोल न तो ज्यादा पतला और न ही ज्यादा गाढ़ा होना चाहिए। हमें घोल की स्थिरता डोसे के घोल की तरह रखनी है। 
  7. चीला बनाने के लिए घोल तैयार है। इसे ढँककर एक तरफ रख दें। तब तक स्टफिंग तैयार कर लें। 
  8. आप चाहें तो रात को ही घोल बनाकर फ्रिज में रख लें। बस उसमें नमक इस्तेमाल करने के वक़्त ही डालें और सुबह स्टफिंग तैयार करके फटाफट नाश्ता तैयार कर लें। 
विधि - स्टफिंग बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले एक पैन में तेल या घी डालकर गरम कर लें और आंच धीमी कर दें। 
  2. अब पैन में जीरा और हींग डालकर हल्का सा भून लें। 
  3. इसके बाद पैन में बारीक कटी शिमला मिर्च और कद्दूकस किया हुआ गाजर डाल दें। 
  4. साथ ही नमक भी डाल दें, जिससे सब्जियाँ जल्दी पक जाएँ। ध्यान रखें कि नमक हल्का ही डालें, क्यूंकि  घोल में भी नमक डाला गया है। 
  5. इसके बाद सब्जियों को ढँककर धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक पका लें। 
  6. इसके बाद पैन में क्रम्बल्ड पनीर , चाट मसाला और बारीक कटा हरा धनिया डालकर मिक्स कर दें। 
  7. पैन का ढक्कन हटाकर मीडियम आंच पर स्टफिंग को 2-3 मिनट तक भून लें। 
  8. चीले में भरने के लिए स्टफिंग तैयार है। थोड़ी देर के लिए ठंडा होने के लिए रख दें , उसके बाद चीले बनाएँ। 
विधि - चीले बनाने के लिए 
  1. चीले बनाने के लिए सबसे पहले एक नॉन - स्टिक पैन गैस पर रखकर गरम कर लें और उस पर 1 टी - स्पून तेल डालकर फैला दें और तवे को चिकना कर लें। आंच धीमी कर दें। 
  2. अगर आपके पास नॉन - स्टिक पैन नहीं है , तो कोई भी तवा जिस पर रोटी बनाई जाती हो,  उसे गरम कर लें और एक प्याज़ को बिना छिलका हटाये,  बीच से कट करके तेल में डिप कर दें और इस तेल लगी प्याज़ से तवे को चिकना कर लें। इससे सामान्य तवा भी नॉन - स्टिक तवे जैसा ही काम करता है। 
  3. अब तवे पर 1 कलछी घोल डाल दें और गोलाई में घुमाते हुए चीले को फैला दें। 
  4. आंच मीडियम कर दें। 
  5. चीले के चारों तरफ और चीले के ऊपर 1 टी- स्पून तेल डाल दें। 2-3 मिनट तक पकने दें। 
  6. जब चीला एक साइड से पक जाये तब चीले को पलट दें और दूसरी साइड से भी चीले पर तेल लगा दें। 
  7. दूसरी साइड से भी चीले को पका लें। 
  8. फिर से चीले को पलट दें और चीले पर 2 टेबल - स्पून पनीर की स्टफिंग भर दें और चीले को मोड दें। 
  9. स्वादिष्ट मूंगदाल पनीर चीला बनकर तैयार है। 
  10. ऐसे ही सारे चीले बनाकर तैयार कर लें। 
  11. मूंगदाल पनीर चीलों को हरे धनिये की चटनी और टोमॅटो सॉस के साथ गरमागरम सर्व करें। 


2 -  ओट्स इडली 

सामग्री  
  1. सादा ओट्स - 1.5 कप 
  2. तेल - 3 टी- स्पून 
  3. राई - 1 टी- स्पून 
  4. जीरा - 1/2 टी - स्पून 
  5. सफ़ेद उड़द दाल - 1/2 टी- स्पून 
  6. चना दाल - 1 टी- स्पून 
  7. करी पत्ता - 10 -12 
  8. अदरक पेस्ट - 1/2 टी- स्पून 
  9. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  10. कद्दूकस किया हुआ गाजर - 1 
  11. हल्दी पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  12. सूजी / रवा - 1/2 कप 
  13. दही  - 1 कप 
  14. पानी - 1 कप 
  15. इनो फ्रूट साल्ट - 1/2 टी- स्पून 
  16. बारीक कटी हरी धनिया - 1.5 टी- स्पून 
  17. नमक - स्वादानुसार 
  18. तेल - साँचों में लगाने के लिए 
विधि 
  1. सबसे पहले गैस पर एक पैन या कड़ाही गरम होने के लिए रखें और आंच धीमी कर दें। 
  2. पैन में ओट्स डाल दें और धीमी आंच पर ओट्स को 2-3 मिनट तक ड्राई रोस्ट कर लें। ध्यान रखें कि हमें अनफ्लेवर्ड ओट्स लेना है। 
  3. जब ओट्स भुन जाएँ , तब गैस बंद कर दें और ओट्स को एक प्लेट में निकालकर ठंडा होने के लिए  रख दें।
  4. जब ओट्स ठंडे हो जाएँ , तब उसे पीसकर उसका एक फाइन पाउडर बना लें। 
  5. इसके बाद उसी पैन को फिर से गैस पर रखकर गरम कर लें और उसमें 3 टी- स्पून तेल डालकर गरम कर लें।  
  6. आंच धीमी कर दें। 
  7. जब तेल गरम हो जाए तब उसमें राई , जीरा , सफ़ेद उड़द दाल , चना दाल , करी पत्ता और बारीक कटी  हुई हरी मिर्च डाल दें और मिक्स कर दें। 
  8. 1 मिनट तक धीमी आंच पर पका लें। 
  9. इसके बाद पैन में अदरक पेस्ट भी डाल दें और उसे भी थोड़ा सा भून लें। अगर आपके पास अदरक पेस्ट नहीं है तो उसकी जगह पर 1 इंच अदरक का टुकड़ा कद्दूकस करके भी डाला जा सकता है। 
  10. इसके बाद पैन में हल्दी पाउडर और कद्दूकस किया हुआ गाजर डाल दें और उसे भी मिक्स करके धीमी आंच पर 2 मिनट तक भून लें। 
  11. इसके बाद पैन में सूजी डाल दें और सूजी को भी लो फ्लेम पर 2-3 मिनट तक भून लें। 
  12. जब सूजी अच्छे से भुन जाए और अच्छी खुशबू आने लगे तब इस मिश्रण में ओट्स पाउडर भी डाल दें और मिक्स कर दें। 
  13. गैस बंद कर दें और मिश्रण को एक बाउल में निकाल लें। 
  14. जब मिश्रण थोड़ा ठंडा हो जाए , तब उसमें दही, 1 कप  पानी और नमक डाल दें और मिक्स करके इडली जैसा घोल बनाकर तैयार कर लें। अगर घोल ज्यादा गाढ़ा लग रहा हो तो 1-2 टेबल - स्पून पानी और मिलाया जा सकता है। 
  15. बैटर को ढँककर कम से कम  20 मिनट के लिए फूलने के लिए रख दें। उसके बाद ही इडली बनाएँ। 
  16. इडली बनाने से पूर्व इडली स्टैंड में पानी डालकर उबलने के लिए रख दें। 
  17. तब तक बैटर में इनो डाल दें और एक ही दिशा में घूमाते हुए मिक्स कर लें। 
  18. ध्यान रखें कि इनो डालने के बाद न तो बैटर को ज्यादा फेंटा जाता है और न ही ज्यादा देर रखा जाता है। 
  19. बैटर एक तरफ रख दें और इडली के साँचों में तेल लगा दें , जिससे इडली निकालते वक़्त आसानी रहे। 
  20. सभी साँचों में घोल / बैटर डाल दें और इडली स्टैंड में रख दें। 
  21. ढँककर मीडियम फ्लेम पर इडली को 10 - 15 मिनट तक पकने दें। 
  22. ओट्स इडली तैयार है, इसे निकाल लें और अपनी मनपसंद चटनी और सांभर के साथ गरमागरम सर्व करें। 


3- दलिया के  कटलेट्स

सामग्री
  1. दलिया - 1 कप 
  2. बारीक कटी शिमला मिर्च - 1/2 कप 
  3. कद्दूकस किया हुआ गाजर - 1/2 कप 
  4. मीडियम साइज़ के उबले हुए आलू - 2 
  5. पनीर - 50 ग्राम 
  6. बारीक कटी धनिया पत्ती - 2 टेबल - स्पून 
  7. बारीक कटी पुदीना पत्ती - 1 टी- स्पून 
  8. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  9. कद्दूकस किया हुआ अदरक - 1 टी- स्पून 
  10. काली मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  11. अमचूर पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  12. गरम मसाला पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  13. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  14. जीरा - 1/2 टी - स्पून 
  15. हींग- 1/4 टी- स्पून 
  16. नमक - स्वादानुसार 
  17. ब्रेड क्रंब्स - 3-4 टेबल- स्पून  
  18. तेल- कटलेट्स शैलो फ्राई करने के लिए 
विधि 
  1. सबसे पहले दलिया को 2-3 बार अच्छे से पानी से धो लें और दलिया के लेवल जितना पानी डालकर , ढँककर दलिया को 1 घंटे के लिए छोड़ दें। ध्यान रखें  कि ज्यादा पानी न डालें, क्यूंकि अगर दलिया में ज्यादा पानी रहेगा , तो कटलेट्स बनाने में मुश्किल होगी। 
  2. 1 घंटे में दलिया पानी को पूरी तरह से सोख लेगी और दलिया नरम हो जाएगी। अगर दलिया में थोड़ा पानी दिख रहा हो तो उसे दबाकर पूरा पानी निकाल दें। 
  3. अगर आपके पास दलिया भिंगाने का वक़्त नहीं है , तो दलिया को धोकर कूकर में डाल दें और 1/2 कप पानी डालकर मीडियम फ्लेम पर 1 सीटी आने तक पका लें। 
  4. दलिए को दबा - दबाकर सारा पानी निकाल दें और दलिए को 1 बाउल में डालें। 
  5. इसमें 2 उबले आलू छीलकर, कद्दूकस करके डाल दें। 
  6. इसके बाद दलिए में बारीक कटी शिमला मिर्च, कद्दूकस किया हुआ गाजर , बारीक कटी धनिया पत्ती, बारीक कटी पुदीना पत्ती , बारीक कटी हरी मिर्च , कद्दूकस किया हुआ अदरक , काली मिर्च पाउडर, अमचूर पाउडर , गरम मसाला पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, जीरा, हींग , स्वादानुसार नमक और ब्रेड क्रंब्स डाल दें। 
  7. ब्रेड क्रंब्स की जगह भुना हुआ बेसन, सूजी या कॉर्न - फ़्लौर कुछ भी डाला जा सकता है। 
  8.  अगर आप बेसन इस्तेमाल कर रहे हों तो बेसन को भूनकर इस्तेमाल करें। इसके लिए गैस पर एक पैन रखकर गरम कर लें और आंच धीमी कर दें। 
  9. इसमें 2 टेबल- स्पून बेसन डालकर धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक ड्राई - रोस्ट कर लें। ठंडा हो जाने पर इस्तेमाल करें।  
  10. इसके बाद दलिए में पनीर को भी कद्दूकस करके डाल दें। 
  11. सारी चीजों को अच्छे से हाथों से मिला लें। 
  12. दलिया बनाने के लिए मिश्रण तैयार है। 
  13. अब अपने हाथों में थोड़ा तेल लगाकर हाथों को चिकना कर लें और मिश्रण से थोड़ा - थोड़ा भाग लेकर टिक्की बना लें। 
  14. जब तक टिक्की बना रहे हैं , तब तक एक पैन में 3-4 टेबल- स्पून तेल डालकर गरम कर लें। 
  15. जब तेल अच्छे से गरम हो जाए , तब आंच धीमी कर दें और तेल में एक बार में 4-5 कटलेट्स डालकर दोनों तरफ से पलट- पलटकर गोल्डेन होने तक पका लें। 
  16. आंच मीडियम कर दें। 
  17. ऐसे ही सारे कटलेट्स बनाकर तैयार कर लें। 
  18. कटलेट्स को  टिशू पेपर पर निकालकर रख लें। 
  19. गरमागरम कटलेट्स को हरी धनिया की  चटनी और टोमॅटो सॉस के साथ सर्व करें। 

4- सूजी का ढोकला 

सामग्री 
  1. सूजी [ बारीक वाली]  - 1 कप 
  2.  फेंटी हुई दही - 1 कप 
  3. अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट - 1 टी- स्पून 
  4. नमक - स्वादानुसार 
  5. तेल - 2 टी-स्पून 
  6. पानी - आवश्यकतानुसार 
  7. इनो- 1 टी- स्पून 
  8.  पिसी हुई चीनी - 3/4 टी- स्पून [ वैकल्पिक ]
  9. बारीक कटा हरा धनिया - 1 टेबल- स्पून 
सामग्री- तड़का लगाने के लिए 
  1. तेल - 2 टेबल- स्पून 
  2. राई- 1 टी- स्पून 
  3. हींग- 1 पींच
  4. सफ़ेद तिल - 1/2 टी- स्पून 
  5. करी पत्ता- 10-12 
  6. हरी  मिर्च [ बीच से 2 भागों में कटी हुई] - 3-4 
विधि 
  1. सबसे पहले बारीक वाली सूजी में फेंटी हुई दही  और अदरक - हरी मिर्च का पेस्ट डालकर मिक्स कर दें। 
  2. ध्यान रखें कि ढोकला बनाने के लिए हमें बारीक वाली सूजी का उपयोग ही करना होता है। अगर आपके पास मोटी वाली सूजी हो तो पहले ग्राइंडर में डालकर उसे पीस लें, तब इस्तेमाल करें। 
  3. सूजी में थोड़ा - थोड़ा पानी डालकर इडली की स्थिरता [ consistency ] का बैटर तैयार कर लें। 
  4. बैटर को ढँककर 10- 15 मिनट के लिए रेस्ट करने के लिए छोड़ दें। 
  5. तब तक एक कड़ाही में 2 ग्लास पानी डालें और और उसमें एक जाली स्टैंड [ जिस पर हम गरम बर्तन रखते हैं ] रख दें और कड़ाही को ढँक दें। 
  6. पानी में उबाल आने दें। 
  7. 10-15 मिनट बाद जब सूजी अच्छे से फूल जाए , तब इसमें नमक और  पिसी हुई चीनी डालकर मिक्स कर दें। 
  8. इसके बैटर में 1 टी- स्पून इनो डालें और इनो के ऊपर ही 1 टी- स्पून पानी डाल  दें और 10- 12 सेकंड के लिए एक ही दिशा में फेंट लें।  जिससे इनो अच्छे से फरमेंट हो जाए। 
  9. अब एक केक टिन या कोई छोटा भगौना जो कड़ाही में फिट आ सके ले लें और उसमें तेल लगाकर चिकना कर लें। 
  10. अब इस केक टिन या भगौने में पूरा बैटर डाल दें और टिन या भगौने को कड़ाही में जाली स्टैंड के ऊपर रख दें और ढँककर ढोकले को 20 मिनट के लिए मीडियम फ्लेम पर पकने दें। 
  11. 20 मिनट बाद एक बार ढक्कन हटाकर एक चाकू , ढोकले में गोदकर देख लें , अगर चाकू साफ निकल रहा हो तो गैस बंद कर दें और ढोकले को बाहर निकालकर थोड़ा सा ठंडा होने दें, और अगर चाकू में बैटर लग रहा है तो ढोकले को 3-4 मिनट और ढँककर पकने दें। 
  12.  अब टिन में चाकू को चारों तरफ से घूमाते हुए किनारों से अलग कर लें। 
  13. इसके बाद टिन को एक प्लेट पर उल्टा  करके रख दें और पेंदी में हल्का सा हाथों से थपथपा दें, जिससे ढोकला टिन की  पेंदी से भी अलग हो जाए। 
  14. इसके बाद ढोकले में तड़का लगा दें। 
  15. इसके लिए एक तड़का पैन गैस पर रखकर गरम करें और उसमें 2 टेबल - स्पून तेल डाल दें। तेल को भी गरम होने दें। 
  16. जब तेल गरम हो जाये , तब इसमें राई , हींग, सफ़ेद तिल , करी पत्ता और बीच से चीरा लगाई हुई हरी मिर्च डाल दें और धीमी आंच पर भून लें। 
  17. तड़के को ढोकले के ऊपर डाल दें और बारीक कटा हरा धनिया भी डाल दें। 
  18. सूजी का स्वादिष्ट ढोकला बनकर तैयार है। इसे चौकोर - चौकोर टुकड़ों में काट लें और मूँगफली या नारियल की चटनी के साथ गरमागरम सर्व करें। 

5- वेज मेयोनेज सैंडविच 

सामग्री
  1. ब्रेड  - स्लाइस - 8- 10 
  2. बारीक कटी प्याज़ - 1/4 कप 
  3. बारीक कटा पत्तागोभी - 1/4 कप 
  4. बारीक कटा गाजर - 1/4 कप 
  5. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  6. बारीक कटी धनिया पत्ती - 2 टेबल- स्पून 
  7. उबली हुई कॉर्न - 1/4 कप 
  8. मेयोनेज [ अंडा रहित ] - 4 टेबल- स्पून 
  9. काली मिर्च पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  10. नमक - स्वादानुसार 
  11. बटर - ब्रेड पर लगाने के लिए 
  12. हरी चटनी - ब्रेड पर लगाने के लिए 
  13. टोमॅटो सॉस- सर्व करने के लिए 
विधि 
  1. सबसे पहले एक बर्तन  में एक कप पानी डालकर गरम कर लें और उसमें कॉर्न के दाने डालकर पका लें। 
  2. पक जाने पर पानी छानकर हटा दें और कॉर्न  कैनल्स को  ठंडा होने के लिए छोड़ दें। 
  3. इसके बाद एक बड़े बाउल में बारीक कटी प्याज़ , बारीक कटा पत्तागोभी , बारीक कटी गाजर , बारीक कटी हरी मिर्च , बारीक कटी धनिया पत्ती , उबली हुई कॉर्न , एगलेस मेयोनेज , काली मिर्च पाउडर और स्वादानुसार नमक डाल दें और एक बार अच्छे से सारी चीजों को मिक्स कर दें। 
  4. सैंडविच में लगाने के लिए मिश्रण तैयार है। 
  5. इसके बाद एक ब्रेड स्लाइस लें और उसकी एक साइड में बटर और हरी चटनी लगाकर अच्छे से सब तरफ फैला दें। 
  6. चटनी लगे हुए भाग पर 2 चम्मच मिश्रण रखें और उसे भी चम्मच की सहायता से सब तरफ फैला दें। 
  7. इसके बाद दूसरी ब्रेड लें और उस पर भी एक साइड में बटर और हल्की सी धनिया की चटनी लगा दें। 
  8. चटनी लगे हुए भाग को अंदर की तरफ रखकर सैंडविच को ढँक दें। 
  9. इसके बाद एक तवे पर 1 टी- स्पून बटर डालकर धीमी आंच पर गरम कर लें और उस पर सैंडविच रख दें। 
  10. सैंडविच के ऊपर भी बटर लगा दें और पलट - पलटकर दोनों तरफ से क्रिस्प और गोल्डेन ब्राउन होने तक धीमी आंच पर पका लें।
  11. अगर आप सैंडविच बनाने के लिए ग्रिलर का इस्तेमाल कर रहे हों तो उसका ढक्कन पूरा लॉक न करें, नहीं तो स्टफिंग पूरी बाहर आ जाएगी।  
  12. मजेदार वेज मेयो सैंडविच बनकर तैयार है। 
  13. टोमॅटो सॉस के साथ गरमागरम सर्व करें। 


6- मुगलई परांठा 

सामग्री - आटा गूँथने के लिए 

  1. गेहूं का आटा - 2 कप 
  2. नमक - चुटकी भर 
  3. पानी - आवश्यकतानुसार
  4. तेल - 1 टी- स्पून - [आटे में मोयन देने के लिए  ]
सामग्री - स्टफिंग बनाने के लिए 

  1. कद्दूकस किया हुआ पनीर 1 कप 
  2. बारीक कटी शिमला मिर्च - 1/4 कप 
  3. कद्दूकस किया हुआ गाजर - 1/4 कप 
  4. बारीक कटी प्याज़ - 1/2 कप 
  5. अदरक - लहसून का पेस्ट - 1 टी- स्पून 
  6. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  7. हल्दी पाउडर- 1/4 टी- स्पून 
  8. लाल मिर्च पाउडर- 1/4 टी- स्पून 
  9. जीरा - 1/4 टी- स्पून 
  10. धनिया पाउडर - 1/2 टी- स्पून
  11. गरम मसाला पाउडर - 1/2 टी- स्पून  
  12. बारीक कटी धनिया पत्ती - 2 टेबल - स्पून 
  13. नमक - स्वादानुसार 
  14. तेल- आवश्यकतानुसार [ पराठों में लगाने के लिए और स्टफिंग तैयार करने के लिए ]
विधि 

  1. सबसे पहले एक बड़े बर्तन या परात में गेहूं का आटा निकालें और उसमें चुटकी भर नमक और तेल  डालकर  मिक्स कर दें।   
  2. इसके बाद थोड़ा - थोड़ा पानी डालते हुए नरम आटा  गूँथकर तैयार कर लें। 
  3. आटे को ढँककर 1/2 घंटे के लिए सेट होने के लिए रख दें। तब तक स्टफिंग तैयार कर लें। 
  4. स्टफिंग बनाने के लिए सबसे पहले गैस पर एक कड़ाही रख दें और उसमें 2 टेबल - स्पून तेल डालकर गरम कर लें। 
  5. जब तेल गरम हो जाए तब उसमें जीरा डालकर भून लें। 
  6. जीरा हो जाने के बाद तेल में बारीक कटी प्याज़ और हरी मिर्च डालकर धीमी आंच पर 2-3 सेकंड के लिए पका लें। 
  7. जब प्याज़ थोड़ी गुलाबी हो जाए तब उसमें अदरक - लहसून का पेस्ट डाल दें और 2 मिनट तक धीमी आंच पर भून लें ताकि अदरक - लहसून पेस्ट का कच्चापन निकल जाए। 
  8. अब इसमें बारीक कटी शिमला मिर्च और कद्दूकस किया हुआ गाजर डाल दें और ढँककर सब्जियों को धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक पकने दें। 
  9. 2-3 मिनट बाद कड़ाही में हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर , धनिया , पाउडर और  गरम मसाला पाउडर डाल दें और 1-2 मिनट तक मसालों को धीमी आंच पर पकने दें। आंच तेज बिल्कुल भी न करें नहीं तो मसाले जल जाएंगे।
  10. इसके बाद कद्दूकस किया हुआ पनीर और स्वादानुसार नमक डाल दें और मिक्स कर दें। 
  11. 2-3 मिनट तक मीडियम फ्लेम पर स्टफिंग को पकने दें , जिससे उसकी नमी थोड़ी सूख जाए। 
  12. 2-3 मिनट बाद बारीक कटी धनिया पत्ती डाल दें और मिक्स कर दें। 
  13. स्टफिंग तैयार है, इसे ठंडा होने के लिए एक प्लेट में निकाल लें और उसके बाद ही पराँठे बनाएँ। 
  14. पराँठे बनाने के लिए आटे को एक बार फिर से हाथों से मसलकर चिकना कर लें और उसमें से लोई तोड़ लें।
  15. अब लोई को गोल बेल लें। 
  16. ध्यान रखें कि पराँठे थोड़े मोटे ही रखें, रोटी की तरह पतला नहीं रखें , नहीं तो स्टफिंग डालकर बेलते वक़्त फटने लगेंगे। 
  17. अब इसमें  बीच में 2 टेबल - स्पून स्टफिंग रख दें और हल्का सा फैला दें। 
  18. ध्यान रखें कि स्टफिंग बीच में ही रहे , क्यूंकि किनारों को हमें मोड़ना होता है। 
  19. इसके बाद किनारों पर तेल लगा दें और मोड़कर चौकोर शेप दे दें और बेल लें। 
  20. मुगलई पराँठे चौकोर ही बेले जाते हैं और थोड़े से मोटे रखे जाते हैं। 
  21. तवे पर डालकर तेल लगाकर पलट - पलटकर दोनों तरफ से लो - मीडियम फ्लेम पर पराँठे को सेंक लें। 
  22. ऐसे ही सारे पराँठे बनाकर तैयार कर लें। 
  23. स्वादिष्ट मुगलई पराँठे बनकर तैयार है, अपनी मनपसंद चटनी के साथ गरमागरम सर्व करें। 

7- स्प्राउट्स चाट 

सामग्री 
  1. अंकुरित काला चना - 1 कप 
  2. अंकुरित हरी मूंग - 3/4 कप 
  3. पनीर - 200 ग्राम 
  4. बारीक कटी प्याज़ - 1 
  5. बारीक कटा टमाटर - 1 
  6. बारीक कटा खीरा - 1/4 कप 
  7. बारीक कटी धनिया पत्ती- 1 टेबल - स्पून 
  8. बारीक कटी पुदीना पत्ती- 1 टी- स्पून 
  9. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  10. काला नमक - स्वादानुसार 
  11. भुना जीरा पाउडर- 1/4 टी- स्पून 
  12. काली मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  13. चाट मसाला - 1/2 टी- स्पून 
  14. नींबू का रस - 1 टी- स्पून 
विधि 
  1. सबसे पहले चना और मूंग को अच्छे से 2-3 बार धो लें और पानी डालकर रात भर या 7-8 घंटे के लिए भिंगने के लिए ढँककर छोड़ दें। 
  2. दोनों अनाजों को अलग- अलग भिंगाएँ। 
  3. दूसरे दिन या 7-8 घंटे बाद चना और मूंग को पानी से अलग कर लें और एक मलमल का कपड़ा गीला करके उसमें चना और मूंग को बांध दें , जिससे वे अंकुरित हो जाएँ । 
  4. मूंग , चने की अपेक्षा जल्दी अंकुरित हो जाती है।
  5. जब दोनों चीजें अंकुरित हो जाएँ, तब इन्हे कपड़े से बाहर निकाल लें और एक बाउल में डाल दें। 
  6. पनीर को भी हाथों से तोड़कर डाल दें। 
  7. इसके बाद चाट में बारीक कटी  प्याज़ , बारीक कटा टमाटर , बारीक कटा खीरा, बारीक कटी धनिया पत्ती , बारीक कटी पुदीना पत्ती , बारीक कटी हरी मिर्च , काला नमक , भुना जीरा पाउडर , काली मिर्च पाउडर , चाट मसाला और नींबू का रस डाल दें और सारी चीजों को अच्छे से मिक्स कर दें। 
  8. स्वादिष्ट और पौष्टिक प्रोटीन से भरपूर अंकुरित चाट बनकर तैयार है। 
  9. इसे तुरंत सर्व करें । 
दोस्तों, आशा करती हूँ कि आपको मेरी 7 दिनों के लिए बनाई हुई 7 अलग- अलग प्रकार के नाश्तों की ये रेसिपीज़ पसंद आई होगी। ये सभी नाश्ते न सिर्फ पौष्टिक है बल्कि बहुत स्वादिष्ट भी हैं। इन्हें आप अपने घर पर जरूर ट्राई  करें और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 
धन्यवाद॥  

Thursday, May 20, 2021

स्ट्रीट स्टाइल वेज चाऊमीन - Street Style Veg Chow Mein Recipe


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम स्ट्रीट स्टाइल वेज चाऊमीन बनाएँगे। चाऊमीन एक चाइनीज डिश है , जिसे पूरे विश्व में पसंद किया जाता है। खासकर एशिया में चाऊमीन को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। चाऊमीन एक प्रकार के नूडल्स से बना होता है। नूडल्स जर्मन भाषा के शब्द '' न्यूडल'' से निकला है।  चीनी इतिहासकारों की मानें तो नूडल्स की उत्पत्ति आज से 4000 वर्ष पूर्व चीन के '' चिंग हई'' राज्य में हुई मानी जाती है, जहां सबसे पहले आटे के नूडल्स इस्तेमाल में लाये जाते थे। नूडल्स आटे या मैदे से बने सूखे , पतले लंबे रेशे होते हैं, जो सूखे रहने पर कड़क और पानी में उबाले जाने पर नरम हो जाते हैं। नूडल्स को उबालकर , छानकर जब उसमें विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ और सॉसेज डाले जाते हैं , तब नूडल्स को चाऊमीन कहा जाता है। चाऊमीन अलग - अलग लोग अलग - अलग प्रकार से बनाते हैं।चाऊमीन शाम को छोटी- मोटी भूख लगने पर बनाया जा सकता है। वैसे आप चाऊमीन को कभी भी बनाकर खा सकते हैं। बच्चों को तो चाऊमीन इतना पसंद होता है कि अगर उन्हें टिफ़िन में चाऊमीन दे दिया जाए तो वे खुशी - खुशी पूरा डिब्बा खत्म करके ही आते हैं। भारत में तो चाऊमीन इतने लोकप्रिय हैं कि पाँच सितारा होटलों से लेकर सड़कों तक चाऊमीन बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। भारत में चाहे छोटी बर्थ डे पार्टी हो या शादियों का अवसर हो , चाऊमीन कॉर्नर होते ही हैं।  वैसे तो चाऊमीन मार्केट में मिल ही जाती है, लेकिन बाजार की बनी चाऊमीन में स्वाद बढ़ाने के लिए अजीनो मोटो डाला जाता है, जो हमारी सेहत पर बहुत ही खराब असर डालता है। इसलिए जब भी आपको चाऊमीन खाने का मन हो तो घर पर ही बनाएँ। घर पर चाऊमीन बड़ी आसानी से बनकर तैयार हो जाती  है और घर की बनी चाऊमीन में हम अपने हिसाब से सब्जियों की मात्रा बढ़ा सकते हैं और अजीनो मोटो को पूरी तरह से नजरंदाज कर सकते हैं। अजीनो मोटो नही डालने पर भी इस रेसिपी का उपयोग करके आप बाजार से भी अच्छी चाऊमीन घर पर बना सकते हैं। साथ ही इस रेसिपी में एक गुप्त सामग्री [ secret ingredient ] भी डाली गयी  है , जिसे बाजार वाली चाऊमीन में उसका स्वाद ज्यादा चटाकेदार करने के लिए चुपके से डाला ही जाता है और वह गुप्त सामग्री है - चाऊमीन मसाला। तो चलिये स्ट्रीट स्टाइल वेज चाऊमीन बनाना शुरू करते हैं। 

सामग्री 

  1. नूडल्स - 2 पैकेट
  2. पानी - 5-6 कप [ नूडल्स उबालने के लिए ]
  3. तेल- 3 टी- स्पून [ नूडल्स उबालते वक़्त पानी में डालने के लिए और नूडल्स में लगाने के लिए  ]
  4.  बारीक कटी हरी मिर्च - 1
  5. लंबा - लंबा कटा पत्तागोभी - 1/2 कप 
  6. लंबी - लंबी कटी गाजर - 1/4 कप 
  7. लंबा - लंबा कटा प्याज - 1 
  8. बारीक कटा लहसून - 2-3 
  9. लंबी - लंबी कटी शिमला - मिर्च - 1/4 कप 
  10.  छोटे टुकड़ों में कटी हरी प्याज [spring onion ] - 1/2 कप
  11. हरी प्याज़ का सफ़ेद भाग- 1/2 कप 
  12. नमक - स्वादानुसार 
  13. सफेद सिरका [ white vinegar ]- 1 टी- स्पून 
  14. ग्रीन चिली सॉस - 1 टेबल - स्पून 
  15. सोया सॉस - 2 टेबल - स्पून 
  16. टोमॅटो सॉस - 1 टेबल - स्पून 
  17. तेल - 3 टेबल - स्पून 
  18. अदरक - लहसून पेस्ट - 1 टी- स्पून 
सामग्री - चाऊमीन मसाला बनाने के लिए 
  1. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी - स्पून 
  2. धनिया पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  3. जीरा पाउडर - 1/2 टी - स्पून 
  4. काली मिर्च पाउडर - 1/2 टी - स्पून 
विधि 
  1. सबसे पहले एक बड़े बर्तन में 5-6 कप पानी उबलने के लिए रख दें। 
  2. पानी में 1 टी- स्पून तेल और 1 टी- स्पून नमक डाल दें , जिससे नूडल्स आपस में चिपकेंगे भी नहीं और उन पर एक अच्छी चमक भी आ जाएगी। 
  3. जब पानी में उबाल आ जाये , तब पानी में नूडल्स डाल दें। 
  4. नूडल्स को तेज आंच पर 3-4  मिनट तक पका लें। 
  5. नूडल्स को 60% ही पकाना होता है। ज्यादा पकाने से नूडल्स आपस में चिपकने लगते हैं। 
  6. जब नूडल्स आधे पक जाएँ,  तब गैस बंद कर दें और नूडल्स को छान लें। 
  7. इसके बाद नूडल्स के ऊपर या तो फ्रीज का ठंडा पानी डाल दें या  नल में रनिंग वॉटर के नीचे रख दें , जिससे नूडल्स का कूकिंग प्रोसेस वहीं रूक जाये और नूडल्स ज्यादा ओवर कूक न होने पाएँ। 
  8. इसके बाद नूडल्स पर 2 टी- स्पून तेल डालकर मिक्स कर दें। इससे नूडल्स चिपकते नहीं हैं और लच्छा - लच्छा अलग रहता है। 
  9. इसके बाद एक कटोरी में धनिया पाउडर, जीरा पाउडर , लाल मिर्च पाउडर और काली मिर्च पाउडर डालकर आपस में मिक्स कर दें। चाऊमीन के लिए मसाला बनकर तैयार है। एक साइड में रख दें। वैसे आप बिना मसाले के भी चाऊमीन बना सकते हैं, लेकिन इसमें स्ट्रीट स्टाइल वाला स्वाद ये मसाला डालने के बाद ही आता है। 
  10. अब एक मोटी तली की कड़ाही या पैन गैस पर गरम होने के लिए रख दें और पैन में 3 टेबल - स्पून तेल डालकर गरम कर लें। 
  11. जब तेल गरम हो जाये , तब उसमें सबसे पहले बारीक कटा लहसून और लंबी कटी  हुई प्याज़ डाल दें और मध्यम आंच पर  1- 2  मिनट तक भून लें। 
  12. इसके बाद पैन में अदरक - लहसून का  पेस्ट डाल दें और उसे भी मध्यम आंच पर 1 मिनट तक भून लें, जिससे उसका कच्चापन निकल जाये। 
  13. जब अदरक - लहसून का पेस्ट भुन जाये , तब पैन में गाजर, शिमला मिर्च , हरी मिर्च, हरी प्याज़ का सफ़ेद भाग और पत्ता गोभी डाल दें और तेज आंच पर 2-3 मिनट तक सब्जियों को पका लें। ढक्कन न लगाएँ। 
  14. तेज आंच पर बिना ढंके पकाने से सब्जियाँ सॉगी नहीं होती हैं और उनका क्रंच बरकरार रहता है। 
  15. इसके बाद पैन में विनेगर , चिली सॉस , सोया सॉस और टोमॅटो सॉस डाल दें और मिक्स कर दें। सॉस डालते वक़्त आंच धीमी कर दें। 
  16. सॉसेज डालने के बाद चाऊमीन में स्वादानुसार नमक और चाऊमीन का मसाला डाल दें और मिक्स कर दें।
  17.  इसके बाद पैन में नूडल्स डाल दें और 2 चम्मचों की सहायता से मिक्स कर दें। आंच मीडियम कर दें।   
  18. ऊपर से हरे प्याज़ का हरा भाग डालकर मिक्स कर दें। 2- 3 मिनट तक ऐसे ही बिना ढंके पकने दें। 
  19. 2-3 मिनट बाद गैस बंद कर दें। 
  20. स्वादिष्ट स्ट्रीट स्टाइल चाऊमीन बनकर तैयार है। गरमा गरम सर्व करें। 
नोट - वेज चाऊमीन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आप इसमें 50 ग्राम पनीर भी सब्जियों के साथ फ्राई करके डाल सकते हैं। 

दोस्तों, आशा करती हूँ कि आपको स्ट्रीट स्टाइल वेज चाऊमीन की मेरी ये रेसिपी पसंद आई होगी। आप भी अपने घर पर वेज चाऊमीन बनाएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 
धन्यवाद॥ 

Monday, May 17, 2021

आम का पारंपरिक अचार - Traditional Mango Pickle Recipe


 नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम आम का अचार  बनाएँगे, जिसे कच्ची कैरी का अचार भी कहा जाता है। आम का अचार कई तरीकों से बनाया जाता है, लेकिन आज हम आम का बिल्कुल पारंपरिक अचार बनाएँगे, जो हम सबके घरों में बचपन में दादी - नानी द्वारा बनाया जाता था। आम का अचार सभी को बहुत पसंद होता है। अचार एक ऐसा व्यंजन होता है, जो किसी भी खाने के जायके को बढ़ा देता है। अगर सब्जी न भी हो तो भी अचार के साथ आराम से रोटी / परांठा आदि खाया जा सकता है। हमारे भारतीय खान - पान में तो अचार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। भारत में अलग - अलग भाषाओं में अचार को अलग - अलग नामों से जाना जाता है। जैसे;- हिन्दी और पंजाबी में  अचार, कन्नड़ में उपिन्न्काई, मराठी में लोडचा , तमिल में ओरुकई, तेलुगू में ओरगया आदि। वैसे तो भारत में अनेकों प्रकार के अचार बनाए जाते हैं, जैसे;- कटहल का अचार, नींबू का अचार, आँवले का अचार, लाल मिर्च का भरवां अचार, मिक्स वेज अचार , अमड़ा का अचार आदि। लेकिन सभी अचारों का राजा तो आम के अचार को ही कहा जाता है। ऐसा शायद ही कोई भारतीय घर हो, जहां आम का अचार न पाया जाये। आम का अचार केवल गर्मी के मौसम में ही बनाया जाता है और एक बार बनाकर साल भर के लिए स्टोर करके रख लिया जाता है। लेकिन कभी - कभी थोड़ी सी भी असावधानी से यह चटाकेदार व्यंजन खराब भी हो जाता है और हमारी सारी मेहनत बेकार हो जाती है। इस रेसिपी में न सिर्फ आम का अचार बनाने की विधि बताई गयी है, अपितु यह भी बताया गया है कि अचार को लंबे समय तक कैसे सुरक्षित करके रखा जाए। तो चलिये सभी  के  पसंदीदा आम के अचार बनाना शुरू करते हैं। 

सामग्री 

  1. कच्चे आम - 2 किलोग्राम 
  2. सरसों का तेल - 1/2 लीटर
  3. हींग- 1 टी - स्पून  
  4. नमक- 150 ग्राम 
  5. हल्दी पाउडर - 50 ग्राम 
  6. सौंफ - 100 ग्राम 
  7. मेथीदाना - 50 ग्राम 
  8. सरसों - 50 ग्राम 
  9. सूखी लाल मिर्च - 100 ग्राम 
  10. अजवाइन - 50 ग्राम 
  11. कलौंजी / मंगरेल - 50 ग्राम 
  12. खड़ी धनिया - 100 ग्राम 
  13. जीरा - 50 ग्राम 
विधि 
  1. सबसे पहले आम को अच्छे से धोकर रात भर के लिए पानी में भिंगाकर छोड़ दें। 
  2. दूसरे दिन आम को पानी से निकालकर अच्छे से पोंछ लें और आम को पेपर पर पंखा चालू करके 1 घंटे के लिए रख दें या 1 घंटे के लिए धूप में रख दें , जिससे आम का पानी पूरी तरह से सूख जाए। क्यूंकि अगर आम में पानी रहेगा तो अचार खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। 
  3. जब आम सूख जाएँ तो आम की डंठल हटा दें लेकिन  छिलका न उतारें। 
  4. आम को छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लें। बीज हटा दें। 
  5. आम को काटने के बाद एक बार फिर कड़ी धूप में आम को 3-4 घंटे के लिए सूखा लें। जिससे आम के अंदर की नमी भी सूख जाए। 
  6. जब आम अच्छे से सूख जाए , तब आम में आधी हल्दी और आधा नमक डालकर मिक्स कर दें और आम को एक साफ , सूखे डिब्बे में भरकर पूरे 1 दिन के लिए बंद करके रख दें। 
  7. आम में हल्दी व नमक लगाने के बाद आम पानी छोड़ेगा, जो बिलकुल नॉर्मल है। 
  8. दूसरे दिन सबसे पहले मसाला तैयार कर लें। 
  9. इसके लिए गैस पर एक पैन गरम होने के लिए रखें और आंच धीमी कर दें। 
  10. जब पैन गरम हो जाये तब उसमें सबसे पहले लाल मिर्च भूनकर निकाल लें। आंच धीमी ही रखें। 
  11. इसके बाद पैन में  खड़ी धनिया डालकर भून लें और अलग प्लेट में निकाल लें। 
  12. इसके बाद पैन में  सौंफ , मेथीदाना , सरसों , अजवाइन , कलोंजी और जीरा डालकर धीमी आंच पर भून लें। याद रखें कि हमें मसालों को ज्यादा नही भूनना है। हमे मसाले सिर्फ इतने गरम करने हैं जितना हम हाथ से छू सकें। 
  13. जब मसाले भुन जाएँ , तब एक प्लेट में  सारे मसाले निकाल लें और ठंडा होने के लिए रख दें। 
  14. जब मसाले अच्छे से ठंडे हो जाएँ , तब उनमें से धनिया और लाल मिर्च को छोड़कर  3-4 टेबल - स्पून खड़े मसाले निकाल लें क्यूंकि आम के अचार में कुछ खड़े मसाले भी डाले जाते है। 
  15. अब खड़ी धनिया व  बाकी बचे मसालों को दरदरा पीस लें और सूखी लाल मिर्च को भी पीसकर पाउडर बना लें। 
  16. सूखी लाल मिर्च और धनिया पूरा पीस दें। उसमे से कुछ न बचाएं। 
  17. उसके बाद आम को डिब्बे से निकालकर छान लें  और उसे एक जाली पर रख दें , जिससे उसका पूरा पानी निकल जाये। क्यूंकि अगर आम में पानी रहेगा तो अचार खराब हो जाएगा। 
  18. तब तक गैस पर एक कड़ाही रखें और उसमें सरसों का तेल डालकर गरम कर लें। सरसों के तेल को धुआँ निकलने तक गरम करना है। बहुत से लोग तेल बिना गरम किए भी इस्तेमाल करते हैं। दोनों ही तरीके सही हैं। 
  19. जब तेल गरम हो जाये तब उसमें हींग डाल  दें और मिक्स कर दें। गैस बंद करके तेल को ठंडा होने के लिए छोड़ दें। 
  20. जब तेल ठंडा हो जाएगा तब  हम उसमें मसाले और बाकी चीजें मिलाएंगे। गरम तेल में कभी भी मसाले वगैरह न मिलाएँ। 
  21. जब तेल ठंडा हो जाये , तब उसमें दरदरे पिसे मसाले, खड़े मसाले, बचा हुआ हल्दी पाउडर, बचा हुआ नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर एक बार चम्मच से अच्छे से मिक्स कर दें। 
  22. उसके बाद उसमें आम डाल दें और आम को भी तेल व मसालों के साथ अच्छे से मिक्स कर दें। 
  23. आम का अचार बनकर तैयार है। लेकिन अभी यह अचार खाने योग्य नही है। जब आम थोड़े नरम हो जाएंगे तब अचार खाने योग्य होगा।  
  24.  अचार को  पहले से साफ व सूखाई हुई बरनी/ काँच के जार में डाल दें और ढक्कन बंद कर दें।
  25. अचार को रोज 1 हफ्ते तक धूप दिखाएँ। धूप की गर्मी और नमक से अचार धीरे - धीरे गलने लगेगा और अचार की शेल्फ लाइफ भी बढ़ जाएगी। 
  26. रोज धूप में रखने से पूर्व अचार को हिलाकर ऊपर - नीचे कर दें। 
  27. 1 हफ्ते बाद अचार खाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। इसे लंबे समय तक रखने के लिए अचार की बरनी / जार  में इतना सरसों का तेल डाल दें, जितने में आम अच्छे से डूबे रहें। तेल अचार में प्रिजरवेटिव का काम करता है। अचार में 1 इंच ऊपर तक तेल होना चाहिए। 
  28. बाद में डाला जानेवाला तेल गरम नही किया जाता है। 
  29. स्वादिष्ट आम का अचार बनकर तैयार है। यह अचार लंबे समय तक भी खराब नही होगा।  
Tips 

हम इतनी मेहनत करके अचार  बनाते हैं , लेकिन थोड़ी सी गलती या असावधानी की वजह से अचार  खराब हो जाता है। इसलिए अचार  को लंबे समय तक परिरक्षित [ preserve]  करके रखने के लिए कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं , जिनको ध्यान में रखकर आप अपने अचार को फंगस लगने से  बचा सकते हैं। 
  1. अचार बनाने के लिए आमों का चयन बहुत सावधानी से करें। आम बिल्कुल हरे - हरे व टाइट लें। साथ ही ध्यान रखें कि आम कहीं से कटे , फटे , दबे या दाग लगे हुए न हों। 
  2. अचार बनाने के लिए ऐसे आमों का चयन करें, जिनमें रेशे न हों। अचार बनाने के लिए रामकेड़ा या तोतापरी  आम अच्छे माने जाते हैं। 
  3. अचार बनाने व रखने के लिए जो भी बर्तन इस्तेमाल करें , वो पहले से ही साफ व सूखे हों। क्यूंकि अगर बर्तन में भी नमी रहेगी या बर्तन गंदे रहेंगे तो भी अचार खराब हो सकते हैं।
  4. अचार निकालने के लिए साफ व सूखे चम्मच का ही  उपयोग करें। 
  5. अचार को रखने के लिए हमेशा काँच का जार या चीनीमिट्टी वाली  बरनी का ही इस्तेमाल करें। अचार को कभी भी प्लास्टिक या स्टील के बर्तन में न रखें। 
  6. अचार निकालते वक़्त आपके हाथ भी साफ व सूखे होने चाहिए। गीले हाथों से अचार को न छूएँ। 
  7. अचार रखने से पूर्व बरनी / जार को हल्के गुनगुने पानी व साबुन से अच्छे से धो लें और पोंछकर 1-2 दिन तक धूप में रख दें । जिससे बर्तन अच्छे से सूख भी जाये और स्टेरीलाइज भी हो जाये। 
  8. अचार को 3-4 महीने में एक बार हिलाकर ऊपर - नीचे कर दें और धूप दिखा दें। 
  9. बारिश के बाद अचार को धूप दिखाना जरूरी होता है। 
  10. धूप दिखाने के लिए जार का ढक्कन हटा दें और उसके मूंह पर एक साफ , सूखा कपड़ा बांध दें। जिससे जार या बरनी में धूप तो जाए परंतु धूल - मिट्टी न जाये। 
  11. अचार को सुरक्षित करने के लिए जार / बरनी में हींग का धूँआं भी किया जा सकता है। इसके लिए जलते हुए कोयले या रुई पर हींग डालें और जब धूँआं  उठने लगे तब बरनी को उल्टा करके उस पर रख दें, जिससे धूँआं पूरे बरनी में अच्छे से लग जाये। इससे न सिर्फ अचार सुरक्षित होता है , बल्कि उसका स्वाद भी बढ़ जाता है। 
  12. अचार में नमक व तेल की मात्रा भी सही रखें, क्यूंकि अचार खराब होने का एक कारण नमक व तेल की कमी भी होती है। 
  13. अचार रखने के लिए हमेशा एयर - टाइट बरनी / जार का इस्तेमाल करें, क्यूंकि हवा लगकर भी अचार में नमी आ जाती है और अचार खराब हो जाते हैं। 
  14. अचार बनाते समय अपने बालों को भी बांधकर रखें और जिस जगह पर अचार बना रहे हैं , वह जगह भी साफ  - सुथरी और सूखी होनी चाहिए। 
  15. रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए अचार को एक छोटी बोतल में निकालकर रख लें। बार - बार बड़ी बरनी न खोलें। 
दोस्तों , आशा करती हूँ कि आपको आम के पारंपरिक अचार की मेरी ये रेसिपी पसंद आई होगी। उपर्युक्त बातों का ध्यान रखकर आप न सिर्फ आम का स्वादिष्ट अचार बना पाएंगे बल्कि इसे लंबे समय तक परिरक्षित करके रख भी सकते हैं। तो इन गर्मियों में आप भी आम का अचार बनाएँ और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करें। 
धन्यवाद ॥ 

Thursday, May 13, 2021

ईद स्पेशल शीर - खुरमा / सेंवइयाँ - Eid Special Sheer Khurma / Seviyan


नमस्कार । स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आप सभी को ईद की बहुत - बहुत शुभकामनाएँ। आज हम ईद स्पेशल सेंवइयाँ बनाएँगे , जिसे शीर - ख़ुरमा भी कहा जाता है। शीर - ख़ुरमा एक फारसी शब्द है। फारसी भाषा में शीर का मतलब होता है -'' दूध'' और खुरमा का मतलब होता है - '' खजूर ''। हमारे यहाँ संस्कृत भाषा में भी दूध को क्षीर कहा जाता है।  पहले  दूध में खजूर को पकाकर , उसमें ढेर सारे सूखे मेवे डालकर तैयार किया जाता था , तब इस खजूर वाले दूध को ही शीर - खुरमा कहा जाता था। बाद में इसमें सेंवइयाँ भी डाली जाने लगीं। सेंवइयाँ / शीर - खुरमा दक्षिण और मध्य एशिया में बहुत लोकप्रिय है। सेवइयाँ ईद के मुबारक मौके पर विशेष रूप से बनाई जाती है। शीर - खुरमा / सेवइयों के बिना ईद बिलकुल अधूरी मानी जाती है। यह दूध , बारीक वाली सेवइयों , शक्कर और ढेर सारे सूखे मेवों से बना एक मीठा व्यंजन है, जिसमें दूध और खजूर मुख्य भूमिका अदा करते हैं। वैसे तो सेवइयाँ बिना खजूर के भी बनाई जा सकती हैं , लेकिन अगर आपको बिलकुल पारंपरिक स्वाद चाहिए तो आपको खजूर जरूर डालना चाहिए, क्यूंकि खजूर डालने से ही शीर - खुरमा में हल्का भूरा रंग आता है जब खजूर दूध में अपनी मिठास छोड़ता है , तब शीर - खुरमा का स्वाद और अधिक बढ़ जाता है।  पूरे 30 दिन तक रोजा रखने के बाद तथा  ईद की नमाज अदा करने के बाद हमारे मुस्लिम भाई - बहन बड़े प्रेम से सुबह - सुबह सेवइयाँ खाते हैं और एक दूसरे को खिलाते हैं। इसलिए इसे '' मीठी ईद '' भी कहा जाता है।   शीर- खुरमा  न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि बहुत पौष्टिक भी होता है। तो चलिये इस ईद शीर - खुरमा बनाकर सबके मन में एक मीठी सी मिठास घोलते हैं।

सामग्री

  1. बारीक वाली सेवई - 25 - 30 ग्राम 
  2. फूल क्रीम दूध - 1 लीटर
  3. कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल / नारियल का चूरा - 50 ग्राम 
  4. चीनी - 1/2 कप या स्वादानुसार 
  5. ईलाईची पाउडर - 1 टी - स्पून 
  6. खजूर - 8-10 
  7. किशमिश - 10- 12 
  8. काजू - 10-12 
  9. बादाम - 10 -  12 
  10. पिस्ते - 8-10 
  11. खसखस - 1/2 टी - स्पून 
  12. चिरौंजी - 1 टेबल  - स्पून 
  13.  शुद्ध घी - 4 टेबल - स्पून  
  14. केसर / जाफरान - 8- 10 धागे 
विधि 
  1. सबसे पहले काजू , बादाम , खजूर , पिस्ते और चिरौंजी को 1/2 घंटे के लिए पानी डालकर अलग - अलग भिंगाकर रख दें। 
  2. 1/2 घंटे बाद बादाम का छिलका उतारकर उसे लंबा - लंबा काट लें और अलग रख दें। 
  3. इसी प्रकार से काजू और पिस्तों को भी लंबा - लंबा काट लें। 
  4. खजूर के बीज निकाल दें और उसे भी लंबा - लंबा काट लें। 
  5. चिरोंजी के छिलके निकाल दें और उसे भी अलग रख लें। 
  6. इसके बाद एक मोटी तली के बर्तन में दूध उबलने के लिए रख दें। 
  7. जब तक दूध उबल रहा है , तब तक गैस की दूसरी तरफ एक कड़ाही रखें और उसमें 3 टेबल - स्पून घी डालकर गरम कर लें। 
  8. जब घी गरम हो जाए तब उसमें सारे सूखे मेवे जैसे ;- चिरौंजी , काजू , किशमिश , खजूर,  बादाम और पिस्ते एक - एक करके डालती जाएँ और धीमी आंच पर भूनकर एक प्लेट में निकाल लें। 
  9. इसके बाद कड़ाही में 1 टेबल - स्पून घी और डालें और उसमें सेवइयाँ डालकर धीमी आंच पर 2 मिनट तक भूनकर निकाल लें। ध्यान रखें कि सेवइयाँ और बाकी ड्राई - फ्रूट्स भूनते वक़्त जले नहीं। नहीं तो शीर - खुरमा का स्वाद खराब हो जाएगा। 
  10. अब उसी कड़ाही में बिना घी / तेल डाले खसखस डाल दें और थोड़ा सा धीमी आंच पर  ड्राई रोस्ट करके निकाल लें। 
  11. इसके बाद कड़ाही में कद्दूकस किया हुआ सूखा नारियल या नारियल  का चूरा डाल दें और उसे भी 1 मिनट तक धीमी आंच पर ड्राई - रोस्ट करके निकाल लें। नारियल को भूनने के लिए भी हमें घी/ तेल की आवश्यकता नही होगी, क्यूंकि नारियल में अपना खुद का काफी तेल होता है। जिससे नारियल अच्छे से भुन जाता है।  
  12. इधर जब दूध में एक उबाल आ जाये तब , गैस धीमी कर दें और उसमें भुने हुए सारे सूखे मेवे जैसे ;- काजू , किशमिश , बादाम ,खजूर , पिस्ता , चिरौंजी, खसखस और नारियल डाल दें और एक बार चला दें। थोड़े से काजू , किशमिश , पिस्ते  और खजूर बचा लें, जिसे हम गार्निश करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। 
  13. इसके बाद दूध में केसर डाल दें और चला दें। खजूर और केसर दूध के साथ पककर शीर - खुरमा को अच्छा रंग देंगे। 
  14. अब दूध को लो- मीडियम फ्लेम पर लगातार चलाते हुए तब तक पकाएँ , जब तक दूध पककर आधा न रह जाये। दूध को गाढ़ा  करना बहुत  जरूरी होता है और इसमें थोड़ा समय लग जाता है। आप चाहें तो दूध को जल्दी गाढ़ा करने और अच्छा रंग लाने के लिए 1 टिन कंडेंस्ड मिल्क का भी इस्तेमाल  कर सकते हैं , लेकिन तब शक्कर बहुत थोड़ी सी डालें, क्यूंकि कंडेंस्ड मिल्क वैसे भी काफी मीठा होता है। 
  15. बर्तन के किनारों पर जो मलाई  चिपक जाती  है उसे भी खुरचकर दूध में मिक्स करती जाएँ।  
  16. जब दूध पककर आधा रह  जाये तब दूध में सेवई और शक्कर डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। आप चाहें तो शक्कर की जगह गुड का उपयोग भी कर सकते  हैं। 
  17. शीर - खुरमा में ईलाईची पाउडर भी डाल दें और मिक्स कर दें। 
  18. ढँककर लो- मीडियम फ्लेम पर शीर - खुरमा को 7-8 मिनट तक पकने दें। 
  19. 7-8 मिनट बाद ढक्कन हटाकर एक बार चेक कर लें, अगर सेवइयाँ पककर थोड़ी गाढ़ी हो गयी हों तो गैस बंद कर दें। ध्यान रखें कि सेवइयों को एकदम  गाढ़ा न करें क्यूंकि सेंवइयाँ ठंडी होने पर वैसे भी थोड़ी गाढ़ी हो ही जाती हैं। 
  20. 10- 15 मिनट तक शीर - खुरमा / सेवइयों को ढँककर छोड़ दें। 
  21. स्वादिष्ट शीर - खुरमा बनकर तैयार है। इसे आप ठंडा या गरम जैसे मन करे वैसे खाएं। दोनों तरीकों से इसका स्वाद बेहतरीन ही होता है। वैसे अगर आप इसे ठंडी हो जाने पर थोड़ी देर के लिए फ्रीज में रख दें और तब खाएं, तो इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
  22. इसे सर्व करने के लिए एक कटोरी में शीर - खुरमा निकालें , उसके ऊपर बचाए हुए मेवे और 1- 2 धागे केसर के डाल दें और सर्व करें।  
दोस्तों, आशा करती हूँ कि आपको ईद स्पेशल शीर - खुरमा की  मेरी ये रेसिपी पसंद आई होगी। इस ईद आप भी अपने घर पर शीर - खुरमा / सेवइयाँ बनाइये और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करिए। 
धन्यवाद॥  

Tuesday, May 11, 2021

राजस्थानी दाल- बाटी और चूरमा - Rajasthani Daal - Baati Churma Recipe


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम दाल - बाटी और चूरमा बनाएँगे। दाल- बाटी , चूरमा राजस्थान का बेहद प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन है। राजस्थान अपनी रंग - बिरंगी शाही संस्कृति और लजीज खान - पान के लिए विश्व - विख्यात है। वैसे तो वहाँ के बहुत सारे भोज्य - पदार्थ अपने अनूठे स्वाद के कारण मशहूर हैं, लेकिन सबमें एक व्यंजन ऐसा है , जिसके बिना राजस्थानी दावत बिल्कुल अधूरी मानी जाती है और वह है दाल - बाटी , चूरमा। आज दाल बाटी चूरमा राजस्थान की पहचान बन चुका है। इसे राजस्थान में सभी खास अवसरों पर घर - घर में बनाया जाता है। यह स्वाद और स्वास्थ्य का अनूठा संयोजन है। हल्का मीठा चूरमा, तीखी , चटपटी दाल और खस्ता बाटी तीनों का बेजोड़ मेल इस व्यंजन को बेहद खास बना देता है। इसका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि यह न सिर्फ राजस्थान में बल्कि अब पूरे भारत में मशहूर हो चुका है। 

                                                        जितना इसका स्वाद लाजवाब है , उतनी ही रोचक इसकी उत्पत्ति की कहानी है। कहा जाता है कि आज से लगभग 1300 वर्ष पूर्व 8वीं शताब्दी में जब राजस्थान में मेवाड़ राजवंश का शासन था, तब एक बार मेवाड़ी सैनिक दोपहर में अपने लिए रोटियाँ बनाने की  व्यवस्था कर रहे थे । उन्होने आटा गूँथकर लोइयाँ तोड़ी ही थीं कि युद्ध पर जाने का ऐलान हो गया और सैनिक रोटियाँ नहीं बना पाये। तब उन्होने लोइयों को गरम रेत में गाड़ दिया। जब शाम को सैनिक युद्ध से लौटकर आए , तो उन्होने देखा कि सूर्य की गर्मी से , गरम रेत के अंदर लोइयाँ पक गयी थीं, जो खाने में बहुत स्वादिष्ट लग रही थीं। सैनिकों ने इसे नाम दिया -'' बाटी''। तभी से बाटी अस्तित्व में आ गयी। यह न सिर्फ जल्दी से बनकर तैयार हो जाती थी बल्कि इसे खाकर सैनिकों को दिन भर की एनर्जी भी मिल जाती थी। इसके बाद गुप्त साम्राज्य में बाटी को दाल का साथ मिला। गुप्त साम्राज्य में पंचमेल दाल [ चना , मूंग , मसूर , अरहर और उड़द दाल ] में तड़का लगाकर बाटी के साथ खाया जाता था। दाल के साथ बाटी का स्वाद और भी ज्यादा बढ़ गया। चूरमा की उत्पत्ति तो अंजाने में ही हो गयी थी । कहते हैं कि एक बार मेवाड़ के गुहिलोत कबीले के एक रसोइये से गलती से बाटी पर गन्ने का रस गिर गया था । गुहिलोत कबीले की  महिलाओं ने बाद में देखा कि गन्ने के रस से बाटी नरम होकर चूर हो रही थी और इसका स्वाद काफी बढ़िया लग  रहा था। बस तभी से बाटी को तोड़कर गुड या गन्ने का रस डालकर चूरमा बनाया जाने लगा और इस तरह दाल - बाटी , चूरमा का अनूठा संगम हुआ। 

           बाटी को जब पानी में उबालकर बाद में घी में तला जाता है , तब बाटी को '' बाफला बाटी '' कहते हैं। इसकी भी एक कहानी है। कहा जाता है कि अकबर की हिन्दू महारानी जोधाबाई के साथ दाल - बाटी चूरमा की ये परंपरा  राजस्थान से मुगल साम्राज्य तक भी पहुँच गयी। मुगलिया खानसामों  ने इसे भाप में अलग तरीके से पकाकर बनाया और मुगल साम्राज्य में इसे नाम मिला '' दाल - बाफला और खीच ''। 

                 दाल - बाटी , चूरमा अलग - अलग जगहों पर अलग - अलग तरीके से बनाया जाता है। आज हम बिल्कुल पारंपरिक दाल - बाटी , चूरमा बनाएँगे , जो राजस्थान की शान है। तो चलिये राजस्थानी दाल - बाटी , चूरमा बनाना शुरू करते हैं। 

सामग्री - बाटी बनाने के लिए 

  1. गेहूँ का आटा - 2 कप 
  2. सूजी - 1/2 कप 
  3. बेसन - 2 टेबल- स्पून 
  4. अजवाइन - 1/4 टी- स्पून 
  5. सौंफ - 1 टी- स्पून 
  6. नमक - 1/2 टी- स्पून 
  7. घी- 3 टेबल- स्पून [ मोयन देने के लिए ] 
  8. बेकिंग सोडा - 1/4 टी - स्पून 
  9. पानी - आवश्यकतानुसार [ आटा गूँथने के लिए ] 
  10. घी - बाटी में लगाने के लिए 
सामग्री - दाल बनाने के लिए 
  1. अरहर / तुअर दाल - 1/4 कप 
  2. चने की दाल - 1/4 कप 
  3. मूँग की दाल - 1/4 कप 
  4. मसूर की दाल - 1/4 कप
  5. खंडित [split ] काली उड़द दाल - 2 टेबल- स्पून 
  6. पानी - 3 कप 
  7. हल्दी पाउडर - 1 टी- स्पून 
  8. नमक - स्वादानुसार 
सामग्री- दाल में तड़का लगाने के लिए 
  1. घी - 3 टेबल- स्पून 
  2. राई- 1 टी- स्पून 
  3. जीरा - 1/2 टी- स्पून 
  4. हींग- 1 पींच
  5. करी पत्ता - 6-7 
  6. तेज पत्ता - 1 
  7. लौंग - 3 
  8. खड़ी लाल मिर्च - 1 
  9. लहसून- अदरक पेस्ट- 1 टी- स्पून 
  10. बारीक कटी हरी मिर्च - 2 
  11. बारीक कटी प्याज़ - 2 [ मीडियम साइज ] 
  12. बारीक कटा टमाटर - 2 
  13. लाल मिर्च पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  14. धनिया पाउडर - 1 टी- स्पून 
  15. गरम मसाला पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  16. बारीक कटी धनिया पत्ती - 2 टेबल- स्पून 
सामग्री - चूरमा बनाने के लिए 
  1. गेहूँ का आटा- 1 कप 
  2. सूजी - 1/4 कप 
  3. पीसी हुई शक्कर - 3 टेबल- स्पून 
  4. घी- 4 टेबल - स्पून [ मोयन देने के लिए ] 
  5. किशमिश - 1 टेबल- स्पून 
  6. बारीक कटे काजू - 1 टेबल- स्पून 
  7. बारीक कटे बादाम- 1 टेबल- स्पून 
  8. बारीक कटे पिस्ते - 1 टी- स्पून 
  9. इलाईची पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  10. घी - 1/2 कप [ बाटियाँ तलने के लिए ]
अन्य सामग्री - परोसने के लिए 
  1. प्याज़ 
  2. नींबू के टुकड़े 
विधि - बाटी बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले एक बड़े बर्तन में आटा , सूजी , बेसन और बेकिंग सोडा डालकर एक बार छन्नी से छान लें ताकि कोई बड़े टुकड़े न रहें। 
  2. अब आटे में हथेलियों से थोड़ा रगड़कर अजवाइन डाल दें। अजवाइन के साथ ही सौंफ , नमक और 3 टेबल - स्पून घी डालकर हाथों से मसलते हुए पहले अच्छे से मिक्स कर दें। जिससे आटे के कण - कण में अच्छे से मोयन लग जाये। 
  3. उसके बाद थोड़ा - थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूँथकर तैयार कर लें। आप चाहें तो पानी की जगह दूध / दही से भी आटा गूँथ सकते  हैं। 
  4. आटा गूँथने के बाद आटे को ढँककर 15- 20 मिनट के लिए रेस्ट करने के लिए छोड़ दें। 
  5. 15- 20 मिनट बाद एक बार और आटे को मसलकर चिकना कर लें। 
  6. अब अपने हाथ में थोड़ा सा घी / तेल लगाकर हाथों को चिकना कर लें और आटे से एक पेड़े के बराबर लोई तोड़कर उसे हथेलियों की सहायता से गोल शेप दे दें और बाटी को थोड़ा दबाकर चिपटा कर दें। 
  7. ऐसे ही सारी बाटियाँ बनाकर तैयार कर लें। 
  8. बाटियों को वैसे तो पारंपरिक रूप से लकड़ी की अंगीठी पर पकाया जाता है। लेकिन हमारे घरों में यह सुविधा मौजूद नही होती है। इसलिए आप बाटियों को मीडियम फ्लेम पर या तो गैस तंदूर में पका लें या अगर आपके पास ओवन / माइक्रोवेव हो तो 180 डिग्री प्री - हीटेड ओवन / माइक्रोवेव में  30 मिनट के लिए बेक कर लें और एक बार बाटियों को निकालकर चेक कर लें । अगर बाटियाँ एक तरफ से पक गयी हों तो उन्हे पलट दे और दूसरी तरफ से भी बाटियों को पका लें।  या अप्पम पैन में थोड़ा ब्रश  से घी लगाकर अप्पम पैन को चिकना कर लें और मीडियम फ्लेम पर बाटियों को पलट - पलटकर दोनों तरफ से फटने व गोल्डेन ब्राउन होने तक  ढँककर पका लें। 
  9. लेकिन अगर ये सारी चीजें भी उपलब्ध न हों तब बाटी को कूकर में भी बनाया जा सकता है। 
  10. इसके लिए आप जब तक बाटियाँ बना रहे हों तब तक  गैस पर एक कूकर गरम होने के लिए रख दें और कूकर में 2 कप नमक डाल दें और ढँककर नमक को 5-6 मिनट तक तेज आंच पर गरम होने दें। 
  11. 5-6 मिनट बाद कूकर का ढक्कन हटाएँ और कूकर में एक जाली स्टैंड [ जिस पर हम गरम खाना रखते हैं वही जाली स्टैंड] रख दें । आंच धीमी कर दें। 
  12. बाटी बनाने के लिए कोई ऐसी प्लेट ले लें , जो कूकर के अंदर आ जाए और उसे भी घी / तेल लगाकर चिकना कर लें । जिससे बाटियाँ प्लेट में चिपके नहीं। 
  13. इसके बाद एक बार में जितनी बाटियाँ प्लेट में आ सकें , उतनी बाटियाँ थोड़ी - थोड़ी दूरी पर प्लेट में रख दें। क्यूंकि बाटियों को फूलने के लिए थोड़ी जगह चाहिए। 
  14. प्लेट को सावधानी से कूकर में जाली स्टैंड के ऊपर रख दें और कूकर की सीटी निकालकर ढक्कन लगाकर मीडियम फ्लेम पर बाटियों को 10- 12 मिनट तक पकने दें। 
  15. 10 मिनट बाद एक बार खोलकर चेक कर लें , अगर बाटियाँ एक तरफ से सिंककर फट चुकी हैं और उनका कलर गोल्डेन ब्राउन हो गया हो तो बाटियों को  पलट दें और अगर बाटियाँ अभी नही पकी हैं तो ढँककर 5-6 मिनट और पका लें और एक बार फिर से चेक कर लें। 
  16. इसके बाद बाटियों को पलट दें और दूसरी तरफ से भी बाटियों को ढँककर मीडियम फ्लेम पर पका लें। 
  17. ऐसे ही सारी बाटियाँ बनाकर तैयार कर लें। 
  18. जब बाटियाँ तैयार हो जाएँ तब प्लेट में निकाल लें और ऊपर से घी लगाकर दाल  और चूरमे के साथ गरमागरम सर्व करें।  
विधि - दाल बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले सभी दालों को अच्छे से 2-3 बार धोकर 15- 20 मिनट के लिए 3 कप पानी डालकर भिंगा दें। 
  2. 15 - 20 मिनट बाद कूकर में पानी सहित दालें डाल दें और नमक और हल्दी डालकर 3-4 सीटी आने तक मीडियम फ्लेम पर पका लें। 
  3. 3-4 सीटी आने के बाद गैस बंद कर दें और कूकर का प्रेशर खुद से निकलने दें। 
  4. दाल पक  जाने पर दाल में तड़का लगा दें। 
  5. इसके लिए गैस पर एक कड़ाही रखें और उसमें घी डालकर गरम कर लें। 
  6. जब घी गरम हो जाए तब उसमें 1 खड़ी लाल मिर्च, हींग , जीरा , राई , तेज पत्ता , लौंग और करी पत्ता डाल दें और एक मिनट तक धीमी आंच पर पका लें। 
  7. इसके बाद घी में अदरक - लहसून का पेस्ट डाल दें और धीमी आंच पर 1 मिनट तक भून लें। अगर आपके पास अदरक - लहसून का पेस्ट नही है तो 4-5 लहसून की कलियों को छीलकर , बारीक - बारीक  काटकर डाल दें और 1 इंच अदरक का टुकड़ा कद्दूकस करके डाल दें और भून लें। 
  8. अदरक - लहसून का पेस्ट भूनने के बाद उसमें बारीक कटी हरी मिर्च  और  बारीक कटी प्याज़ डाल दें और प्याज़ को सुनहरा होने तक भून लें। 
  9. जब प्याज़ सुनहरी हो जाए तब कड़ाही में बारीक कटे टमाटर डाल दें और 1 पींच नमक भी डाल दें ताकि टमाटर जल्दी गल जाएँ। ध्यान रखें हमे नमक ज्यादा नही डालना है। टमाटर को ढँककर गलने तक पका लें। 
  10. जब टमाटर गल जाए तब कड़ाही में धनिया पाउडर, गरम मसाला पाउडर और लाल मिर्च पाउडर भी डाल दें और धीमी आंच पर ढँककर मसालों को 1 मिनट तक ढँककर पका लें। 
  11. जब सारे मसाले पक जाएँ तब कड़ाही में कूकर की दाल उठाकर डाल दें और एक बार चला दें। 
  12. ढँककर लो - मीडियम फ्लेम पर 7-8 मिनट तक दाल को पकने दें। 
  13. 7-8 मिनट बाद दाल में बारीक कटी हरी धनिया डालकर चला दें और गैस बंद कर दें। 
  14. स्वादिष्ट दाल तैयार है, गरमागरम बाटियों के साथ सर्व करें।   
विधि - चूरमा बनाने के लिए 
  1. चूरमा बनाने के लिए भी पहले बाटी ही बनाई जाती है, लेकिन चूरमा की बाटी में नमक , अजवाइन ,सौंफ आदि नहीं डाला जाता है। इसलिए  चूरमा के लिए अलग से बाटी बनाई जाती है। 
  2. चूरमा के लिए बाटी बनाने के लिए एक बड़े बर्तन में आटा और सूजी डाल दें। अगर आपका आटा थोड़ा मोटा पिसा है तब सूजी डालने की आवश्यकता नही है और अगर आटा बारीक पिसा है तब सूजी डालना अनिवार्य है क्यूंकि चूरमे के लिए बाटी बनाने के लिए मोटा पिसा आटा चाहिए होता है। 
  3. अब आटे  में  4 टेबल - स्पून पिघलाया हुआ घी डाल दें और घी डालकर एक बार अच्छे से घी को आटे व सूजी में मसल - मसलकर मोयन लगा दें।
  4. आवश्यकतानुसार पानी डालकर सख्त आटा गूँथकर तैयार कर लें। 
  5. आटे को 7-8 बराबर भागों में बाँट लें और प्रत्येक भाग को मुट्ठी में बांधकर मुट्ठियों का शेप दे दें। 
  6. इसके बाद गैस पर एक कड़ाही रखें और उसमें 1/2 कप घी डालकर गरम कर लें। 
  7. जब घी गरम हो जाए तब घी में बाटियों को डाल दें और  लो- मीडियम फ्लेम पर बाटियों को 10 - 15 मिनट तक पलट - पलटकर गोल्डेन ब्राउन होने तक पका लें। 
  8. आंच बिल्कुल भी तेज न करें , नहीं तो बाटियाँ ऊपर से पक जाएंगी और अंदर से कच्ची रह जाएंगी। 
  9. ऐसे ही सारी बाटियाँ तलकर एक प्लेट में निकाल लें और ठंडा होने दें।  
  10. ठंडा हो जाने पर बाटियों को हाथ से तोड़ - तोड़कर मिक्सर में डाल दें और रुक - रुककर दरदरा पीस लें। मिक्सर को एकसाथ न चलाएं , थोड़ा रुक - रुककर ही चलाएं। 
  11. मिक्सर से निकालकर चूरमे को एक बाउल में रख लें और काजू , किशमिश , बादाम , पिस्ते , ईलाईची  पाउडर और पीसी हुई शक्कर डालकर मिक्स कर दें और दाल  - बाटी के साथ सर्व करें।  
दोस्तों , आशा करती हूँ कि आपको दाल - बाटी और चूरमे की मेरी ये रेसिपी पसंद आई होगी। आप भी अपने घर पर राजस्थानी दाल - बाटी चूरमा बनाइये और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर कीजिये। 
धन्यवाद॥ 

Saturday, May 8, 2021

हलवाई स्टाइल पंजाबी आलू समोसे

 


नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम पंजाबी स्टाइल आलू समोसे बनाएँगे। समोसे खाना सभी को बेहद पसंद होता है। शाम को अगर गरमागरम चाय के साथ समोसे खाने को मिल जाएँ तो मजा ही आ जाता है। समोसा भारत का बेहद प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड है और देश के कोने - कोने में बनाया और खाया जाता है। समोसा न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप बल्कि पूरे दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इस लजीज त्रिभुजाकार व्यंजन की बाहरी परत मैदे से बनी होती है, जो  काफी खस्ता व कुरकुरी होती है और अंदर आलू का मसालेदार भरावन भरा होता है, जो बहुत स्वादिष्ट होता है और  फिर बाद में इसे तेल में डीप फ्राई किया जाता है। समोसा सभी आयु - वर्ग के लोग खाना पसंद करते हैं। समोसे को आम तौर पर शाम के नाश्ते में मीठी चटनी , हरी चटनी और गरमागरम चाय के साथ सर्व किया जाता है। 

             भले ही समोसा स्वाद में बेहद लजीज होता है, लेकिन फिर भी डीप फ्राई होने के कारण और मैदे व आलू का उपयोग होने के कारण इसे सेहतमंद तो बिल्कुल भी नही कहा जा सकता है। समोसे में भारी  मात्रा में वसा तथा कैलोरी पायी जाती है। जिसका बहुत अधिक सेवन हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वैसे कभी - कभी सीमित मात्रा में समोसे आराम से खाये जा सकते है। आप इसे सेहतमंद बनाने के लिए मैदे के स्थान पर आटे का, आलू के स्थान पर शकरकंद [sweet potato] का और डीप फ्राई करने के स्थान पर बेक का उपयोग कर सकते हैं। समोसे कई प्रकार से बनाए जाते हैं । आज हम पंजाबी आलू समोसे बनाएँगे, जो सभी के ऑल टाइम फेवरेट होते हैं। इस रेसिपी का उपयोग करके आप हलवाई से भी अच्छे समोसे घर पर बड़ी आसानी से बना सकते हैं और इस रेसिपी में समोसे बनाते वक़्त जितनी भी परेशानियाँ आती हैं उनका भी यथासंभव समाधान करने की पूरी कोशिश की गयी है। तो चलिये सभी के पसंदीदा पंजाबी आलू समोसे बनाना शुरू करते हैं। 

सामग्री- आटा गूँथने के लिए 

  1. मैदा - 2 कप 
  2. नमक - 1/2 टी- स्पून 
  3. अजवाइन- 1/2 टी- स्पून 
  4. कलौंजी [ मंगरेल ]- 1/2 टी- स्पून 
  5.  पिघलाया हुआ घी- 4 टेबल- स्पून [ मोयन देने के लिए ]
  6. पानी - आवश्यकतानुसार [ आटा गूँथने के लिए ]  
सामग्री - आलू की स्टफिंग तैयार करने के लिए 
  1. घी - 1 टेबल - स्पून 
  2. उबले आलू - 4 
  3. हरी मटर - 1/2 कप 
  4. बारीक कटा हरा धनिया - 2-3 टेबल - स्पून 
  5. बारीक कटी  हरी मिर्च - 2 
  6. कद्दूकस किया हुआ अदरक - 1 इंच टुकड़ा 
  7. उबली हुई मूँगफली - 1 टेबल - स्पून 
  8. साबुत धनिया के बीज - 1 टी- स्पून 
  9. सौंफ - 1 टी- स्पून 
  10. जीरा - 1/2 टी- स्पून 
  11. हींग- 1 पींच
  12. नमक - स्वादानुसार 
  13. काजू - 8-10 
  14. किशमिश - 10 - 12 
  15. अमचूर पाउडर- 1/4 टी-स्पून 
  16. लाल मिर्च पाउडर- 1/2 टी- स्पून 
  17. गरम मसाला पाउडर- 1 टी- स्पून 
  18. दरदरी कुटी काली मिर्च - 1/2 टी- स्पून 
  19. हल्दी पाउडर - 1/2 टी- स्पून [ वैकल्पिक ] 
अन्य सामग्री

  1. तेल - समोसा तलने के लिए 
  2. पानी- समोसे चिपकाने के लिए  
विधि - आटा गूँथने के लिए 
  1. सबसे पहले एक बड़े बर्तन में मैदा डालें और मैदे में नमक, कलौंजी और हथेलियों से थोड़ा रगड़कर अजवाइन डाल दें। अजवाइन को क्रश करके डालने से अजवाइन का फ्लेवर उभरकर आता है और एक बार सारी चीजों को अच्छे से मिक्स कर दें।
  2. अब आटे में 4 टेबल - स्पून घी डाल दें। आप चाहें तो घी की जगह तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन घी डालने से समोसे ज्यादा खस्ता बनेंगे। 
  3. घी को दोनों हाथों से अच्छे से मैदे में मसलते हुए मिक्स कर दें, जिससे मैदे के कण- कण में अच्छे से मोयन लग जाये। समोसे में अच्छे से मोयन लगाना बहुत जरूरी होता है। इससे समोसे की ऊपरी परत बहुत अच्छी बनती है। 
  4. मोयन ठीक से लगा है कि नही, ये देखने के लिए मैदे को मुट्ठी में बांधकर देखें । अगर मैदा शेप पकड़ रहा है तो इसका मतलब है कि मैदे में मोयन अच्छे से लग गया है और अगर मैदा मुट्ठी में बांधने पर शेप नही पकड़ रहा है, बिखर रहा है तो इसका मतलब है कि मोयन ठीक से नही लगा है। तब ऐसी स्थिति में 1 टेबल- स्पून घी और डाला जा सकता है।
  5. अब मैदे में थोड़ा - थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूँथकर तैयार कर लें। 
  6. आटा गूँथने के बाद आटे को ढँककर कम से कम  40-45 मिनट  के लिए रेस्ट करने के लिए छोड़ दें। आटे को रेस्ट करना बहुत जरूरी होता है।            
तब तक समोसे के लिए स्टफिंग तैयार कर लें। 

विधि - समोसे की स्टफिंग तैयार करने के लिए 
  1. सबसे पहले आलू व मूँगफली को कूकर में डालकर उबाल लें और ठंडा हो जाने पर आलुओं को छील लें। 
  2. अब गैस पर एक पैन रखें और उसमें 1 टेबल- स्पून घी डालकर गरम कर लें। गैस की फ्लेम लो- मीडियम कर दें। 
  3. इसके बाद घी में बारीक कटी हरी मिर्च और अदरक डालकर 1 मिनट तक लो - मीडियम फ्लेम पर पका लें। 
  4. इसके बाद पैन में हरी मटर डाल दें और 1 चम्मच पानी डालकर धीमी आँच पर मटर को ढँककर गलने तक पका लें। अगर आपने फ़्रोजेन मटर का इस्तेमाल किया है तो उसे इतना पकाने की आवश्यकता नही होती है। सिर्फ फ्रिज से निकालकर मटर को पानी में डाल दें और 5 मिनट बाद पैन में डाल दें। 
  5. जब तक मटर पक  रही है , तब तक मसाले तैयार कर लें। 
  6. इसके लिए एक दूसरे पैन में 1 टी- स्पून साबुत धनिया के बीज , 1 टी- स्पून सौंफ और 1/2 टी- स्पून जीरा डालकर धीमी आँच पर 5 मिनट तक ड्राई - रोस्ट कर लें। जब मसाले  भून जाएँ तब गैस बंद कर दें और ठंडा हो जाने पर दरदरा पीस लें। समोसे का मसाला तैयार है। 
  7. जब मटर पक जाये तब पैन में काजू व  किशमिश भी डाल दें और एक बार चला दें। आँच धीमी ही रखें। 
  8.  इसके बाद पैन में हींग , अमचूर पाउडर, कुटी हुई काली मिर्च, हल्दी पाउडर,  गरम मसाला पाउडर , लाल मिर्च पाउडर और दरदरा पिसा सौंफ - धनिया - जीरा का मसाला भी डाल दें और मिक्स कर दें। 
  9. ढँककर मसालों को 1 मिनट तक धीमी आँच पर पकने दें। आँच तेज न करें नही तो मसाले जल जाएंगे। 
  10. 1 मिनट बाद पैन का ढक्कन हटाएँ और उसमें उबले हुए आलुओं को हाथ से तोड़ - तोड़कर डाल दें। ध्यान रखें कि समोसे के आलुओं को न तो कद्दूकस किया जाता है और न ही पोटैटो मैशर से मैश किया जाता है। समोसे के आलू थोड़े खड़े- खड़े ही रहते हैं, तभी अच्छे लगते हैं। 
  11. मूँगफली भी डाल दें और कलछी से आलुओं को दबाते हुए सारे मसालों के साथ अच्छे से मिक्स कर दें। 
  12. नमक व बारीक कटी हरी धनिया भी डाल दें और मिक्स करके , ढँककर 4-5 मिनट तक धीमी आँच पर स्टफिंग को अच्छे से पकने दें, जिससे सारी चीजें एक- दूसरे में अच्छे से मिल जाएँ। 
  13. स्टफिंग का पूरी तरह से सूखा होना बहुत जरूरी है। उसमें जरा सी भी नमी नही होनी चाहिए , क्यूंकि अगर स्टफिंग में नमी रहेगी तो समोसे के आटे को भी नम  कर देगी और समोसे तलते वक़्त परेशानी होगी। 
  14. जब स्टफिंग पक जाये तब गैस बंद कर दें और स्टफिंग को 1 प्लेट में निकालकर ठंडा होने के लिए रख दें। 
  15. जब स्टफिंग ठंडी हो जाए , तब उसके बाद समोसे बनाएँ। 
विधि- समोसे बनाने के लिए 
  1. सबसे पहले आटे को एक बार फिर से मसलते हुए चिकना कर लें और लोइयाँ तोड़ लें। 
  2. आटे को ढँककर ही रखें , नहीं तो आटा सूख जाएगा। 
  3. इसके बाद 1 लोई लें और उससे अंडाकार रोटी बेल लें। रोटी न तो ज्यादा पतली बेलें और न ही ज्यादा मोटी। क्यूंकि अगर रोटी पतली रहेगी तो समोसे फटने का डर रहता है और रोटी मोटी रहेगी तो समोसे की बाहरी परत मोटी- मोटी बनेगी। और हो सके तो रोटी बेलते वक़्त सूखा आटा भी न लगाएँ। 
  4. अब रोटी को बेलने के बाद बीच से 2 बराबर भागों में काट दें। 
  5. इसके बाद एक हिस्सा उठाएँ और जिधर से रोटी को काटा गया था , उधर उंगली की सहायता से रोटी पर पानी लगा दें। पानी लगाना जरूरी होता है, क्यूंकि उसी से  समोसे चिपकाए जाते हैं। 
  6. पानी लगाने के बाद मोड़कर कोन का शेप दे दें और उँगली व अंगूठे की मदद से कोन को अच्छे से चिपका दें। 
  7. कोन बन जाने के बाद उसमें स्टफिंग डाल दें। स्टफिंग पूरा ऊपर तक न भरें। थोड़ी जगह जरूर खाली छोड़ें, क्यूंकि वहाँ भी हमें पानी लगाकर समोसे को चिपकाना होगा। 
  8. स्टफिंग भरने के बाद किनारों पर फिर से उँगली से पानी लगा दें और समोसे के पीछे की तरफ एक प्लेट डालते हुए समोसों को चिपका दें। 
  9. समोसों को अच्छे से चिपकाना बहुत जरूरी है, क्यूंकि अगर समोसे ठीक से नही चिपकेंगे तो तेल में जाकर खुल जाएंगे और हमारे समोसे और तेल दोनों खराब हो जाएंगे। 
  10. इसी तरीके से पहले सारे समोसे बनाकर रख लें। 
  11. ध्यान रखें कि समोसों को लेटाकर नही रखना है। समोसे का नुकीला भाग ऊपर करके खड़ा करके रखें। समोसे गणित के त्रिकोण के आकार  की तरह रखे जाते हैं। 
  12. समोसों को 1 घंटे के लिए ऐसे ही खुला, हवा में छोड़ दें , जिससे समोसे थोड़े ड्राई हो जाएँ और उनकी पानी लगाने से जो नमी आ गयी थी वो सूख जाये। क्यूंकि अगर हम नम समोसे तेल में डाल देंगे तो समोसों पर बबल्स आ जाएंगे। 
  13. 1 घंटे के बाद कड़ाही में इतना तेल डालें, जिसमें समोसे अच्छे से डूब जाएँ और तेल को गरम होने के लिए गैस पर रख दें। 
  14. समोसे तलने के लिए तेल मीडियम गरम होना चाहिए और फ्लेम लो से मीडियम होनी चाहिए। समोसे कभी भी बहुत  ज्यादा गरम तेल में नहीं तले जाते और न ही आँच तेज रखी जाती है। 
  15. अब समोसों को 1-1 करके कड़ाही में डाल दें। एक बार में 5-6 समोसे ही डालें। 
  16. आँच धीमी रखें और 5 मिनट तक समोसों को पलटे नहीं, उन्हें अपने से पकने दें। 
  17. 5 मिनट के बाद समोसों को धीरे - धीरे पलट दें और आँच मीडियम कर दें और मीडियम  फ्लेम पर समोसों को पलट - पलटकर गोल्डेन ब्राउन होने तक पका लें। 
  18. एक बैच के समोसे तलने में 8- 10 मिनट का वक़्त लग जाता है। 
  19. ऐसे ही सारे समोसे बनाकर तैयार कर लें और टिशू पेपर पर निकाल लें। 
स्वादिष्ट,  खस्ता और कुरकुरे समोसे बनकर तैयार हैं। इसे मीठी चटनी, खट्टी चटनी और गरमागरम चाय के साथ सर्व करें। 

दोस्तों, आशा करती हूँ कि आपको मेरी हलवाई स्टाइल पंजाबी समोसों की  ये रेसिपी पसंद आई होगी। आप भी अपने घर पर स्वादिष्ट समोसे बनाइये और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर कीजिये। 
   धन्यवाद॥ 

Wednesday, May 5, 2021

जायकेदार 6 अलग - अलग प्रकार के रायते

नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी में आपका स्वागत है। आज हम 6 अलग - अलग प्रकार के रायते बनाएँगे। रायता एक  दही आधारित व्यंजन होता है। रायता बनाने के लिए दही को मथकर इसमें खीरा, लौकी , बूँदी, पालक , प्याज, टमाटर , आलू , भिण्डी या कभी - कभी कुछ फल या मखाना  आदि डालकर तैयार किया जाता है। इन सबके अलावा इसमें भुना  हुआ जीरा पाउडर, काला नमक ,हींग, शक्कर और पुदीना या धनिया की ताजी पत्तियों का भी  इस्तेमाल किया जाता है। रायता मुख्य व्यंजन के साथ हमेशा एक सहायक व्यंजन के तौर पर पेश किया जाता है। दोपहर के खाने में अगर किसी भी प्रकार का रायता खाने को मिल जाए , तो खाने का पोषण और जायका दोनों बढ़ जाते हैं। अमूमन ऐसा माना जाता है कि रायता सिर्फ गर्मी के मौसम में ही खाया जाता है , लेकिन कुछ ऐसे भी स्वादिष्ट रायते हैं , जो सर्दी के मौसम में भी  बनाए और खाये जाते हैं। रायते में वसा तथा कैलोरी बहुत कम मात्रा में पायी जाती है । इस कारण इसका सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा रायता पेट को ठंडा रखता है, पेट संबंधी समस्याओं से आराम दिलाता है, आसानी से हजम हो जाता है और हमारे पाचन - तंत्र को मजबूती प्रदान करता है, लू से बचाता है और शरीर में बैड - कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कम करता है।  

                                   आज इस लेख में हम आपके लिए 6 अलग - अलग प्रकार के स्वादिष्ट  रायतों की रेसिपीस लाये हैं , जिनमें से कुछ रायते  गर्मी में तो कुछ रायते ठंडी के मौसम में बनाए जाते हैं। ये रायते सेहत से तो भरपूर होते ही हैं, इनका  स्वाद भी काफी जबर्दस्त होता है । तो चलिये स्वाद और सेहत से भरपूर 6 अलग - अलग प्रकार के रायते बनाना शुरू करते हैं। 

Menu 

  1. खीरे - पुदीने का रायता
  2. लौकी का रायता 
  3. बूँदी का रायता 
  4. अंकुरित मूंग और पालक का रायता 
  5. मखाने का रायता 
  6. बथुए का रायता 

1- खीरे - पुदीने का रायता 

सामग्री
  1. फेंटी हुई ताजी दही - 1 कप 
  2. कद्दूकस किया हुआ खीरा - 1/2 कप 
  3. काला नमक - स्वादानुसार 
  4. भुना हुआ जीरा पाउडर - 1 टी- स्पून 
  5. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  6. शक्कर - 1 टी- स्पून 
  7. बारीक कटी पुदीना की पत्तियाँ - 10-12 
विधि 
  1. सबसे पहले खीरे को अच्छे से छीलकर , धो लें और कद्दूकस कर लें। 
  2. पुदीना की पत्तियों को भी साफ करके , धोकर बारीक - बारीक काट लें। अगर आपके पास ताजी पुदीना की पत्तियाँ नही हैं तो उसकी जगह 1/4 टी- स्पून पुदीना पाउडर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 
  3. अब एक बाउल में दही डालें और दही को चम्मच / बलून व्हिस्कर या मथनी की सहायता से फेंट लें। 
  4. अब फेंटी हुई दही  में कद्दूकस किया हुआ खीरा , कटी हुई पुदीना की पत्तियाँ , भुना जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और शक्कर डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। 
  5. नमक सर्व करने के टाइम पर डालें नहीं तो खीरे का रायता पानी छोड़ देगा और पतला हो जाएगा। 
  6. अगर रायता थोड़ा गाढ़ा लग रहा हो तो 2-3 चम्मच पानी मिलाया जा सकता है। 
  7. अच्छे से सारी चीजों को मिक्स करने के बाद रायते को 1/2 घंटे के लिए ढँककर फ्रीज़ में रख दें। 
  8. 1/2 घंटे बाद फ्रीज़ से निकालें। स्वादानुसार नमक डालें और मिक्स कर दें। 
  9.  स्वादिष्ट खीरे - पुदीने का रायता बनकर तैयार है। ठंडा - ठंडा रायता सर्व करें। 
लाभ 
  1. खीरे में पानी की भरपूर मात्रा पायी जाती है और पुदीना की पत्तियाँ ताजगी देती हैं। खीरे- पुदीने का रायता पेट को ठंडक पहुंचाता है, ताजगी देता है, लू से बचाव करता है और शरीर में पानी की कमी नही होने देता है और त्वचा को भी हाइड्रेटेड रखता है।  
  2. खीरे में विटामिन K , विटामिन C मैगनीज और पुदीने में विटामिन B 6 , विटामिन E , विटामिन A ,विटामिन K , बीटा कैरोटीन , फोलेट, पोटैशियम और मैगनीज जैसे जरूरी मिनरल्स पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। 



2- लौकी / दूधी का रायता 

सामग्री
  1. छोटे टुकड़ों में कटी  हुई लौकी - 1/2 कप 
  2. फेंटी हुई ताजी दही  - 1 कप 
  3. जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  4. काला नमक- स्वादानुसार 
  5. बारीक कटा हरा धनिया - 1 टेबल- स्पून 
  6. लाल मिर्च पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  7. पानी - 1/4 कप 
सामग्री- तड़का लगाने के लिए 
  1. घी- 1 टी - स्पून 
  2. राई- 1 टी- स्पून 
  3. करी पत्ता - 7-8 
  4. हींग - 1 चुटकी 
विधि 
  1. सबसे पहले लौकी को छीलकर धो लें और छोटे - छोटे टुकड़ों में काट लें । आप चाहें तो लौकी को   कद्दूकस भी कर सकते हैं। 
  2. अब कटी हुई लौकी में 1/4 कप पानी डालकर कूकर में  उबलने के लिए रख दें। 
  3. मध्यम आंच पर 1 सीटी आने तक पका लें। 1 सीटी आने के बाद गैस बंद कर दें और कूकर का प्रेशर खुद से निकलने दें। छन्नी से छानकर लौकी को पानी से निकाल लें । 
  4. अगर आपने कद्दूकस की  हुई लौकी का इस्तेमाल किया है तो एक बड़े बर्तन में लौकी और पानी डालकर 5 मिनट तक ढँककर मध्यम आंच पर पका लें और लौकी पक जाने पर पानी से छानकर अलग कर लें। 
  5. अब एक बड़े बाउल में दही डालकर फेंट लें।  
  6. फेंटी हुई दही में लौकी , भुना जीरा पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालकर मिक्स कर दें।  
  7. नमक सर्व करने के टाइम पर डालें। 
  8. इसके बाद रायते में तड़का लगा दें। तड़का लगाने के लिए गैस पर एक तड़का पैन रखकर गरम कर लें। 
  9. अब तड़का पैन में 1 टी- स्पून घी डालकर गरम कर लें। 
  10. जब घी गरम हो जाए , तब उसमें राई , हींग और करी पत्ता डालकर पका लें । 
  11. रायते के लिए तड़का तैयार है । गैस बंद कर दें और तड़के को रायते में डालकर मिक्स कर दें। 
  12. ऊपर से थोड़ा बारीक कटा हरा धनिया भी डाल दें। 
  13. रायते को 1/2 घंटे के लिए ढँककर ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें। 
  14. 1/2 घंटे के बाद फ्रिज से रायते को बाहर निकालें और स्वादानुसार नमक डालकर ठंडा- ठंडा सर्व करें। 
लाभ 
  1. लौकी का रायता कम कैलोरी वाला होता है । अतः जो लोग वेट लॉस करना चाहते है , उनके लिए बिल्कुल उपयुक्त है। 
  2. लौकी में फ़ौस्फोरस , विटामिन C , विटामिन A और  विटामिन B अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं । 
  3. बालों की हेल्थ के लिए भी लौकी का रायता फायदेमंद होता है। अगर आपके बाल बहुत अधिक झड़ रहे हैं या आपको गंजेपन की समस्या हो रही है तो भी लौकी लाभ पहुंचाती है। 
  4. लौकी एंटी - ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और यूरिन इन्फेक्शन को दूर करने में भी सहायक होती है। 


3- बूंदी का रायता

सामग्री
  1. सादी बूँदी- 1/2 कप 
  2. फेंटी हुई ताजी दही - 1 कप 
  3. सौंफ पाउडर - 1/4 टी- स्पून [ वैकल्पिक ]
  4. काला नमक- स्वादानुसार 
  5. चाट मसाला - 1/4 टी- स्पून 
  6. भुना जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  7. शक्कर - 1 टी- स्पून 
  8. पानी - आवश्यकतानुसार 
  9. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  10. बारीक कटा हरा धनिया - 1 टेबल- स्पून 
विधि 
  1. सबसे पहले एक गहरे बाउल में दही व आवश्यकतानुसार पानी डालकर मथनी से अच्छे से फेंट लें। 
  2. बूँदी पानी सोखती है और दही में जाकर फूलती है । इसलिए रायते की स्थिरता [consistency] को मेंटेन करने के लिए इस रायते में हमने पानी का भी इस्तेमाल किया है। खीरा , लौकी में वैसे भी काफी मात्रा में पानी होता है । इसलिए उन रायतों में पानी नहीं डाला गया है। आप चाहें तो उन रायतों में भी आवश्यकतानुसार पानी डाल सकते हैं। 
  3. अब फेंटी हुई दही में बूंदी, काला नमक , चाट मसाला, भुना जीरा पाउडर , शक्कर , लाल मिर्च पाउडर, सौंफ पाउडर  और बारीक कटी हरी धनिया डालकर मिक्स कर दें। 
  4. ढँककर 10 मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। जिससे बूँदी अच्छे से फूल जाये और सारे मसाले रायते में अपना फ्लेवर छोड़ दें। 
  5. अगर आपको रायता तुरंत सर्व करना है तो पहले 3-4 मिनट तक बूँदी को गरम पानी में भिंगा दें और फिर निचोड़कर तब रायते में डालें। 
  6. अगर आप मसाले वाली बूँदी का इस्तेमाल कर रहे हों तो नमक व मसाले हिसाब से डालें क्यूंकि मसाले वाली बूँदी में पहले से ही काफी मात्रा में नमक और मसाले होते हैं। 
  7. स्वादिष्ट बूँदी रायता तैयार है। ठंडा - ठंडा सर्व करें। 

4- अंकुरित मूंग और पालक का रायता 

सामग्री 
  1. अंकुरित मूंग - 1/2 कप 
  2. फेंटी हुई ताजी दही - 2 कप 
  3. पालक के पत्ते - 1 कप 
  4. भुना जीरा पाउडर - 1 टी- स्पून 
  5. बारीक कटी हरी मिर्च - 1 
  6. काला नमक - स्वादानुसार 
  7. ताजी कुटी हुई काली मिर्च - 1/4 टी- स्पून 
  8. शक्कर - 1 टी- स्पून 
विधि 
  1. सबसे पहले पालक की डंडी को तोड़कर अच्छे से धो लें और उसे एक जाली में रख दें ताकि पालक का सारा पानी झड़ जाये और पालक अच्छे से सूख जाये। 
  2. जब पालक सूख जाये , तब पालक को बारीक - बारीक काट लें। आप चाहें तो पालक के पत्तों को मिक्सर में डालकर पीस भी सकते हैं और इसका पेस्ट बना सकते हैं। 
  3. अब एक गहरे बाउल में दही लें और उसे अच्छे से फेंट लें। 
  4. अब फेंटी हुई दही में काला नमक , भुना जीरा पाउडर , बारीक कटी हरी मिर्च , कुटी हुई काली मिर्च और शक्कर डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। 
  5. इसके बाद इसमें अंकुरित मूँग और कटी हुई पालक भी डाल दें और अच्छे से मिक्स कर दें। 
  6. रायते को ढँककर 1/2 घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। 
  7. 1/2 घंटे बाद फ्रिज से रायते को निकालें और ठंडा - ठंडा सर्व करें। 
लाभ 
  1. पालक और अंकुरित मूँग का रायता विटामिन्स, आयरन, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है। 
  2. इसमें फाइबर्स की भी भरपूर मात्रा होती है इसलिए  यह कब्ज से भी राहत दिलाता है। 
  3. सुस्ती दूर करके शरीर में नयी ऊर्जा का संचार करता है। 
  4. ये रायता हीमोग्लोबिन लेवल सुधारने में भी मदद करता है। 

5- मखाने का रायता 

सामग्री 
  1. मखाने - 1 कप 
  2. फेंटी हुई ताजी दही - 2 कप 
  3. जीरा पाउडर - 1/2 टी- स्पून 
  4. काला नमक - स्वादानुसार 
  5. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  6. शक्कर - 1 टी- स्पून 
  7. बारीक कटी पुदीना की पत्तियाँ- 10-12 
विधि 
  1. सबसे पहले गैस पर एक पैन गरम होने के लिए रख दें और आंच धीमी कर दें। 
  2. पैन में बिना घी या तेल डाले, मखानों को डालकर धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक ड्राई रोस्ट कर लें। 
  3. अगर आपके मखाने बड़े साइज़ के हैं तो या तो भूनने से पहले 2-2 टुकड़े में काट लें या भुनने के बाद हल्का सा कूट लें। 
  4. अब एक बड़े बर्तन में दही डालकर अच्छे से फेंट लें। 
  5. अब फेंटी हुई दही में काला नमक , भुना जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर , शक्कर और बारीक कटे पुदीना के पत्ते डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। 
  6. सारी चीजों को मिक्स करने के बाद मखाने भी डाल  दें और मिक्स कर दें। 
  7. ढँककर मखाने के रायते को 20-25 मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। जिससे मखाने अच्छे से फूल जाएँ। 
  8. इस रायते का इस्तेमाल व्रत के दौरान भी किया जा सकता है। बस लाल मिर्च पाउडर की जगह 1 हरी मिर्च बारीक - बारीक काटकर डाल दें, काला नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल  करें और पुदीना की पत्तियों की जगह बारीक कटी  हरी  धनिया डालें।
  9. 20-25 मिनट के बाद रायते को फ्रिज से निकालें और ठंडा - ठंडा रायता सर्व करें।  
लाभ 
  1. मखाने का रायता मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 
  2. मखाने का नियमित सेवन करने से मानसिक तनाव से राहत मिलती है। 
  3. मखाने का रायता कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। अतः हड्डियों और दांतों के लिए बेस्ट होता है। 
  4. मखाने का रायता हृदय रोग , ब्लड प्रेशर और किडनी जैसी बड़ी बीमारियों में भी लाभ पहुँचाता है। 

6- बथुए का रायता
          
यह रायता विशेषकर सर्दी के मौसम में ही बनाया जाता है। 

सामग्री
  1. बथुआ - 250 ग्राम 
  2. फेंटी हुई दही - 2 कप 
  3. भुना जीरा पाउडर - 1 टी- स्पून 
  4. काली मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  5. सेंधा नमक - स्वादानुसार 
  6. लाल मिर्च पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
  7. पानी - 2 कप 
तड़के के लिए सामग्री 
  1. हींग - 1 चुटकी 
  2. जीरा - 1/2 टी- स्पून 
  3. घी - 1 टी- स्पून 
विधि 
  1. सबसे पहले बथुआ के पत्तों को अच्छे से साफ कर लें और अच्छे से धो लें। 
  2. इसके बाद एक बड़े बर्तन में 2 कप पानी उबलने के लिए रख दें। 
  3. जब पानी में उबाल आ जाये, तब बथुआ के पत्ते डाल दें और ढँककर धीमी आंच पर 4-5  मिनट तक पका लें। 
  4. जब बथुआ के पत्ते पक जाएँ तब गैस बंद कर दें और पत्तों को पानी में से छानकर निकाल लें और ठंडा होने के लिए 1 जाली में फैला दें। 
  5. जब बथुआ के पत्ते ठंडे हो जाएँ , तब मिक्सर में पीसकर इसका पेस्ट बना लें। 
  6. बथुआ के पानी [ जिसमें बथुआ ब्लांच किया गया था ] को फेंके नहीं। यह पानी बहुत पौष्टिक होता है। इसमें थोड़ी सी काली मिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर सूप की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। 
  7. अब एक बड़े बर्तन में दही डालकर फेंट लें। 
  8. फेंटी हुई दही में बथुआ की प्युरी , भूना जीरा पाउडर , काली मिर्च पाउडर , सेंधा नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। 
  9. बहुत से लोग बथुआ के रायते में बारीक कटा लहसून भी डालते हैं। अगर आप भी डालना चाहें तो 2-3 लहसून की कलियों को छीलकर बारीक - बारीक काट लें और सभी चीजों के साथ डालकर मिक्स कर दें। या आप चाहें तो तड़के में डालकर पकाकर भी डाल सकते हैं। 
  10. इसके बाद रायते में तड़का लगा दें। 
  11. इसके लिए एक तड़का पैन में 1 टी - स्पून घी डालकर गरम कर लें और उसमें 1 पिंच हींग और जीरा डालकर पका लें और तड़के को रायते में मिक्स कर लें। 
  12. 10 मिनट तक रायते को ऐसे बाहर ही ढँककर रख दें। क्यूंकि यह रायता अमूमन सर्दियों में बनाया जाता है। इसलिए फ्रिज में न रखें। 
  13.  बथुआ का रायता तैयार है। 10 मिनट बाद रायते को सर्व करें। 
लाभ 
  1. बथुए का रायता अमीनो एसिड से भरपूर होता है जो कोशिकाओं [ cells] के निर्माण और मरम्मत में सहायक होता है। 
  2. इसमें कैलोरी भी बहुत कम मात्रा में पायी जाती है , अतः वजन कम करने में भी मदद करता है। 
  3. इसके अलावा बथुए के रायते में आयरन , विटामिन A , कैल्शियम , फौस्फोरस , पोटैशियम और कई सारे माइक्रो - न्यूट्रीएंट्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। जो कई बड़ी बीमारियों को दूर करने में हमारी मदद करते हैं।
पाइनएप्पल रायता रेसिपी के लिये यहाँ क्लिक करें : https://www.swaadbhisehatbhi.com/2021/04/Navratri-%20special-%20vrat-ki-Thali-.html

दोस्तों, आशा करती हूँ कि स्वाद और सेहत से भरपूर 6 अलग - अलग प्रकार के रायतों कि मेरी उपरोक्त रेसिपीस आपको पसंद आई होगी। आप भी अपने घर पर अपना मनपसंद रायता बनाइये और अपने अनुभव और सुझाव मेरे साथ शेयर करिए।  
  • धन्यवाद॥ 

लोहड़ी स्पेशल मक्के की रोटी और सरसों का साग [ Lohri Special Punjab's Classical Makke ki roti aur Sarson ka saag recipe ]

 नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम लोहड़ी के खास अवसर पर पंजाब की क्लासिकल डिश मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाएँ...