नमस्कार। स्वाद भी सेहत भी ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में खजूर व ड्राइ फ्रूट्स मोदक बनाएँगे। दोस्तों, हर साल की तरह इस साल भी बप्पा का आगमन हो चुका है। आप सभी को गणेश चतुर्थी की ढेर सारी शुभकामनाएँ। भगवान विघ्नहर्ता आप सभी पर अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखें। मोदक भगवान गणेश का प्रिय नैवेद्य है। गणेश चतुर्थी के खास मौके पर बप्पा के भक्त उन्हें भिन्न - भिन्न प्रकार के मोदक अर्पित करते हैं। 11 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को देशभर में विशेषकर महाराष्ट्र में बड़ी ही धूम - धाम के साथ मनाया जाता है। गणेश - चतुर्थी का त्यौहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारम्भ होकर अनंत - चतुर्दशी तक चलता है। इस दौरान मंगलमूर्ति , विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश के भक्त बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति से गणपति बप्पा की मूर्ति को अपने घर लाते हैं , उनकी स्थापना करते हैं और यथासंभव डेढ़ दिन, तीन दिन , पाँच दिन , सात दिन या 11 दिन तक गणपति बप्पा की सेवा करते हैं तथा उन्हें नैवेद्य अर्पित करते हैं। ग्यारहवें दिन बड़ी ही धूम - धाम , बाजे- गाजे व हर्षोल्लास के साथ झूमते- नाचते बप्पा के भक्त उनका विसर्जन कर उनसे विदाई लेते हैं और नम आँखों से अगले वर्ष जल्दी आने का अनुरोध भी करते हैं। इस पूरे गणेशोत्सव के दौरान जो नैवेद्य आवश्यक रूप से गणपति बप्पा को अर्पित किया जाता है, वह है -'' मोदक''। मान्यता है कि बल, बुद्धि , रिद्धी , सिद्धि , समृद्धि , मंगल व सौभाग्य के देवता गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं। क्या आप जानते हैं कि जो भोग गणपति बप्पा इतना पसंद करते हैं, उसका मतलब क्या है - पुराणों में मोदक का अर्थ खुशी बताया गया है। कहा जाता है कि भगवान श्री गणेश हमेशा खुश रहते हैं और अपने भक्तों के भी विघ्न दूर करके उनका मंगल करते हैं और उन्हें खुशियाँ प्रदान करते हैं। यही वजह है कि भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है।
वैसे इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि एक बार देवाधिदेव महादेव कैलाश पर्वत पर शयन कर रहे थे और प्रथम पूज्य , हम सबके प्यारे गणपति महाराज अपने पिता की आज्ञा से द्वार पर पहरा दे रहे थे। तभी भगवान परशुराम वहाँ महादेव के दर्शन हेतु पधारे और गणपति बप्पा से महादेव के दर्शन का अनुरोध किया लेकिन बप्पा अपने पिता की आज्ञा की अवहेलना नहीं सकते थे , अतः उन्होने परशुराम जी को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया और उन्हें वहीं दरवाजे पर ही रोक दिया। इस बात से परशुराम जी बहुत क्रोधित हो गए और उन्होने भगवान शिव के दिये परशु से गणपति बप्पा पर प्रहार कर दिया। इस प्रहार से गणपति बप्पा का एक दाँत टूट गया। तभी से गणेश जी को '' एकदंत'' भी कहा जाने लगा। दाँत टूट जाने की वजह से बप्पा को खाने - पीने में बहुत ही परेशानी होती थी। जिससे परेशान होकर माता पार्वती ने उनके लिए मोदक बनाए , क्यूंकि मोदक काफी मुलायम होते हैं। मोदक खाने से न सिर्फ उनका पेट भर गया बल्कि वे काफी प्रसन्न भी हुए। बस तभी से मोदक गणेश जी को प्रिय हो गया।
मोदक कई प्रकार के होते हैं, जैसे;- भाप में पके चावल के पारंपरिक मोदक, अंजीर मोदक, मावा मोदक , ड्राइ फ्रूट्स मोदक , चॉकलेट मोदक, फ्राइड मोदक , सूजी के मोदक , पान मोदक आदि। आज हम खजूर व ड्राइ फ्रूट्स के मोदक बनाएँगे, जिसे आप शुगर फ्री मोदक भी कह सकते हैं क्यूंकि इसमें चीनी या गुड़ का उपयोग बिल्कुल भी नहीं किया जाता है, जिससे डायबिटीज़ के पेशेंट भी आराम से इसे खा सकते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यह मोदक कम समय में और झटपट बनकर तैयार हो जाता है। तो चलिये स्वाद और सेहत से भरपूर खजूर व ड्राइ फ्रूट्स के शुगर फ्री मोदक बनाना शुरू करते हैं।
सामग्री
- खजूर - 2 कप [ 2 घंटे तक पानी में भिंगाए हुए ]
- बादाम - 10
- काजू - 10
- खसखस - 1 टी- स्पून
- पिस्ता - 7-8
- अखरोट - 3- 4
- किशमिश - 8
- ईलाईची पाउडर- 1/2 टी- स्पून
- घी - 3 टी- स्पून
- नारियल का चूरा- 1/2 कप
- मोदक बनाने का साँचा
- सबसे पहले सभी सूखे मेवे जैसे काजू, बादाम , अखरोट , पिस्ता को मिक्सर के जार में डालकर दरदरा पीस लें।
- खजूर के बीज निकाल दें तथा खजूर व किशमिश को भी मिक्सर में बिना पानी डाले पीस लें।
- अब एक पैन में 1 टी- स्पून घी डालकर गरम करें और उसमें दरदरे पीसे ड्राइ फ्रूट्स डालकर धीमी आंच पर हल्का सा भून लें ताकि ड्राइ फ्रूट्स का कच्चापन निकल जाए। भुन जाने पर एक प्लेट में निकालकर रख लें।
- अब इसी पैन में बारी - बारी से खसखस और नारियल भी धीमी आंच पर भूनकर निकाल लें ।
- इसके बाद पैन में खजूर वाला पेस्ट और ईलाईची पाउडर डाल दें और 1 मिनट तक धीमी आंच पर चलाते हुए पका लें।
- इसके बाद पैन में दरदरे पिसे ड्राइ फ्रूट्स , खसखस और नारियल का चूरा भी डाल दें और सभी चीजों को धीमी आंच पर अच्छे से चलाते हुए मिक्स कर दें।
- जब मिश्रण अच्छे से मिक्स होकर इकट्ठा होने लगे, तब गॅस बंद कर दें और मिश्रण को निकालकर एक प्लेट में थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें।
- पूरी प्रक्रिया के दौरान गैस की आंच धीमी ही रखें, नहीं तो ड्राइ फ्रूट्स जल जाएंगे और मोदक का स्वाद खराब हो जाएगा।
- इसके बाद बचाए हुए 2 टी- स्पून घी को भी पिघला लें और मोदक के मोल्ड या साँचे में हल्का सा घी लगाकर साँचे को चिकना कर लें।
- अब तैयार मिश्रण में से थोड़ा सा भाग लेकर उसे गोल शेप देकर मोदक के साँचे / मोल्ड में डाल दें।
- अतिरिक्त मिश्रण जो बाहर निकल रहा हो वो हटा दें।
- सावधानी से साँचे को खोलकर उसमें से मोदक बाहर निकाल लें।
- ऐसे ही सारे मोदक बनाकर तैयार कर लें।
- सुंदर, स्वादिष्ट और पौष्टिक मोदक बनकर तैयार हैं।
- खजूर - खजूर एंटी - ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जिससे स्किन से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। इसके अलावा खजूर रोग - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। खजूर में फाइबर्स भी भरपूर होता है, जिससे पेट व पाचन - क्रिया से जुड़ी समस्याएँ दूर होती है। इसके अलावा खजूर में कैरोटेनोइड और फिनोलिक एसिड नाम के तत्व भी पाये जाते हैं, जो दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने का विशेष गुण रखते हैं। गर्भावस्था में खजूर के सेवन से महिलाओं को लेबर पेन कम होता है । इसलिए रोज 1 ग्लास दूध के साथ 2-3 खजूर जरूर खाएं , इससे शरीर भी ताकतवर होता है।
- बादाम - यह तो हम सभी जानते हैं कि रोज सुबह 4-5 भिंगाए हुए बादाम खाने से याद्दाश्त मजबूत होती है। क्यूंकि बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जिसे ब्रेन फूड कहा जाता है। इसके अलावा बादाम में मौजूद फ्लेवोनाइड्स कैंसर सेल्स को बनने से रोकता है। भिंगे हुए बादाम प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होते हैं , जो नवीन कोशिकाओं के निर्माण, व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक विकास और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होते हैं। बादाम में फाइबर्स , एन्टी - ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज, विटामिन A और E की भी भरपूर मात्रा पायी जाती है। बादाम अल्जाइमर जैसी बीमारी में भी फायदेमंद होता है।
- काजू - काजू में वैसे तो काफी मात्रा में कैलोरी पायी जाती है, लेकिन नियंत्रित मात्रा में इसका सेवन शरीर के लिए लाभकारी ही होता है। काजू को ड्राइ फ्रूट्स का राजा कहा जाता है। इसका इस्तेमाल मिठाइयों व रिच सब्जियों की ग्रेवी बनाने के लिए खूब किया जाता है। काजू ऊर्जा का एक अच्छा स्त्रोत माना जाता है। काजू में मैग्नीशियम , जिंक , आयरन , फ़ौस्फोरस , प्रोटीन , मोनो सैचुरेटेड फैट और कैल्शियम आदि जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं। जो स्किन व बालों को स्वस्थ बनाते हैं, उन्हें मजबूती प्रदान करते हैं। पाचन में उपयोगी होते हैं , तथा हड्डियों के लिए भी लाभकारी होते हैं, लेकिन 1 दिन में 2 काजू से ज्यादा न खाएं।
- खसखस - खसखस बुखार, पेट की जलन व सूजन में आराम पहुंचता है। इसमें ओमेगा 6 फैटी ऐसिड , प्रोटीन व फाइबर्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है। इसके अलावा इसमें विभिन्न फाइटोकेमिकल्स , विटामिन B , थायमीन , कैल्शियम और मैगनीज भी होता है। इसलिए खसखस को एक उच्च पोषण वाला आहार माना जाता है। खसखस के सेवन से अनिद्रा , कब्ज की शिकायत आदि दूर होती है और सांस की परेशानी में भी लाभ मिलता है।
- अखरोट - जितना फायदेमंद भिंगा हुआ बादाम होता है, उतना ही फायदेमंद भिंगे हुए अखरोट भी होते हैं। रोजाना 2 अखरोट रात भर पानी में भिंगाकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इससे स्ट्रेस लेवल कम हो जाता है। अखरोट वेट लॉस में , ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में , दिमाग के विकास में तथा हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
- पिस्ता - पिस्ता में फाइबर्स , अमीनो एसिड आदि पाया जाता है, जो न सिर्फ सिर दर्द , मुँह की दुर्गंध को दूर करने , दस्त , खुजली आदि में लाभ पहुंचाता है , बल्कि शारीरिक कमजोरी को दूर करता है और मानसिक स्वास्थ भी बेहतर बनाता है। पिस्ता में सोडियम , विटामिन A आदि भी पाया जाता है, जो आंखों व हड्डियों के लिए अच्छे होते हैं। रोज सुबह 3-4 पिस्ते का सेवन अवश्य करें।
- नारियल - नारियल पोषक तत्वों की खान होता है। इसमें कॉपर , सेलेनियम , आयरन , फ़ौस्फोरस , पोटैशियम , मैग्नीशियम और जस्ता जैसे खनिज मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल भी पाया जाता है। इसके अलावा नारियल में सीमित मात्रा में फोलेट , विटामिन B और थीयामिन भी पाये जाते हैं। नारियल खाने से कब्ज से राहत मिलती है और पाचन तंत्र बेहतर तरीके से कार्य करता है, क्यूंकि इसमें 61% डायटरी फाइबर होता है। नारियल मोनोलौरिन और लौरिक एसिड का एक समृद्ध स्त्रोत है, जो एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल होता है , जिससे फोड़े , फुंसी दाद , मुँहासे आदि समस्याएँ दूर होती हैं। नारियल का तेल बालों के लिए वरदान माना जाता है। नारियल पानी में भी ढेर सारे मिनरल्स पाये जाते हैं और शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या भी नहीं होती है। इसके साथ ही नारियल को जीवन रक्षक भी कहा जाता है।