नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम बादाम का कहवा बनाएँगे। यह एक कश्मीरी रेसिपी है। कश्मीरी बादाम का कहवा एक खास तरीके की ग्रीन टी होती है, जिसमें केसर , बादाम और विभिन्न प्रकार के भारतीय मसालों का समावेश होता है। कश्मीर में ठंड बहुत अधिक पड़ती है, अतः वहाँ के लोग अपने शरीर को गरम रखने व अपने आपको सर्दी - जुखाम आदि से बचाने के लिए बादाम के कहवे का सेवन करते हैं। इसे सर्दी व बारिश दोनों मौसमों में बनाया जाता है। इसका स्वाद और खुशबू उतने ही लाजवाब होते हैं, जितनी कश्मीर की वादियों की खूबसूरती होती है। आम तौर पर लोग अपने शरीर को गरम व चुस्त - दुरुस्त रखने के लिए चाय या कॉफी का सेवन करते हैं , क्यूंकि कभी- कभी काम में बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण शारीरिक व मानसिक थकान होने लगती है, लेकिन कश्मीर में एक अलग तरीके की चाय पी जाती है, जिसे कश्मीरी चाय की पत्तियों , कुछ खड़े मसालों से बनाया जाता है और ऊपर से बादाम की कतरनों व केसर से सजाकर सर्व किया जाता है। बादाम और केसर को तो वैसे भी कश्मीर की ही देन मानते हैं, क्यूंकि पूरे भारतवर्ष में सबसे ज्यादा बादाम और केसर का उत्पादन कश्मीर में ही किया जाता है। अतः वहाँ बहुतायत चीजों में इन चीजों का समावेश किया जाता है। कश्मीरी बादाम के कहवे को गुलाबी चाय के नाम से भी जाना जाता है। यह कश्मीर का एक लोकप्रिय और प्रतिष्ठित पेय है। कश्मीर में यह कहवा एक खास तरीके की केटल में बनाया जाता है, जिसे ''समोवर'' कहा जाता है। सुबह - सुबह नाश्ते के वक़्त इसका सेवन करने से न सिर्फ सर्दी - जुखाम से राहत मिलती है , बल्कि रोग - प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है और इस कहवे की खुशबू और स्वाद तन - मन को तरो - ताजा करने में भी सहायक होता है । इस कहवे की सबसे खास बात यह है कि अगर आपके पास कश्मीरी चाय की पत्तियाँ न भी हों तो भी ग्रीन टी- बैग्स का इस्तेमाल करके इसे बनाया जा सकता है और अपनी रेगुलर ग्रीन टी को एक अलग फ्लेवर दिया जा सकता है। तो चलिये स्वाद और सेहत से भरपूर कश्मीरी बादाम का कहवा या कश्मीरी गुलाबी चाय बनाना शुरू करते हैं।
सामग्री
- कश्मीरी चाय की पत्तियाँ - 2 टी- स्पून या ग्रीन टी बैग्स - 2
- बारीक कटे बादाम - 3 टेबल - स्पून
- क्रश की हुई हरी ईलाईची - 2
- दालचीनी - 1 इंच टुकड़ा
- लौंग - 2
- शहद - 4 टी- स्पून या चीनी - 2 टेबल- स्पून
- केसर के धागे - 7-8
- पानी - 2 कप
- सूखे गुलाब की पंखुड़ियाँ - 5-6 [ वैकल्पिक ]
- कश्मीरी बादाम का कहवा बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में 2 कप पानी डालकर गैस पर रख दें।
- दालचीनी , लौंग और ईलाईची को खरल में हल्का सा क्रश कर लें और पानी में डाल दें।
- इसके बाद अगर आपके पास सूखे गुलाब की पंखुड़ियाँ हैं , तो डाल दें। सूखे हुए रोज पेटल्स डालने से कहवा का रंग और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं। लेकिन यह बिल्कुल वैकल्पिक है। अगर रोज - पेटल्स उपलब्ध न हों, तो इसके बिना भी बेहतरीन कहवा बनाया जा सकता है।
- इसके बाद 2-3 केसर के धागे छोड़कर बाकी सभी केसर के धागे पानी में डाल दें। बचाए हुए केसर का धागों का उपयोग हम गार्निशिंग के लिए करेंगे।
- अब अगर आप चीनी का उपयोग कर रहे हों तो वो भी इसी समय डाल दें और कहवा को मीडियम आंच पर 3-4 मिनट तक पकने दें और अगर आप शहद का उपयोग कर रहे हों तो कहवा बनने के बाद छानकर सर्व करने के टाइम पर शहद डालकर मिक्स करें। शहद को पकाया नहीं जाता है।
- 3-4 मिनट के बाद कहवा में कश्मीरी चाय की पत्तियाँ डाल दें और बीच - बीच में हिलाते हुए और 2-3 मिनट तक पका लें।
- अगर आप ग्रीन टी- बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हों तो कहवा को जब हम मीडियम आंच पर चीनी डालकर 3-4 मिनट तक पकाएंगे। उसके बाद गैस बंद कर दें और उसमें 2 ग्रीन टी बैग्स डालकर ढँककर 2-3 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद कहवा को एक दूसरे पतीले या पैन में छान लें और उसमें बारीक कटे हुए बादाम डालकर 1 मिनट तक गैस पर रखकर तेज आंच पर पका लें और गैस बंद कर दें।
- इसके बाद यदि आप शहद का उपयोग कर रहे हों तो वो भी अभी डालकर मिक्स कर दें।
- ध्यान रखें कि बादाम डालने के बाद कहवा को नहीं छानना है। इसलिए हमने पहले ही दूसरे पैन में कहवा को छानकर तब बादाम डाला था।
- शानदार स्वाद और बेहतरीन खुशबू से भरपूर कश्मीरी बादाम का कहवा बनकर तैयार है। इसे किसी कप , ग्लास या कुल्हड़ में डालें , ऊपर से बचाए हुए केसर के धागों से गार्निश करें और गरमागरम सर्व करें।
- कश्मीरी कहवा या कश्मीरी गुलाबी चाय एन्टी - ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। इसका सेवन करने से शरीर की संक्रामक बीमारियों से रक्षा होती है।
- इसका सेवन करने से शरीर में जमा अतिरिक्त वसा या फैट धीरे- धीरे पिघलने लगता है और वजन भी कम होने लगता है।
- इसके सेवन से स्ट्रेस लेवल कम होता है और मानसिक तनाव में भी कमी आने लगती है।
- इस कहवा के उपयोग से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगता है।
- इस कहवा को पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ [ toxins ] बाहर निकलने लगते हैं, बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाव होता है और मुहाँसे आदि दूर होने लगते है। जिससे चेहरा साफ व चमकदार हो जाता है।
- इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और त्वचा को प्राकृतिक नमी मिलती है।
- बहुत अधिक ठंड होने पर इसका सेवन करने से शरीर अंदर से गरम रहता है।